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उत्तर कोरिया में आई बाढ़, तानाशाह किम जोंग ने 30 अधिकारियों को दी मौत की सजा - Kim Jong executes 30 officials - KIM JONG EXECUTES 30 OFFICIALS

Kim Jong Un executes 30 officials North Korea floods: किम जोंग-उन की सनक से दुनियाभर के देश थर्राते हैं. किम अपने सनकी फैसलों के लिए जाने जाते हैं. हाल में उन्होंने ऐसे फरमान सुनाए जिसकी चर्चा जोरों पर है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

Kim Jong Un
किम जोंग उन ने 30 अधिकारियों को फांसी दी (प्रतीकात्मक फोटो) (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 4, 2024, 9:31 AM IST

सियोल: उत्तर कोरिया के नेता और तानाशाह किम जोंग की खौफनाक कहानियों की चर्चा होती रहती है. वह ऐसे सनकी फैसले लेते हैं जिसे सुनकर लोगों की रूह कांप जाती है. उनकी सनक के कारण उन्हें दुनियाभर में सबसे खतरनाक नेता माना जाता है. अमेरिका भी किम से डरता है. वह दूसरे देशों के लिए नहीं बल्कि अपने देश के लोगों के लिए भी बेहद खतरनाक माने जाते हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तानाशाह किम जोंग के एक बार फिर सनकी फैसला लेने का मामला सामने आया है. खबर है कि किम जोंग उन ने 30 अधिकारियों को फांसी दी. बताया जाता है कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने गर्मियों में भारी बाढ़ और भूस्खलन को रोकने में कथित रूप से विफल रहने के कारण 30 अधिकारियों को मृत्युदंड देने का आदेश दिया.

बताया जाता है कि उत्तर कोरिया में बाढ़ के चलते करीब 4,000 लोगों की मौत हो गई. इस दौरान उत्तर कोरिया में 20 से 30 अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और कर्तव्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया. बताया गया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पिछले महीने के अंत में एक ही समय में 20 से 30 अधिकारियों को मौत की सजा का आदेश दिया गया. हालांकि 30 लोगों को फांसी दिए जाने रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की गई.

उत्तर कोरियाई केंद्रीय समाचार एजेंसी ने पहले बताया था कि किम ने जुलाई में चागांग प्रांत में आई भयावह बाढ़ के बाद अधिकारियों को सख्ती से दंडित करने का आदेश दिया गया था. इस बाढ़ के चलते काफी संख्या में लोगों की जान चली गई थी और 15,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए थे.

जिन अधिकारियों को फांसी दी गई उनकी पहचान उजागर नहीं की गई है, हालांकि मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि किम जोंग ने बाढ़ के दौरान एक आपातकालीन बैठक में कई अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया था. किम के साथ बैठक के बाद ऐसी खबरें आई कि बर्खास्त किए गए अधिकारी इतने चिंतित थे कि उन्हें नहीं पता कि कब उनकी गर्दन कट जाएगी.

किम जोंग को हाल के महीनों बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करते और निवासियों से मिलते हुए देखा गया था. यह पहली बार नहीं है जब किम द्वारा कथित विफलता के लिए अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई. 2019 में किम सरकार ने कथित तौर पर किम और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच शिखर सम्मेलन के लिए बातचीत करने में विफल रहने के लिए अमेरिका में अपने परमाणु दूत किम ह्योक चोल को मार डाला था. तब यह पता चला कि चोल केवल हिरासत में था.

ये भी पढ़ें- उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया: द. कोरिया

सियोल: उत्तर कोरिया के नेता और तानाशाह किम जोंग की खौफनाक कहानियों की चर्चा होती रहती है. वह ऐसे सनकी फैसले लेते हैं जिसे सुनकर लोगों की रूह कांप जाती है. उनकी सनक के कारण उन्हें दुनियाभर में सबसे खतरनाक नेता माना जाता है. अमेरिका भी किम से डरता है. वह दूसरे देशों के लिए नहीं बल्कि अपने देश के लोगों के लिए भी बेहद खतरनाक माने जाते हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तानाशाह किम जोंग के एक बार फिर सनकी फैसला लेने का मामला सामने आया है. खबर है कि किम जोंग उन ने 30 अधिकारियों को फांसी दी. बताया जाता है कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने गर्मियों में भारी बाढ़ और भूस्खलन को रोकने में कथित रूप से विफल रहने के कारण 30 अधिकारियों को मृत्युदंड देने का आदेश दिया.

बताया जाता है कि उत्तर कोरिया में बाढ़ के चलते करीब 4,000 लोगों की मौत हो गई. इस दौरान उत्तर कोरिया में 20 से 30 अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और कर्तव्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया. बताया गया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पिछले महीने के अंत में एक ही समय में 20 से 30 अधिकारियों को मौत की सजा का आदेश दिया गया. हालांकि 30 लोगों को फांसी दिए जाने रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की गई.

उत्तर कोरियाई केंद्रीय समाचार एजेंसी ने पहले बताया था कि किम ने जुलाई में चागांग प्रांत में आई भयावह बाढ़ के बाद अधिकारियों को सख्ती से दंडित करने का आदेश दिया गया था. इस बाढ़ के चलते काफी संख्या में लोगों की जान चली गई थी और 15,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए थे.

जिन अधिकारियों को फांसी दी गई उनकी पहचान उजागर नहीं की गई है, हालांकि मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि किम जोंग ने बाढ़ के दौरान एक आपातकालीन बैठक में कई अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया था. किम के साथ बैठक के बाद ऐसी खबरें आई कि बर्खास्त किए गए अधिकारी इतने चिंतित थे कि उन्हें नहीं पता कि कब उनकी गर्दन कट जाएगी.

किम जोंग को हाल के महीनों बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करते और निवासियों से मिलते हुए देखा गया था. यह पहली बार नहीं है जब किम द्वारा कथित विफलता के लिए अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई. 2019 में किम सरकार ने कथित तौर पर किम और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच शिखर सम्मेलन के लिए बातचीत करने में विफल रहने के लिए अमेरिका में अपने परमाणु दूत किम ह्योक चोल को मार डाला था. तब यह पता चला कि चोल केवल हिरासत में था.

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