टोरंटो: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने नौकरी को लेकर बड़ा और सख्त फैसला लिया है. उन्होंने चुनाव से पहले कड़ा फैसला लेते हुए कहा कि देश में अस्थाई नौकरी करने वाले विदेशी छात्रों की संख्या कम की जाएगी. इस फैसले का सबसे ज्यादा असर भारतीय छात्रों पर पड़ेगा. बता दें, कनाडा में पढ़ने गए भारतीय स्टूडेंट्स महंगाई के चलते परेशान रहते हैं, और पढ़ाई के बाद नौकरी भी करते हैं. ट्रूडो के इस ऐलान से प्रवासी युवाओं की बेरोजगारी बढ़ने लगेगी.
We’re reducing the number of low-wage, temporary foreign workers in Canada.
— Justin Trudeau (@JustinTrudeau) August 26, 2024
The labour market has changed. Now is the time for our businesses to invest in Canadian workers and youth.
कनाडाई प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि श्रम बाजार बदल गया है. इस वजह से हम कनाडा में कम वेतन वाले अस्थायी विदेशी कर्मचारियों की संख्या कम कर रहे हैं. अब समय आ गया है कि हमारे व्यवसाय कनाडा के श्रमिकों और युवाओं में निवेश करें.
इस फैसले के बाद ट्रूडो की जमकर आलोचना हो रही है. कनाडा में बड़ी संख्या में लोग उनका इस्तीफा मांग रहे हैं. सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने उनको अबतक का सबसे खराब प्रधानमंत्री घोषित कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ समय से कनाडा में विदेशियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. इससे लगातार बेरोजगारी भी बढ़ रही है. बेरोजगारी को बढ़ता देख वहां के मंत्री ने कहा कि इसके लिए हमलोग जरूरी फैसले जल्द लेंगे.
इन सेक्टर्स पर पड़ेगा असर
अभी तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक कम सैलरी वाली नौकरियों के लिए परमिट अब से एक साल के लिए दिया जाएगा. वहीं, कृषि, हेल्थ और कंस्ट्रक्शन के सेक्टर्स में छूट जारी रहेगी. वहीं, वर्करों की संख्या भी 20 फीसदी से कम करके 10 फीसदी किए जाने की संभावना है.
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