टोक्यो: जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने बुधवार को एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए घोषणा की कि वह सितंबर में होने वाले पार्टी नेतृत्व के चुनाव में भाग नहीं लेंगे. इससे जापान को नया प्रधानमंत्री मिलने का रास्ता साफ हो गया है. किशिदा को 2021 में अपनी सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था और उनका तीन साल का कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो रहा है.
उनके इस दौड़ से बाहर होने का मतलब है कि पार्टी को एक नया नेता प्रधानमंत्री के रूप में उनका उत्तराधिकारी बनेगा क्योंकि एलडीपी संसद के दोनों सदनों को नियंत्रित करती है. अपनी पार्टी के भ्रष्टाचार घोटालों से त्रस्त किशिदा को समर्थन रेटिंग में गिरावट का सामना करना पड़ा है जो 20फीसदी से नीचे गिर गई है. उन्होंने घोषणा की कि वे सितंबर में होने वाले चुनाव में भाग नहीं लेंगे, ताकि एक नए नेता को मौका मिल सके और वे दिखा सकें कि उनकी पार्टी बेहतरी के लिए बदल रही है. उन्होंने कहा कि किशिदा एक नए नेता का समर्थन करेंगे.
वर्ष के आरंभ में स्थानीय चुनावों में हार के कारण उनकी लोकप्रियता कम हो गई है. साथ ही एल.डी.पी. सांसदों ने अगले आम चुनाव से पहले एक नए चेहरे की आवश्यकता पर जोर दिया है. भ्रष्टाचार कांड सामने आने के बाद से किशिदा ने कई कैबिनेट मंत्रियों और अन्य लोगों को पार्टी के कार्यकारी पदों से हटा दिया है. पार्टी के उन गुटों को भंग कर दिया है जिनकी आलोचना पैसे के बदले पक्षपात की राजनीति के स्रोत के रूप में की गई थी. राजनीतिक धन नियंत्रण कानून को कड़ा करने वाला कानून पारित किया है लेकिन उनकी सरकार के लिए समर्थन कम हो गया है.
यह घोटाला पार्टी कार्यक्रमों के लिए बेचे गए टिकटों के माध्यम से जुटाए गए अघोषित राजनीतिक धन से जुड़ा है. इसमें 80 से अधिक एलडीपी सांसद शामिल थे, जिनमें से अधिकांश पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की अगुआई वाले एक प्रमुख पार्टी गुट से संबंधित थे. उनकी हत्या कर दी गई थी. जनवरी में दस सांसदों और उनके सहयोगियों पर आरोप लगाए गए थे.