दुबई : इजराइल के ईरान पर हमले ने पूरे मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा दिया है. यह पहली बार है कि इजराइल ने खुलेआम ईरान पर हमला किया है. ईरान पर 1980 के बाद किसी भी देश ने सीधा हमला नहीं किया है.
इजराइल ने देर रात हमला शुरू किया और सूर्योदय होने से ठीक पहले इसे रोक दिया. इजराइली सेना ने कहा कि उसके सभी विमान सुरक्षित लौट चुके हैं. सेना ने कहा कि उसने उन जगहों को निशाना बनाया है, जहां पर ईरान मिसाइल निर्माण कर रहा है, और इन्हीं मिसाइलों से ईरान ने इजराइल पर हमला किया था.
इजराइली सेना ने बताया कि उसने ईरानी हवाई क्षमता पर भी आक्रमण किया. इस हमले से पहले ऐसा माना जा रहा था कि इजराइल ईरान की परमाणु क्षमता पर हमला कर सकता है. हालांकि, इजराइल ने अमेरिका को आश्वासन दिया था कि वह परमाणु सुविधाओं और तेल प्रतिष्ठानों पर हमले नहीं करेगा.
यहां आपको बता दें कि ईरान ने एक अक्टूबर को इजराइल पर हमला किया था. उसने 180 से अधिक मिसाइल छोड़े थे. ईरान ने इजराइल के प्रधानमंत्री आवास पर भी हमला किया था.
Israel has hit Tehran and other sites in Iran with retaliatory air strikes https://t.co/4citpHMOjG
— BBC Breaking News (@BBCBreaking) October 26, 2024
इजराइली सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल ने कहा, "ईरान सात अक्टूबर से लगातार इजराइल पर हमला कर रहा है, जिसमें ईरानी धरती से सीधे हमले भी शामिल हैं. इसलिए दुनिया के हर दूसरे संप्रभु देश की तरह, इजराइल को भी जवाब देने का अधिकार है और यह उसका अपने देश के प्रति कर्तव्य भी है. " हालांकि, इस हमले के बाद अमेरिका ने इजराइल को चेतावनी दी है कि वह आगे और हमले न करे.
क्या कहा ईरान ने
ईरान की सरकारी मीडिया ने इन धमाकों की पुष्टि की है. हालांकि, उसने कहा कि इससे उसे बहुत अधिक नुकसान नहीं पहुंचा है. धमाकों की आवाज ईरान में भी सुनाई दे रही थी. एयर डिफेंस सिस्टम पर हमले की कोशिश की गई है. ईरान की सेना ने कहा कि हमलों में इलम, खुजेस्तान और तेहरान प्रांतों में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया है और इससे बहुत अधिक नुकसान नहीं हुआ है.
🚨🇮🇷🇮🇱IRAN DOWNPLAYS ISRAELI AIRSTRIKES
— Mario Nawfal (@MarioNawfal) October 26, 2024
Following Israel’s retaliatory airstrikes, Iran has resumed commercial flights to and from the country.
Iranian state media is also broadcasting footage of commuters showing life has returned to normal to try and minimize the significance… pic.twitter.com/q9LJtjfCbm
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि हमले की खबर के तुरंत बाद सामान्य खबरें दिखाई जाने लगीं. एपी न्यूज एजेंसी ने बताया है कि एक स्थानीय नागरिक ने सात विस्फोट सुने जाने को लेकर जानकारी दी है. सरफेस टू एयर मिसाइलों को स्पॉट किया गया. शहर में कई जगहों पर आग की ऊंची-ऊंची लपटें देखी गईं. ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं.
क्या कहा अमेरिका ने
अमेरिका चाहता है कि इस युद्ध का दायरा और अधिक न बढ़े. अमेरिका राष्ट्रपति को पल-पल की सूचना दी जा रही है. मेजर जनरल पैट राइडर ने शुक्रवार देर रात कहा कि अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने ईरान में सैन्य ठिकानों पर इजराइल के हमलों के बारे में अपने इजराइली समकक्ष योव गैलेंट से बात की. अमेरिका इस बात का पक्षधर है कि इजराइल को सेल्फ डिफेंस का अधिकार है, लेकिन इसे और अधिक बढ़ाने की जरूरत नहीं है.
सऊदी अरब ने की निंदा
ईरान पर हुए हमले की सऊदी अरब ने निंदा की है. एक बयान जारी कर सऊदी अरब ने इस हमले को संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया है. सऊदी अरब की निंदा के भी कई मायने हैं.
#Statement | The Kingdom of Saudi Arabia expresses its condemnation and denunciation of the military targeting of the Islamic Republic of Iran, which is a violation of its sovereignty and a violation of international laws and norms. The Kingdom also affirms its unwavering… pic.twitter.com/3iLuGlmiwM
— Foreign Ministry 🇸🇦 (@KSAmofaEN) October 26, 2024
दरअसल यह सबको पता है कि सऊदी अरब और ईरान के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हैं. सऊदी अरब एक सुन्नी प्रमुख राष्ट्र है, जबकि ईरान शिया मुल्क है. ईरान और सऊदी अरब समय-समय पर एक दूसरे को नसीहत देते रहे हैं. इसके बावजूद सऊदी अरब ने ईरान पर हुए हमले को उचित नहीं ठहराया है. दूसरी ओर इजराइल और सऊदी अरब ने लंबे समय बाद कोई समझौता किया है, जिसमें राजनयिक बहाली भी शामिल है.
क्या है पृष्ठभूमि
पिछले साल सात अक्टूबर को हमास और अन्य आतंकवादियों ने इजराइल पर हमला किया था. इस हमले में 1200 से अधिक लोग मारे गए और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया था. इसके जवाब में इजराइल ने हमास के खिलाफ कार्रवाई शुरू की. कई हमले किए. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि जब तक सारे बंधकों को छुड़ा नहीं लिया जाता है, तब तक हमले जारी रहेंगे.
लोकल हेल्थ अधिकारियों के मुताबिक इस युद्ध में अब तक 42 हजार पिलिस्तीनी मारे गए हैं. और मरने वालों में आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं. इजराइल के उत्तर में लेबनान है. दक्षिणी लेबनान से हिजबुल्लाह ने इजराइल पर हमला किया था. इजराइल ने हिजबुल्लाह के वरिष्ठ कमांडरों को मार गिराया. हिजबुल्लाह को ईरान का समर्थन प्राप्त है.
ईरान में 1979 को इस्लामिक क्रांति आई थी. इसके बाद से ईरान और इजराइल एक दूसरे के कट्टर दुश्मन बने हुए हैं. ईरान तभी से इजराइल के खिलाफ कई आतंकवादी समूहों का साथ देता रहा है.
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