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भारत ने इजराइल के खिलाफ 34 देशों के प्रस्ताव का किया समर्थन, कहा- शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोपरि

लेबनान में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की चौकियों पर इजराइल के हमले का भारत ने विरोध किया है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

India on attack on UN posts in Lebanon  Peacekeepers safety
लेबनान में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक (AP)

तेल अवीव/ न्यूयॉर्क: इजराइल और लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष जारी है. इजराइली सेना लेबनान में भारी बमबारी के साथ दक्षिण लेबनान में जमीन सैन्य अभियान भी चला रही है. इस दौरान इजराइली टैंकों द्वारा इजराइल-लेबनान की सीमा पर तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की चौकियों पर हमले किए गए, जिसमें कुछ शांति सैनिक घायल हुए हैं.

यूएन शांति सैनिकों पर इजराइल के हमले की दुनिया भर में निंदा हुई है. भारत ने भी इजराइल के इस कदम का विरोध किया है और लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) की सुरक्षा पर जोर दिया.

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन ने जोर देकर कहा कि एक प्रमुख सैन्य-योगदानकर्ता देश के रूप में, भारत यूएनआईएफआईएल का समर्थन करने वाले 34 देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान के साथ खड़ा है. भारत ने कहा, "शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसे मौजूदा यूएनएससी प्रस्तावों के अनुसार सुनिश्चित किया जाना चाहिए."

लेबनान में 600 भारतीय सैनिक संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का हिस्सा हैं, और इजराइल-लेबनान सीमा पर 120 किलोमीटर की ब्लू लाइन पर तैनात हैं.

लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) की ओर से शनिवार को एक बयान कहा गया कि क्षेत्र में चल रही सैन्य कार्रवाई के बीच शुक्रवार रात एक शांति सैनिक गोली लगने से घायल हो गया. शांति सैनिक का स्थानीय अस्पताल में ऑपरेशन किया गया और अब उसकी हालत स्थिर है.

यूएनआईएफआईएल ने कहा, "हम सभी पक्षों को यूएन कर्मियों और परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं, जिसमें UNIFIL चैकियों के पास युद्ध गतिविधियों से बचना भी शामिल है."

इससे पहले, इजराइल रक्षा बलों (IDF) ने स्वीकार किया कि उसके सैनिकों ने लेबनान के नकौरा में UNIFIL चौकी पर गोलीबारी की थी, जिसमें दो श्रीलंकाई शांति सैनिक घायल हो गए थे. IDF ने बताया कि सैनिकों ने एक संभावित खतरे की पहचान की थी, जिसके अनुसार गोलीबारी की थी.

यूएन की चौकियों पर गोलीबारी जानबूझकर की गई!
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष शांति अधिकारी, जीन-पियरे लैक्रोइक्स का कहना है कि ऐसे संकेत मिले हैं कि यूएन की चौकियों पर कुछ गोलीबारी जानबूझकर की गई हो सकती है. उन्होंने कहा कि एक घटना में एक टॉवर पर आग लगी थी, और कैमरों को नुकसान पहुंचा था, जो हमें प्रत्यक्ष गोलीबारी जैसा लग रहा है.

2006 के लेबनान युद्ध को खत्म करने के इरादे से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव 1701 अपनाया गया था. यह प्रस्ताव लगभग दो दशकों से इजराइल और लेबनान के बीच शांति की आधारशिला रहा है. इसके तहत इजराइल-लेबनान की सीमा पर 10,000 संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की तैनाती की गई है, जो क्षेत्र में युद्धविराम की निगरानी कर रही है. इसी प्रस्ताव के बाद इजराइल ने दक्षिणी लेबनान से अपनी सेना वापस बुला ली थी.

यह भी पढ़ें- हिज्बुल्लाह ने लेबनान से कई रॉकेट लॉन्च किये, इजराइल ने की जवाबी कार्रवाही

तेल अवीव/ न्यूयॉर्क: इजराइल और लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष जारी है. इजराइली सेना लेबनान में भारी बमबारी के साथ दक्षिण लेबनान में जमीन सैन्य अभियान भी चला रही है. इस दौरान इजराइली टैंकों द्वारा इजराइल-लेबनान की सीमा पर तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की चौकियों पर हमले किए गए, जिसमें कुछ शांति सैनिक घायल हुए हैं.

यूएन शांति सैनिकों पर इजराइल के हमले की दुनिया भर में निंदा हुई है. भारत ने भी इजराइल के इस कदम का विरोध किया है और लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) की सुरक्षा पर जोर दिया.

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन ने जोर देकर कहा कि एक प्रमुख सैन्य-योगदानकर्ता देश के रूप में, भारत यूएनआईएफआईएल का समर्थन करने वाले 34 देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान के साथ खड़ा है. भारत ने कहा, "शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसे मौजूदा यूएनएससी प्रस्तावों के अनुसार सुनिश्चित किया जाना चाहिए."

लेबनान में 600 भारतीय सैनिक संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का हिस्सा हैं, और इजराइल-लेबनान सीमा पर 120 किलोमीटर की ब्लू लाइन पर तैनात हैं.

लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) की ओर से शनिवार को एक बयान कहा गया कि क्षेत्र में चल रही सैन्य कार्रवाई के बीच शुक्रवार रात एक शांति सैनिक गोली लगने से घायल हो गया. शांति सैनिक का स्थानीय अस्पताल में ऑपरेशन किया गया और अब उसकी हालत स्थिर है.

यूएनआईएफआईएल ने कहा, "हम सभी पक्षों को यूएन कर्मियों और परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं, जिसमें UNIFIL चैकियों के पास युद्ध गतिविधियों से बचना भी शामिल है."

इससे पहले, इजराइल रक्षा बलों (IDF) ने स्वीकार किया कि उसके सैनिकों ने लेबनान के नकौरा में UNIFIL चौकी पर गोलीबारी की थी, जिसमें दो श्रीलंकाई शांति सैनिक घायल हो गए थे. IDF ने बताया कि सैनिकों ने एक संभावित खतरे की पहचान की थी, जिसके अनुसार गोलीबारी की थी.

यूएन की चौकियों पर गोलीबारी जानबूझकर की गई!
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष शांति अधिकारी, जीन-पियरे लैक्रोइक्स का कहना है कि ऐसे संकेत मिले हैं कि यूएन की चौकियों पर कुछ गोलीबारी जानबूझकर की गई हो सकती है. उन्होंने कहा कि एक घटना में एक टॉवर पर आग लगी थी, और कैमरों को नुकसान पहुंचा था, जो हमें प्रत्यक्ष गोलीबारी जैसा लग रहा है.

2006 के लेबनान युद्ध को खत्म करने के इरादे से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव 1701 अपनाया गया था. यह प्रस्ताव लगभग दो दशकों से इजराइल और लेबनान के बीच शांति की आधारशिला रहा है. इसके तहत इजराइल-लेबनान की सीमा पर 10,000 संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की तैनाती की गई है, जो क्षेत्र में युद्धविराम की निगरानी कर रही है. इसी प्रस्ताव के बाद इजराइल ने दक्षिणी लेबनान से अपनी सेना वापस बुला ली थी.

यह भी पढ़ें- हिज्बुल्लाह ने लेबनान से कई रॉकेट लॉन्च किये, इजराइल ने की जवाबी कार्रवाही

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