नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की 31वीं बैठक गुरुवार 29 अगस्त को बीजिंग में आयोजित की. जिसमें दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया ताकि मतभेदों को कम किया जा सके और लंबित मुद्दों का शीघ्र समाधान खोजा जा सके.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि डब्ल्यूएमसीसी की 31वीं बैठक में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) गौरांगलाल दास ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा और महासागर मामलों के विभाग के महानिदेशक हांग लियांग (Hong Liang) ने किया.
इस साल जुलाई में कजाकिस्तान के अस्ताना और लाओस के वियनतियाने (Vientiane) में विदेश मंत्रियों की बैठकों में हुई चर्चा के अनुरूप तथा पिछले महीने आयोजित डब्ल्यूएमसीसी बैठक के आधार पर दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति पर स्पष्ट, रचनात्मक और दूरदर्शी विचारों का आदान-प्रदान किया, ताकि मतभेदों को कम किया जा सके और लंबित मुद्दों का शीघ्र समाधान निकाला जा सके. इसके लिए, उन्होंने कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से गहन संपर्क के लिए सहमति व्यक्त की.
इस बीच, बैठक में दोनों सरकारों के बीच प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और सहमति के अनुसार सीमा क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर शांति और सौहार्द बनाए रखने का निर्णय लिया. इस बात पर भी जोर दिया गया कि शांति और सौहार्द की बहाली और एलएसी के प्रति सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए जरूरी आधार हैं.
बीगिंज में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के नेता ने चीनी विदेश मंत्रालय में उप मंत्री से भी मुलाकात की.
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