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रूस में एनएसए डोभाल ने आतंकवाद, टेरर फंडिंग के खिलाफ सहयोग की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई - NSA Ajit Doval In Russia - NSA AJIT DOVAL IN RUSSIA

NSA Ajit Doval In Russia, सुरक्षा मामलों के लिए जिम्मेदार उच्च पदस्थ अधिकारियों की अंतरराष्ट्रीय बैठक में एनएसए अजित डोभाल ने रूस में आतंकवाद, टेरर फंडिंग के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया. साथ ही उन्होंने सहयोग के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तंत्र निर्माण की भी वकालत की.

In Russia, NSA Doval pledges India's cooperation to counter terrorism, terror funding
रूस में एनएसए डोभाल ने आतंकवाद, टेरर फंडिंग के खिलाफ सहयोग की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई
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By IANS

Published : Apr 24, 2024, 9:39 PM IST

सेंट पीटर्सबर्ग : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने बुधवार को जोर देकर कहा कि भारत आतंकवादियों तथा अपराधियों द्वारा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए सहयोग जारी रखेगा. सेंट पीटर्सबर्ग में 'सुरक्षा मामलों के लिए जिम्मेदार उच्च पदस्थ अधिकारियों की 12वीं अंतरराष्ट्रीय बैठक' के पूर्ण सत्र में बोलते हुए एनएसए डोभाल ने समावेशी आर्थिक विकास के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की भारत की नीति को भी रेखांकित किया. उन्होंने सूचना सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खुले, स्थिर, विश्वसनीय और समावेशी ढांचे के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया.

'बहुकेंद्रीय दुनिया में सूचना सुरक्षा सुनिश्चित करना' विषय पर पूर्ण सत्र में बोलते हुए एनएसए डोभाल ने ऐसे सहयोग के लिए एक रोडमैप रखा जिसमें सरकारों से लेकर निजी क्षेत्र, शिक्षा, तकनीकी समुदायों और नागरिक समाज तक सभी हितधारक शामिल हों. उन्होंने महत्वपूर्ण मुद्दों की आम समझ विकसित करने में मदद के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग के लिए तंत्र के निर्माण, प्रशिक्षण, शिक्षा, जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए समान विचारधारा वाले देशों के क्षमता निर्माण और उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए सुरक्षा मानकों के विकास के लिए नियमित संस्थागत संवाद आयोजित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया. साथ ही उन्होंने सहयोग के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तंत्र निर्माण की भी वकालत की.

Officials from different countries participating in the program
कार्यक्रम में शामिल विभिन्न देशों के अधिकारी

एनएसए ने इस बात पर जोर दिया कि भारत आतंकवादियों और अपराधियों द्वारा सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग को रोकने के साथ-साथ आतंकी फंडिंग का मुकाबला करने के लिए भी सहयोग जारी रखेगा. कार्यक्रम से इतर एनएसए ने म्यांमार की मौजूदा स्थिति और पड़ोसी देश में भारत द्वारा वित्त पोषित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर अपने म्यांमार के समकक्ष एडमिरल मो आंग के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं. रूस में भारतीय दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया, 'उन्होंने भारत-म्यांमार सीमा पर हाल के घटनाक्रमों पर भी चर्चा की, जिसमें सुरक्षा, शरणार्थी, विकास परियोजनाओं आदि से संबंधित मुद्दे शामिल थे.'

तीन दिवसीय बैठक में 106 देशों के सुरक्षा परिषदों के सचिव, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सहायक, उप प्रधानमंत्री, सुरक्षा बलों और खुफिया सेवाओं के प्रमुखों के अलावा10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. एनएसए डोभाल ने बुधवार को रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव से भी बातचीत की. पूर्ण सत्र की शुरुआत करते हुए पेत्रुशेव ने कहा, 'रूस एक निष्पक्ष विश्व व्यवस्था के निर्माण की रक्षा करना जारी रखेगा जो समानता के सिद्धांतों और सांस्कृतिक और सभ्यतागत पहचान के सम्मान के आधार पर अधिकांश देशों के हितों को पूरा करती है.'

इससे पहले दिन में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रतिभागियों को वर्चुअली संबोधित किया और कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद 21वीं सदी के सबसे गंभीर खतरों में से एक बना हुआ है, क्योंकि आतंकवादी तेजी से जटिल और बर्बर होते जा रहे हैं. राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, 'विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले आतंकवादी हमलों के पीछे के उद्देश्य न केवल कट्टरपंथी समूहों द्वारा संचालित होते हैं, बल्कि इसमें कुछ देशों की खुफिया सेवाएं भी शामिल होती हैं. उनका उद्देश्य संवैधानिक नींव को कमजोर करना और संप्रभु देशों को अस्थिर करना, अंतरजातीय और अंतरधार्मिक कलह को बढ़ावा देना है.'

ये भी पढ़ें - टॉप यूक्रेनी अधिकारी और डोभाल ने शांति शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर की चर्चा

सेंट पीटर्सबर्ग : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने बुधवार को जोर देकर कहा कि भारत आतंकवादियों तथा अपराधियों द्वारा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए सहयोग जारी रखेगा. सेंट पीटर्सबर्ग में 'सुरक्षा मामलों के लिए जिम्मेदार उच्च पदस्थ अधिकारियों की 12वीं अंतरराष्ट्रीय बैठक' के पूर्ण सत्र में बोलते हुए एनएसए डोभाल ने समावेशी आर्थिक विकास के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की भारत की नीति को भी रेखांकित किया. उन्होंने सूचना सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खुले, स्थिर, विश्वसनीय और समावेशी ढांचे के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया.

'बहुकेंद्रीय दुनिया में सूचना सुरक्षा सुनिश्चित करना' विषय पर पूर्ण सत्र में बोलते हुए एनएसए डोभाल ने ऐसे सहयोग के लिए एक रोडमैप रखा जिसमें सरकारों से लेकर निजी क्षेत्र, शिक्षा, तकनीकी समुदायों और नागरिक समाज तक सभी हितधारक शामिल हों. उन्होंने महत्वपूर्ण मुद्दों की आम समझ विकसित करने में मदद के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग के लिए तंत्र के निर्माण, प्रशिक्षण, शिक्षा, जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए समान विचारधारा वाले देशों के क्षमता निर्माण और उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए सुरक्षा मानकों के विकास के लिए नियमित संस्थागत संवाद आयोजित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया. साथ ही उन्होंने सहयोग के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तंत्र निर्माण की भी वकालत की.

Officials from different countries participating in the program
कार्यक्रम में शामिल विभिन्न देशों के अधिकारी

एनएसए ने इस बात पर जोर दिया कि भारत आतंकवादियों और अपराधियों द्वारा सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग को रोकने के साथ-साथ आतंकी फंडिंग का मुकाबला करने के लिए भी सहयोग जारी रखेगा. कार्यक्रम से इतर एनएसए ने म्यांमार की मौजूदा स्थिति और पड़ोसी देश में भारत द्वारा वित्त पोषित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर अपने म्यांमार के समकक्ष एडमिरल मो आंग के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं. रूस में भारतीय दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया, 'उन्होंने भारत-म्यांमार सीमा पर हाल के घटनाक्रमों पर भी चर्चा की, जिसमें सुरक्षा, शरणार्थी, विकास परियोजनाओं आदि से संबंधित मुद्दे शामिल थे.'

तीन दिवसीय बैठक में 106 देशों के सुरक्षा परिषदों के सचिव, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सहायक, उप प्रधानमंत्री, सुरक्षा बलों और खुफिया सेवाओं के प्रमुखों के अलावा10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. एनएसए डोभाल ने बुधवार को रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव से भी बातचीत की. पूर्ण सत्र की शुरुआत करते हुए पेत्रुशेव ने कहा, 'रूस एक निष्पक्ष विश्व व्यवस्था के निर्माण की रक्षा करना जारी रखेगा जो समानता के सिद्धांतों और सांस्कृतिक और सभ्यतागत पहचान के सम्मान के आधार पर अधिकांश देशों के हितों को पूरा करती है.'

इससे पहले दिन में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रतिभागियों को वर्चुअली संबोधित किया और कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद 21वीं सदी के सबसे गंभीर खतरों में से एक बना हुआ है, क्योंकि आतंकवादी तेजी से जटिल और बर्बर होते जा रहे हैं. राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, 'विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले आतंकवादी हमलों के पीछे के उद्देश्य न केवल कट्टरपंथी समूहों द्वारा संचालित होते हैं, बल्कि इसमें कुछ देशों की खुफिया सेवाएं भी शामिल होती हैं. उनका उद्देश्य संवैधानिक नींव को कमजोर करना और संप्रभु देशों को अस्थिर करना, अंतरजातीय और अंतरधार्मिक कलह को बढ़ावा देना है.'

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