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पाकिस्तान: इमरान ने संविधान में संशोधन के कदम के खिलाफ UN में मोर्चा खोला - IMRAN KHAN

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने शहबाज सरकार के संविधानिक संशोधन के कदम के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में अपील की है.

Imran Khan
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 10, 2024, 2:17 PM IST

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने मौजूदा सरकार के संवैधानिक संशोधनों को लागू करने के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र का रूख किया है. इस मुद्दे को लेकर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत के माध्यम से तत्काल एक अपील भी दायर की है. इमरान खान का कहना है कि इस संवैधानिक संशोधन से न्यायिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को खतरा है.

जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार संवैधानिक संशोधनों को लेकर आवश्यक संख्या बल जुटाने का प्रयास कर रही है. इस बीच इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखा है. उन्होंने इसमें न्यायाधीशों और वकीलों की स्वतंत्रता पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत के माध्यम से तत्काल एक अपील भी दायर की है. विशेष दूत से खान के परिवार द्वारा उनकी ओर से संयुक्त राष्ट्र में भागीदारी और अंतरराष्ट्रीय वकालत करने के लिए भी कहा गया है.

इमरान खान के वकील फिट्जगेराल्ड के.सी., ईटवेल और रॉबिन्सन ने दावा किया है कि संविधान में किए गए परिवर्तन वास्तव में सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को प्रभावित करने के उद्देश्य से किए गए हैं. इससे देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए मौजूदा सजा को और मजबूत किया जाएगा.

इमरान खान पहले भी अंतरराष्ट्रीय संस्था को पत्र लिख चुके हैं. इससे पहले उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से संपर्क कर मुद्रा कोष से 8 फरवरी के चुनावों का ऑडिट कराने का आग्रह किया था क्योंकि उनमें धांधली होने का आरोप लगाया गया था.

रिपोर्ट के अनुसार संवैधानिक परिवर्तनों का उद्देश्य जजों की रिटायर्मेंट एज बढ़ाने और एक संवैधानिक न्यायालय का गठन करना है. इमरान खान इसके खिलाफ हैं. संयुक्त राष्ट्र से की गई अपनी अपील में खान ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह कानून के शासन और पाकिस्तान के लोगों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है.

यूएन को लिखे अपने पत्र में खान ने कथित तौर पर कहा है कि संवैधानिक संशोधनों से सुप्रीम कोर्ट का अधिकार क्षेत्र एक नए संघीय संवैधानिक न्यायालय को मिल जाएगा. नए संघीय संवैधानिक न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का चयन एक नई नेशनल असेंबली समिति द्वारा किया जाएगा. इसकी बैठकें निजी तौर पर होंगी. इससे न्यायिक नियुक्तियों में राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ेगा जो चिंताजनक है. इमरान खान का कहना है कि यह कदम सत्तारूढ़ पार्टी राजनीतिक लाभ के लिए कर रही है.

ये भी पढ़ें-जाकिर नाइक ने पाकिस्तान में ही कर दी पाकिस्तानियों की आलोचना, भारत की कर दी तारीफ...

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने मौजूदा सरकार के संवैधानिक संशोधनों को लागू करने के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र का रूख किया है. इस मुद्दे को लेकर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत के माध्यम से तत्काल एक अपील भी दायर की है. इमरान खान का कहना है कि इस संवैधानिक संशोधन से न्यायिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को खतरा है.

जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार संवैधानिक संशोधनों को लेकर आवश्यक संख्या बल जुटाने का प्रयास कर रही है. इस बीच इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखा है. उन्होंने इसमें न्यायाधीशों और वकीलों की स्वतंत्रता पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत के माध्यम से तत्काल एक अपील भी दायर की है. विशेष दूत से खान के परिवार द्वारा उनकी ओर से संयुक्त राष्ट्र में भागीदारी और अंतरराष्ट्रीय वकालत करने के लिए भी कहा गया है.

इमरान खान के वकील फिट्जगेराल्ड के.सी., ईटवेल और रॉबिन्सन ने दावा किया है कि संविधान में किए गए परिवर्तन वास्तव में सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को प्रभावित करने के उद्देश्य से किए गए हैं. इससे देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए मौजूदा सजा को और मजबूत किया जाएगा.

इमरान खान पहले भी अंतरराष्ट्रीय संस्था को पत्र लिख चुके हैं. इससे पहले उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से संपर्क कर मुद्रा कोष से 8 फरवरी के चुनावों का ऑडिट कराने का आग्रह किया था क्योंकि उनमें धांधली होने का आरोप लगाया गया था.

रिपोर्ट के अनुसार संवैधानिक परिवर्तनों का उद्देश्य जजों की रिटायर्मेंट एज बढ़ाने और एक संवैधानिक न्यायालय का गठन करना है. इमरान खान इसके खिलाफ हैं. संयुक्त राष्ट्र से की गई अपनी अपील में खान ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह कानून के शासन और पाकिस्तान के लोगों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है.

यूएन को लिखे अपने पत्र में खान ने कथित तौर पर कहा है कि संवैधानिक संशोधनों से सुप्रीम कोर्ट का अधिकार क्षेत्र एक नए संघीय संवैधानिक न्यायालय को मिल जाएगा. नए संघीय संवैधानिक न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का चयन एक नई नेशनल असेंबली समिति द्वारा किया जाएगा. इसकी बैठकें निजी तौर पर होंगी. इससे न्यायिक नियुक्तियों में राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ेगा जो चिंताजनक है. इमरान खान का कहना है कि यह कदम सत्तारूढ़ पार्टी राजनीतिक लाभ के लिए कर रही है.

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