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जानिए कौन है हमास चीफ इस्माइल हनिया, जिसे इजरायल ने ईरान में घुसकर मारा - Hamas Chief Ismail Haniyeh

Hamas Chief Ismail Haniyeh: ईरान की राजधानी तेहरान में हमास चीफ इस्माइल हनिया की हत्या कर दी गई. बता दें, इस्माइल ईरान में शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए गया था. हमास चीफ के साथ-साथ उसके बॉडीगार्ड भी ढेर हो गया है.

Hamas Chief Ismail Haniyeh
हमास चीफ इस्माइल हनिया (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 31, 2024, 2:19 PM IST

तेहरान: ईरान की राजधानी तेहरान में बुधवार को हमास चीफ इस्माइल हनिया की हत्या कर दी गई. ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने उनकी मौत की सूचना दी, जिसके बाद कई घंटों बाद हमास ने भी इसको कंफर्म किया. यह हाई प्रोफाइल हत्या गाजा में चल रहे इजरायल-हमास युद्ध के संदर्भ में एक बड़ी घटना है.

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई से मिलने के कुछ ही घंटों बाद उनकी हत्या कर दी गई, जिन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल पर बैठक की तस्वीरें भी पोस्ट की. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हनिया ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए वहां थे. इमाम खामेनेई ने फिलिस्तीनी इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख श्री इस्माइल हनिया और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद आंदोलन के महासचिव श्री जियाद अल-नखलाह से मुलाकात की.

Hamas Chief Ismail Haniyeh
हमास चीफ इस्माइल हनिया (AP)

जानकारी के मुताबिक, इजरायल ने पिछले साल सात अक्टूबर के हमले के बाद इस्माइल हनिया को मारने और हमास समूह को खत्म करने की शपथ ली थी. पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर अचानक किए गए हमले में लगभग 1200 लोग मारे गए थे. हमास ने लगभग 250 लोगों को बंधक भी बना लिया था. बताया जाता है कि हमास के पास अब भी 150 लोग बंधक हैं. वहीं, हमास का दावा है कि इजरायली हमलों में अब तक 39 हजार से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है.

इस्माइल हनिया कौन था?
इस्माइल हनिया एक प्रमुख फिलिस्तीनी राजनीतिक व्यक्ति था, जिसने मध्य पूर्व की राजनीति के जटिल और उथल-पुथल भरे परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उतार-चढ़ाव भरे करियर के साथ, हनिया की यात्रा फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय और राज्य के लिए स्थायी संघर्ष को दर्शाती है. साफ शब्दों में कहें तो फिलिस्तीनी नेता इस्माइल अब्दुलसलाम अहमद हनिया हमास का नेता था, जो वर्तमान में गाजा में इजरायली सेना के साथ युद्ध में शामिल उग्रवादी समूह है.

इस्माइल हनिया का बचपन
इस्माइल हनिया का जन्म 1963 में गाजा के शाति शरणार्थी शिविर में हुआ था. गाजा पट्टी, एक घनी आबादी वाला तटीय क्षेत्र है, जो दशकों से इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष का केंद्र बिंदु रहा है. शरणार्थी शिविर में पले-बढ़े हनिया ने राज्य का दर्जा पाने की चाहत में फिलिस्तीनियों के सामने आने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों का प्रत्यक्ष अनुभव किया. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित स्कूलों में पढ़ाई की, जिसके बाद उन्होंने गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय में दाखिला लिया. उनके पास अरबी साहित्य में डिग्री थी. उन्होंने 1987 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की.

हमास और राजनीतिक सक्रियता
हमास के साथ उनका जुड़ाव तब शुरू हुआ जब वे विश्वविद्यालय में थे. हनिया की राजनीतिक यात्रा हमास के उदय से बहुत करीब से जुड़ी हुई है, जो एक फिलिस्तीनी राजनीतिक और उग्रवादी संगठन है. 1980 के दशक के अंत में स्थापित, हमास का उद्देश्य इजरायल के कब्जे का विरोध करना और जरूरतमंद फिलिस्तीनियों को सामाजिक सेवाएं प्रदान करना था. हमास के साथ हनिया की भागीदारी 1990 के दशक की शुरुआत में शुरू हुई थी. जब वह इसकी धर्मार्थ गतिविधियों और बाद में इसके राजनीतिक विंग से जुड़े थे.

वह 1980 के दशक के अंत में हमास में शामिल हुए और 2017 में शीर्ष पद पर पहुंचने से पहले तेजी से आगे बढ़ते गए. हमास के संस्थापक और आध्यात्मिक नेता शेख अहमद यासीन के करीबी सहयोगी के रूप में उनकी पहली प्रसिद्धि हुई. इस्माइल हनिया गाजा शहर में इस्लामिक विश्वविद्यालय में एक छात्र कार्यकर्ता थे. 1987 में पहले फिलिस्तीनी इंतिफादा (विद्रोह) के दौरान जब फिलिस्तीनी संगठन का गठन हुआ तो वह इसमें शामिल हो गए.

Hamas Chief Ismail Haniyeh
हमास चीफ इस्माइल हनिया (AP)

कई बार हो चुका है गिरफ्तार
उन्होंने 1980 और 1990 के दशक में इजरायली जेलों में कई सजाएं काटी. उन्हें 1992 में सैकड़ों अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार कर गाजा से लेबनान भेज दिया गया था, उसके अगले साल वे गाजा लौट आए. एक सुन्नी मुसलमान, इस्माइल हनीयेह ने हमास की युद्ध क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई, आंशिक रूप से शिया मुस्लिम ईरान के साथ संबंधों को बढ़ावा देकर 2017 में, उन्होंने ईरान में हमास के एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जहां उन्होंने खामेनेई से मुलाकात की. 2006 के विधान सभा चुनाव में हमास की जीत के बाद वे फिलिस्तीनी प्राधिकरण के प्रधान मंत्री बने, लेकिन 2007 में राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने उन्हें पद से हटा दिया.

इस्माइल हनिया तुर्की और कतर की राजधानी दोहा के बीच आते-जाते रहे, जिससे वे नाकाबंदी वाले गाजा पट्टी के यात्रा प्रतिबंधों से बच गए और उन्हें गाजा युद्धविराम वार्ता में वार्ताकार के रूप में कार्य करने या ईरान से बात करने का मौका मिला. उनके तीन बेटे - हजम, आमिर और मोहम्मद - 10 अप्रैल को मारे गए जब एक इजराइली हवाई हमले में उनकी कार पर हमला हुआ था. इजराइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि ये लोग मध्य गाजा के क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने के लिए जा रहे थे. हमास ने कहा कि हनिया ने हमले में अपने चार पोते-पोतियों को भी खो दिया. वहीं, इस्माइल हनिया ने इजराइली दावों का खंडन किया था कि उनके बेटे हमास के लड़ाके थे.

इस्माइल हनिया का राजनीतिक करियर
हनिया ने अपनी सक्रियता के कारण हमास में प्रमुखता हासिल की और 1997 में हमास के संस्थापक अहमद यासीन के कार्यालय का प्रमुख नियुक्त किया गया. इससे उन्हें हमास के शीर्ष नेतृत्व के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित करने में मदद मिली. बाद में वे फिलिस्तीनी प्राधिकरण के प्रतिनिधि बन गए. उन्हें 2006 में प्रधान मंत्री के रूप में नामित किया गया था. उसी वर्ष उनका फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास के साथ मतभेद हुआ, जो उनके अपने बॉस थे. इस वर्ष हमास और फतह के बीच गुटीय संघर्ष देखा गया, जो एक फिलिस्तीनी समूह भी है.

प्रधान मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में एक उल्लेखनीय घटना तब हुई जब उन्हें इजराइल द्वारा राफा सीमा पार करके फिलिस्तीन में प्रवेश करने से मना कर दिया गया था. वे प्रधानमंत्री के रूप में अपनी पहली विदेश यात्रा के बाद गाजा लौट रहे थे और अपनी कार में 30 मिलियन अमरीकी डॉलर लेकर जा रहे थे. जब इजराइल द्वारा शीर्ष नेतृत्व को खत्म किया जा रहा था, तब हनिया हमास में सक्रिय थे, उन्होंने नेतृत्व संरचना को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 2016 के चुनावों में, हनिया ने हमास का नेतृत्व संभाला. वर्ष 2018 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा उसे आतंकवादी घोषित किया गया था.

इस्माइल हनिया टाइमलाइन

  • 1987-1988 - पहले इंतिफादा के दौरान हमास में शामिल हुए.
  • 1988 - छह महीने के लिए कैद.
  • 1989 - तीन साल की जेल की सजा.
  • 1992 - जेल से रिहा हुए और लेबनान निर्वासित.
  • दिसंबर 1993 - गाजा लौटे और इस्लामिक यूनिवर्सिटी के डीन नियुक्त हुए.
  • 1997 - हमास के नेता शेख अहमद यासीन के सहायक बने थे.
  • सितंबर 2003 - गाजा शहर में इजरायली हवाई हमले में हनिया और यासीन मामूली रूप से घायल हो गए थे.
  • अप्रैल 2004 - हमास के दो पिछले नेताओं की मौत के बाद, हनिया को महमूद जहर और सईद अल-सियाम के साथ एक गुप्त सामूहिक नेतृत्व का हिस्सा नियुक्त किया गया था.
  • 26 जनवरी, 2006 - हमास ने फिलिस्तीनी विधान सभा चुनावों में भारी जीत हासिल की थी ​​132 सीटों वाली फिलिस्तीनी विधान परिषद में हमास ने 76 सीटें जीतीं, जबकि फतह ने 43 सीटें जीतीं, जिससे हमास को बहुमत मिला था.
  • 21 फरवरी, 2006 - फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने हनिया को सरकार बनाने के लिए कहा.
  • 29 मार्च, 2006 - फिलिस्तीनी प्राधिकरण के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली.
  • 14 दिसंबर, 2006 - मिस्र और गाजा के बीच सीमा पर हनिया की हत्या के प्रयास में वह बच गया. हालांकि, एक अंगरक्षक मारा गया और हनिया का एक बेटा घायल हो गया. हमास ने हमले के लिए फतह को दोषी ठहराया.
  • जून 2007 की शुरुआत - हमास और फतह के बीच एक सप्ताह की लड़ाई के बाद, हमास ने गाजा पट्टी पर नियंत्रण कर लिया.
  • 14 जून, 2007 - अब्बास ने सरकार को भंग कर दिया और हनिया को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया. हनिया ने इसे अस्वीकार कर दिया और गाजा पट्टी में वास्तविक नेता बने रहे.
  • जून 2009 - पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया पर चर्चा करने के लिए गाजा में हनिया से मुलाकात की.
  • 13 जून, 2010 - हनिया ने गाजा में अरब लीग के सचिव अमर मूसा से मुलाकात की. मूसा 2006 के बाद से गाजा का दौरा करने वाले पहले वरिष्ठ अरब नेता हैं.
  • 2 मई, 2011 - पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन की हत्या की निंदा की, उसे एक मुस्लिम पवित्र योद्धा और अमेरिकी उत्पीड़न का शिकार बताया.
  • 23 अक्टूबर, 2012 - कतर के अमीर शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी से मुलाकात की, जो 2007 में मिस्र और इजरायल द्वारा नाकाबंदी शुरू करने के बाद से दौरा करने वाले पहले आधिकारिक राष्ट्राध्यक्ष हैं.
  • 4 अप्रैल, 2013 - हनिया को हमास का उप प्रमुख नियुक्त किया गया, और खालिद मेशाल को फिर से प्रमुख चुना गया.
  • 6 मई, 2017 - हमास की शूरा परिषद द्वारा मेशाल की जगह चुने गए.
  • 7 दिसंबर, 2017 - अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की इस घोषणा के बाद कि यरुशलम अब आधिकारिक तौर पर इजरायल की राजधानी है, हनीयेह ने इजरायल के कब्जे का मुकाबला करने के लिए फिलिस्तीनी विद्रोह या इन्फीतादा का आह्वान किया.
  • 31 जनवरी, 2018 - संयुक्त राज्य अमेरिका ने हनिया को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया.
  • 8 दिसंबर, 2019 - हनिया तुर्की पहुंचे, जो उनके दौरे का पहला पड़ाव था. मई 2017 में चुने जाने के बाद से यह उनका पहला अंतरराष्ट्रीय दौरा था.
  • 6 जनवरी, 2020 - ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स कुद्स फोर्स के नेता कासिम सोलेमानी के अंतिम संस्कार में भाषण देते हैं, जो 3 जनवरी को इराक में अमेरिकी हवाई हमले में मारे गए थे. हनिया ने सोलेमानी को शहीद बताया था.
  • 1 अगस्त, 2021 - हनिया को फिर से नेता चुना गया.
  • 13 अक्टूबर, 2022 - फिलिस्तीनी गुट हमास और फतह अल्जीरिया द्वारा मध्यस्थता किए गए सुलह समझौते पर सहमत हुए. इसका उद्देश्य चुनावों का मार्ग प्रशस्त करना है. हनिया ने एक बयान जारी कर कहा कि आंदोलन विभाजन को समाप्त करने के लिए फतह के अधिकारियों के साथ बैठकों से संतुष्ट है.
  • 16 नवंबर, 2023 - एक प्रेस विज्ञप्ति में, इजराइल रक्षा बलों ने घोषणा की कि गाजा में हनिया के आवास पर इजराइली लड़ाकू विमानों ने हमला किया था.
  • 10 अप्रैल, 2024: हनिया के तीन बेटे - हेजम, आमिर और मोहम्मद - 10 अप्रैल को मारे गए जब एक इजराइली हवाई हमले में उनकी कार पर हमला हुआ. हनिया ने हमले में अपने चार पोते-पोतियों, तीन लड़कियों और एक लड़के को भी खो दिया था.

चुनौतियां और विवाद
इस्माइल हनिया के नेतृत्व को काफी जांच और विवाद का सामना करना पड़ा था. संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित कुछ पश्चिमी देशों द्वारा हमास को आतंकवादी संगठन के रूप में वर्गीकृत किए जाने से हनिया और गाजा पट्टी के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां पैदा हुई है. यह क्षेत्र इजरायल और मिस्र द्वारा लगाए गए नाकाबंदी से जूझ रहा है, जिसके कारण आर्थिक कठिनाइयां, मानवीय संकट और बुनियादी आवश्यकताओं तक सीमित पहुंच हो रही है.

इसके अलावा, हनिया और हमास इजरायल के साथ संघर्षों में शामिल रहे थे, जिसमें कई सैन्य टकराव शामिल थे, जिसके परिणामस्वरूप गाजा पट्टी में जानमाल का नुकसान हुआ और व्यापक विनाश हुआ. इन संघर्षों ने अंतरराष्ट्रीय निंदा और क्षेत्रीय समर्थन दोनों को आकर्षित किया. हनिया को इजरायल के अधिकारियों द्वारा कई बार गिरफ्तार किया गया, क्योंकि वह इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीनी विद्रोह में शामिल था.

ये भी पढ़ें-तेहरान में हमास चीफ इस्माइल हनिया की हत्या, बॉडीगार्ड भी ढेर - Hamas Chief Haniyeh killed

तेहरान: ईरान की राजधानी तेहरान में बुधवार को हमास चीफ इस्माइल हनिया की हत्या कर दी गई. ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने उनकी मौत की सूचना दी, जिसके बाद कई घंटों बाद हमास ने भी इसको कंफर्म किया. यह हाई प्रोफाइल हत्या गाजा में चल रहे इजरायल-हमास युद्ध के संदर्भ में एक बड़ी घटना है.

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई से मिलने के कुछ ही घंटों बाद उनकी हत्या कर दी गई, जिन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल पर बैठक की तस्वीरें भी पोस्ट की. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हनिया ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए वहां थे. इमाम खामेनेई ने फिलिस्तीनी इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख श्री इस्माइल हनिया और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद आंदोलन के महासचिव श्री जियाद अल-नखलाह से मुलाकात की.

Hamas Chief Ismail Haniyeh
हमास चीफ इस्माइल हनिया (AP)

जानकारी के मुताबिक, इजरायल ने पिछले साल सात अक्टूबर के हमले के बाद इस्माइल हनिया को मारने और हमास समूह को खत्म करने की शपथ ली थी. पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर अचानक किए गए हमले में लगभग 1200 लोग मारे गए थे. हमास ने लगभग 250 लोगों को बंधक भी बना लिया था. बताया जाता है कि हमास के पास अब भी 150 लोग बंधक हैं. वहीं, हमास का दावा है कि इजरायली हमलों में अब तक 39 हजार से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है.

इस्माइल हनिया कौन था?
इस्माइल हनिया एक प्रमुख फिलिस्तीनी राजनीतिक व्यक्ति था, जिसने मध्य पूर्व की राजनीति के जटिल और उथल-पुथल भरे परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उतार-चढ़ाव भरे करियर के साथ, हनिया की यात्रा फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय और राज्य के लिए स्थायी संघर्ष को दर्शाती है. साफ शब्दों में कहें तो फिलिस्तीनी नेता इस्माइल अब्दुलसलाम अहमद हनिया हमास का नेता था, जो वर्तमान में गाजा में इजरायली सेना के साथ युद्ध में शामिल उग्रवादी समूह है.

इस्माइल हनिया का बचपन
इस्माइल हनिया का जन्म 1963 में गाजा के शाति शरणार्थी शिविर में हुआ था. गाजा पट्टी, एक घनी आबादी वाला तटीय क्षेत्र है, जो दशकों से इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष का केंद्र बिंदु रहा है. शरणार्थी शिविर में पले-बढ़े हनिया ने राज्य का दर्जा पाने की चाहत में फिलिस्तीनियों के सामने आने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों का प्रत्यक्ष अनुभव किया. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित स्कूलों में पढ़ाई की, जिसके बाद उन्होंने गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय में दाखिला लिया. उनके पास अरबी साहित्य में डिग्री थी. उन्होंने 1987 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की.

हमास और राजनीतिक सक्रियता
हमास के साथ उनका जुड़ाव तब शुरू हुआ जब वे विश्वविद्यालय में थे. हनिया की राजनीतिक यात्रा हमास के उदय से बहुत करीब से जुड़ी हुई है, जो एक फिलिस्तीनी राजनीतिक और उग्रवादी संगठन है. 1980 के दशक के अंत में स्थापित, हमास का उद्देश्य इजरायल के कब्जे का विरोध करना और जरूरतमंद फिलिस्तीनियों को सामाजिक सेवाएं प्रदान करना था. हमास के साथ हनिया की भागीदारी 1990 के दशक की शुरुआत में शुरू हुई थी. जब वह इसकी धर्मार्थ गतिविधियों और बाद में इसके राजनीतिक विंग से जुड़े थे.

वह 1980 के दशक के अंत में हमास में शामिल हुए और 2017 में शीर्ष पद पर पहुंचने से पहले तेजी से आगे बढ़ते गए. हमास के संस्थापक और आध्यात्मिक नेता शेख अहमद यासीन के करीबी सहयोगी के रूप में उनकी पहली प्रसिद्धि हुई. इस्माइल हनिया गाजा शहर में इस्लामिक विश्वविद्यालय में एक छात्र कार्यकर्ता थे. 1987 में पहले फिलिस्तीनी इंतिफादा (विद्रोह) के दौरान जब फिलिस्तीनी संगठन का गठन हुआ तो वह इसमें शामिल हो गए.

Hamas Chief Ismail Haniyeh
हमास चीफ इस्माइल हनिया (AP)

कई बार हो चुका है गिरफ्तार
उन्होंने 1980 और 1990 के दशक में इजरायली जेलों में कई सजाएं काटी. उन्हें 1992 में सैकड़ों अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार कर गाजा से लेबनान भेज दिया गया था, उसके अगले साल वे गाजा लौट आए. एक सुन्नी मुसलमान, इस्माइल हनीयेह ने हमास की युद्ध क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई, आंशिक रूप से शिया मुस्लिम ईरान के साथ संबंधों को बढ़ावा देकर 2017 में, उन्होंने ईरान में हमास के एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जहां उन्होंने खामेनेई से मुलाकात की. 2006 के विधान सभा चुनाव में हमास की जीत के बाद वे फिलिस्तीनी प्राधिकरण के प्रधान मंत्री बने, लेकिन 2007 में राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने उन्हें पद से हटा दिया.

इस्माइल हनिया तुर्की और कतर की राजधानी दोहा के बीच आते-जाते रहे, जिससे वे नाकाबंदी वाले गाजा पट्टी के यात्रा प्रतिबंधों से बच गए और उन्हें गाजा युद्धविराम वार्ता में वार्ताकार के रूप में कार्य करने या ईरान से बात करने का मौका मिला. उनके तीन बेटे - हजम, आमिर और मोहम्मद - 10 अप्रैल को मारे गए जब एक इजराइली हवाई हमले में उनकी कार पर हमला हुआ था. इजराइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि ये लोग मध्य गाजा के क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने के लिए जा रहे थे. हमास ने कहा कि हनिया ने हमले में अपने चार पोते-पोतियों को भी खो दिया. वहीं, इस्माइल हनिया ने इजराइली दावों का खंडन किया था कि उनके बेटे हमास के लड़ाके थे.

इस्माइल हनिया का राजनीतिक करियर
हनिया ने अपनी सक्रियता के कारण हमास में प्रमुखता हासिल की और 1997 में हमास के संस्थापक अहमद यासीन के कार्यालय का प्रमुख नियुक्त किया गया. इससे उन्हें हमास के शीर्ष नेतृत्व के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित करने में मदद मिली. बाद में वे फिलिस्तीनी प्राधिकरण के प्रतिनिधि बन गए. उन्हें 2006 में प्रधान मंत्री के रूप में नामित किया गया था. उसी वर्ष उनका फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास के साथ मतभेद हुआ, जो उनके अपने बॉस थे. इस वर्ष हमास और फतह के बीच गुटीय संघर्ष देखा गया, जो एक फिलिस्तीनी समूह भी है.

प्रधान मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में एक उल्लेखनीय घटना तब हुई जब उन्हें इजराइल द्वारा राफा सीमा पार करके फिलिस्तीन में प्रवेश करने से मना कर दिया गया था. वे प्रधानमंत्री के रूप में अपनी पहली विदेश यात्रा के बाद गाजा लौट रहे थे और अपनी कार में 30 मिलियन अमरीकी डॉलर लेकर जा रहे थे. जब इजराइल द्वारा शीर्ष नेतृत्व को खत्म किया जा रहा था, तब हनिया हमास में सक्रिय थे, उन्होंने नेतृत्व संरचना को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 2016 के चुनावों में, हनिया ने हमास का नेतृत्व संभाला. वर्ष 2018 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा उसे आतंकवादी घोषित किया गया था.

इस्माइल हनिया टाइमलाइन

  • 1987-1988 - पहले इंतिफादा के दौरान हमास में शामिल हुए.
  • 1988 - छह महीने के लिए कैद.
  • 1989 - तीन साल की जेल की सजा.
  • 1992 - जेल से रिहा हुए और लेबनान निर्वासित.
  • दिसंबर 1993 - गाजा लौटे और इस्लामिक यूनिवर्सिटी के डीन नियुक्त हुए.
  • 1997 - हमास के नेता शेख अहमद यासीन के सहायक बने थे.
  • सितंबर 2003 - गाजा शहर में इजरायली हवाई हमले में हनिया और यासीन मामूली रूप से घायल हो गए थे.
  • अप्रैल 2004 - हमास के दो पिछले नेताओं की मौत के बाद, हनिया को महमूद जहर और सईद अल-सियाम के साथ एक गुप्त सामूहिक नेतृत्व का हिस्सा नियुक्त किया गया था.
  • 26 जनवरी, 2006 - हमास ने फिलिस्तीनी विधान सभा चुनावों में भारी जीत हासिल की थी ​​132 सीटों वाली फिलिस्तीनी विधान परिषद में हमास ने 76 सीटें जीतीं, जबकि फतह ने 43 सीटें जीतीं, जिससे हमास को बहुमत मिला था.
  • 21 फरवरी, 2006 - फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने हनिया को सरकार बनाने के लिए कहा.
  • 29 मार्च, 2006 - फिलिस्तीनी प्राधिकरण के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली.
  • 14 दिसंबर, 2006 - मिस्र और गाजा के बीच सीमा पर हनिया की हत्या के प्रयास में वह बच गया. हालांकि, एक अंगरक्षक मारा गया और हनिया का एक बेटा घायल हो गया. हमास ने हमले के लिए फतह को दोषी ठहराया.
  • जून 2007 की शुरुआत - हमास और फतह के बीच एक सप्ताह की लड़ाई के बाद, हमास ने गाजा पट्टी पर नियंत्रण कर लिया.
  • 14 जून, 2007 - अब्बास ने सरकार को भंग कर दिया और हनिया को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया. हनिया ने इसे अस्वीकार कर दिया और गाजा पट्टी में वास्तविक नेता बने रहे.
  • जून 2009 - पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया पर चर्चा करने के लिए गाजा में हनिया से मुलाकात की.
  • 13 जून, 2010 - हनिया ने गाजा में अरब लीग के सचिव अमर मूसा से मुलाकात की. मूसा 2006 के बाद से गाजा का दौरा करने वाले पहले वरिष्ठ अरब नेता हैं.
  • 2 मई, 2011 - पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन की हत्या की निंदा की, उसे एक मुस्लिम पवित्र योद्धा और अमेरिकी उत्पीड़न का शिकार बताया.
  • 23 अक्टूबर, 2012 - कतर के अमीर शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी से मुलाकात की, जो 2007 में मिस्र और इजरायल द्वारा नाकाबंदी शुरू करने के बाद से दौरा करने वाले पहले आधिकारिक राष्ट्राध्यक्ष हैं.
  • 4 अप्रैल, 2013 - हनिया को हमास का उप प्रमुख नियुक्त किया गया, और खालिद मेशाल को फिर से प्रमुख चुना गया.
  • 6 मई, 2017 - हमास की शूरा परिषद द्वारा मेशाल की जगह चुने गए.
  • 7 दिसंबर, 2017 - अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की इस घोषणा के बाद कि यरुशलम अब आधिकारिक तौर पर इजरायल की राजधानी है, हनीयेह ने इजरायल के कब्जे का मुकाबला करने के लिए फिलिस्तीनी विद्रोह या इन्फीतादा का आह्वान किया.
  • 31 जनवरी, 2018 - संयुक्त राज्य अमेरिका ने हनिया को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया.
  • 8 दिसंबर, 2019 - हनिया तुर्की पहुंचे, जो उनके दौरे का पहला पड़ाव था. मई 2017 में चुने जाने के बाद से यह उनका पहला अंतरराष्ट्रीय दौरा था.
  • 6 जनवरी, 2020 - ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स कुद्स फोर्स के नेता कासिम सोलेमानी के अंतिम संस्कार में भाषण देते हैं, जो 3 जनवरी को इराक में अमेरिकी हवाई हमले में मारे गए थे. हनिया ने सोलेमानी को शहीद बताया था.
  • 1 अगस्त, 2021 - हनिया को फिर से नेता चुना गया.
  • 13 अक्टूबर, 2022 - फिलिस्तीनी गुट हमास और फतह अल्जीरिया द्वारा मध्यस्थता किए गए सुलह समझौते पर सहमत हुए. इसका उद्देश्य चुनावों का मार्ग प्रशस्त करना है. हनिया ने एक बयान जारी कर कहा कि आंदोलन विभाजन को समाप्त करने के लिए फतह के अधिकारियों के साथ बैठकों से संतुष्ट है.
  • 16 नवंबर, 2023 - एक प्रेस विज्ञप्ति में, इजराइल रक्षा बलों ने घोषणा की कि गाजा में हनिया के आवास पर इजराइली लड़ाकू विमानों ने हमला किया था.
  • 10 अप्रैल, 2024: हनिया के तीन बेटे - हेजम, आमिर और मोहम्मद - 10 अप्रैल को मारे गए जब एक इजराइली हवाई हमले में उनकी कार पर हमला हुआ. हनिया ने हमले में अपने चार पोते-पोतियों, तीन लड़कियों और एक लड़के को भी खो दिया था.

चुनौतियां और विवाद
इस्माइल हनिया के नेतृत्व को काफी जांच और विवाद का सामना करना पड़ा था. संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित कुछ पश्चिमी देशों द्वारा हमास को आतंकवादी संगठन के रूप में वर्गीकृत किए जाने से हनिया और गाजा पट्टी के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां पैदा हुई है. यह क्षेत्र इजरायल और मिस्र द्वारा लगाए गए नाकाबंदी से जूझ रहा है, जिसके कारण आर्थिक कठिनाइयां, मानवीय संकट और बुनियादी आवश्यकताओं तक सीमित पहुंच हो रही है.

इसके अलावा, हनिया और हमास इजरायल के साथ संघर्षों में शामिल रहे थे, जिसमें कई सैन्य टकराव शामिल थे, जिसके परिणामस्वरूप गाजा पट्टी में जानमाल का नुकसान हुआ और व्यापक विनाश हुआ. इन संघर्षों ने अंतरराष्ट्रीय निंदा और क्षेत्रीय समर्थन दोनों को आकर्षित किया. हनिया को इजरायल के अधिकारियों द्वारा कई बार गिरफ्तार किया गया, क्योंकि वह इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीनी विद्रोह में शामिल था.

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