ढाका: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान चर्चा में हैं. सेना प्रमुख जनरल वकार ने देश की अंतरिम सरकार संभाल ली है. हालांकि शेख हसीना के भाग जाने के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक संकट गहरा गया है. जनरल वकार-उज-जमान ने कहा कि वह स्थिति को नियंत्रण में लाने की पूरी कोशिश करेंगे और उन्होंने आश्वासन दिया कि सेना प्रदर्शनकारियों की सभी मांगों को पूरा करेगी.
तख्तापलट में सेना प्रमुख वकार जमान का हाथ होने की चर्चा
बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर छात्रों आंदोलन का अचानक नया मोड़ ले लिया और फिर सत्ता परिवर्तन की मांग करने लगा. देखते ही देखते शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट भी हो गया. सेना प्रमुख जनरल वकार ने अंतरिम सरकार संभाल ली. उन्होंने प्रदर्शनकारियों को उनकी सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन भी दिया. अब इसे एक अलग नजरिए से भी देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि तख्तापलट में सेना प्रमुख जनरल वकार का बड़ा हाथ है. उन्होंने ही शेख हसीना को सत्ता से किया बेदखल किया जबकि वह उनके रिश्तेदार हैं.
जनरल वकार का चीन से करीबी संबंध
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान का चीन से करीबी संबंध है. रिपोर्ट ये भी कहता है कि जब सेना प्रमुख जनरल वकार की नियुक्ति की गई तब बांग्लादेशी अधिकारियों ने संकेत दिया था कि उन्हें सेना प्रमुख के रूप में नामित करना एक गलती हो सकती है. बांग्लादेश के सेना प्रमुख वेकर-उज-जमान को सत्ता परिवर्तन का मुख्य किरदार माना जाता है.
कौन हैं वकार-उज-जमान, बांग्लादेश के सेना प्रमुख के बारे में जानें सब कुछ
वकार-उज-जमान ने बांग्लादेश में शेख हसीना को पद से हटाने की घोषणा की. वाकर-उज-जमान संकटग्रस्त देश की सेना के प्रमुख हैं. उन्होंने ने इस साल 23 जून में देश के रक्षा बलों का नेतृत्व संभाला था. दिलचस्प बात यह है कि वाकर-उज-जमान के ससुर जनरल मुस्तफिजुर रहमान ने वर्ष 1997 से 2000 तक बांग्लादेश सेना के सेनाध्यक्ष के रूप में कार्य किया था. वाकर-उज-जमान ने साराहनाज कमालिका जमान से शादी की थी.
मुस्तफिजुर रहमान और शेख हसीना के बीच पारिवारिक संबंध था. 58 वर्षीय वकार-उज-जमान 1985 में सेना में शामिल हुए थे. बांग्लादेश मिलिट्री अकादमी के पूर्व छात्र, जनरल को 20 दिसंबर 1985 को कोर ऑफ इन्फेंट्री में कमीशन दिया गया था. वाकर-उज-जमान का जन्म 1966 में ढांका में हुआ था.
वकार-उज-जमान के पास रक्षा अध्ययन में मास्टर डिग्री है. वे बांग्लादेश के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं. उन्होंने लंदन के किंग्स कॉलेज में रक्षा अध्ययन में एमए की पढ़ाई भी की है. सेना प्रमुख बनने से पहले वे छह महीने से अधिक समय तक चीफ ऑफ जनरल स्टाफ रहे. उनका करियर तीन दशकों से अधिक रहा है. उन्होंने शेख हसीना के साथ भी मिलकर काम किया था. क्योंकि वे प्रधानमंत्री कार्यालय के तहत सशस्त्र बल प्रभाग में प्रमुख स्टाफ अधिकारी थे.