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UNSC में रुचिरा कंबोज ने संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा से निपटने में देश के नेतृत्व पर प्रकाश डाला - India at UNSC

Ruchira Kamboj highlights countrys leadership at UNSC: संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा समेत अन्य मुद्दों पर भारत के रुख पर प्रकाश डाला.

At UNSC Indias top diplomat highlights countrys leadership in combating conflict related sexual violence (PHOTO IANS)
UNSC में रुचिरा कंबोज ने संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा से निपटने में देश के नेतृत्व पर प्रकाश डाला(फोटो आईएएनएस)
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By ANI

Published : Apr 24, 2024, 11:37 AM IST

न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने महिलाओं, शांति और सुरक्षा एजेंडे के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया. उन्होंने यौन हिंसा संबंधी मामलों के निदान में देश के व्यापक दृष्टिकोण को स्पष्ट किया. साथ ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए देश के समर्पण, राष्ट्रीय नीति सुधार और जमीनी स्तर की पहल पर जोर दिया.

शीर्ष भारतीय राजनयिक कंबोज बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 'विसैन्यीकरण और लिंग-उत्तरदायी हथियार नियंत्रण के माध्यम से संघर्ष-संबंधित यौन हिंसा (सीआरएसवी) को रोकने' संबंधी शीर्षक पर एक खुली बहस को संबोधित कर रहीं थीं. कम्बोज ने भारत के बहुआयामी दृष्टिकोण की पुष्टि करते हुए शुरुआत की.

उन्होंने कहा,'महिला शांति और सुरक्षा एजेंडे के प्रति हमारे देश का समर्पण संघर्ष संबंधी यौन हिंसा से निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण के माध्यम से प्रदर्शित होता है. इस दृष्टिकोण में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, राष्ट्रीय नीति सुधार और जमीनी स्तर की पहल शामिल हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और शांति और सुरक्षा नीतियों में लैंगिक दृष्टिकोण को शामिल करने की आवश्यकता के बारे में बहुत मुखर रहा है.'

विशेष रूप से सीआरएसवी पर यूएनएससी की वार्षिक खुली बहस सदस्य देशों को सशस्त्र संघर्षों में युद्ध, यातना और आतंकवाद की रणनीति के रूप में राष्ट्र और गैर-राष्ट्र भागीदारों को यौन हिंसा से जुड़े उभरते विषयों पर विचार करने का अवसर प्रदान करती है. संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भारत के योगदान को याद करते हुए कंबोज ने गर्व से उल्लेख किया, 'भारतीय महिला शांति सैनिकों ने संघर्ष संबंधी यौन हिंसा को रोकने में महत्वपूर्ण सलाहकार की भूमिका निभाई है. साथ ही हमें इस बात पर भी बहुत गर्व है कि मेजर सुमन गवानी को संयुक्त राष्ट्र सैन्य लिंग अधिवक्ता वर्ष 2019 का पुरस्कार दिया गया.

उन्होंने संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा को रोकने में भारतीय महिला शांति सैनिकों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का भी उल्लेख किया. इसके अलावा कंबोज ने यौन शोषण और दुर्व्यवहार के पीड़ितों के समर्थन में भारत के सक्रिय उपायों पर प्रकाश डाला और कहा, 'भारत यौन शोषण और दुर्व्यवहार के पीड़ितों के समर्थन में महासचिव के ट्रस्ट फंड में योगदान देने वाला पहला देश भी था.

ये भी पढ़ें- संयुक्त राष्ट्र के कई निकायों के प्रमुख पदों पर भारत ने की जीत हासिल - Indians Winning Many Posts At UN

न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने महिलाओं, शांति और सुरक्षा एजेंडे के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया. उन्होंने यौन हिंसा संबंधी मामलों के निदान में देश के व्यापक दृष्टिकोण को स्पष्ट किया. साथ ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए देश के समर्पण, राष्ट्रीय नीति सुधार और जमीनी स्तर की पहल पर जोर दिया.

शीर्ष भारतीय राजनयिक कंबोज बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 'विसैन्यीकरण और लिंग-उत्तरदायी हथियार नियंत्रण के माध्यम से संघर्ष-संबंधित यौन हिंसा (सीआरएसवी) को रोकने' संबंधी शीर्षक पर एक खुली बहस को संबोधित कर रहीं थीं. कम्बोज ने भारत के बहुआयामी दृष्टिकोण की पुष्टि करते हुए शुरुआत की.

उन्होंने कहा,'महिला शांति और सुरक्षा एजेंडे के प्रति हमारे देश का समर्पण संघर्ष संबंधी यौन हिंसा से निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण के माध्यम से प्रदर्शित होता है. इस दृष्टिकोण में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, राष्ट्रीय नीति सुधार और जमीनी स्तर की पहल शामिल हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और शांति और सुरक्षा नीतियों में लैंगिक दृष्टिकोण को शामिल करने की आवश्यकता के बारे में बहुत मुखर रहा है.'

विशेष रूप से सीआरएसवी पर यूएनएससी की वार्षिक खुली बहस सदस्य देशों को सशस्त्र संघर्षों में युद्ध, यातना और आतंकवाद की रणनीति के रूप में राष्ट्र और गैर-राष्ट्र भागीदारों को यौन हिंसा से जुड़े उभरते विषयों पर विचार करने का अवसर प्रदान करती है. संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भारत के योगदान को याद करते हुए कंबोज ने गर्व से उल्लेख किया, 'भारतीय महिला शांति सैनिकों ने संघर्ष संबंधी यौन हिंसा को रोकने में महत्वपूर्ण सलाहकार की भूमिका निभाई है. साथ ही हमें इस बात पर भी बहुत गर्व है कि मेजर सुमन गवानी को संयुक्त राष्ट्र सैन्य लिंग अधिवक्ता वर्ष 2019 का पुरस्कार दिया गया.

उन्होंने संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा को रोकने में भारतीय महिला शांति सैनिकों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का भी उल्लेख किया. इसके अलावा कंबोज ने यौन शोषण और दुर्व्यवहार के पीड़ितों के समर्थन में भारत के सक्रिय उपायों पर प्रकाश डाला और कहा, 'भारत यौन शोषण और दुर्व्यवहार के पीड़ितों के समर्थन में महासचिव के ट्रस्ट फंड में योगदान देने वाला पहला देश भी था.

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