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अमेरिका को अच्छी नहीं लगी भारत-ईरान दोस्ती, दबी जुबान में दी धमकी - india iran ties - INDIA IRAN TIES

US Warns India Iran Ties : चाबहार बंदरगाह को लेकर हुए समझौते के बाद अमेरिका ने एक सख्त टिप्पणी की है. उसने कहा कि है कि ईरान के साथ कारोबार करने वाले किसी भी देश के इसके जोखिमों के बारे में पता होना चाहिए. हालांकि, अमेरिका ने कहा कि भारत अपनी विदेश नीति के अनुरूप काम करने के लिए स्वतंत्र है.

US Warns India Iran Ties
वेदांत पटेल की फाइल फोटो. (Getty Images)
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By ANI

Published : May 14, 2024, 10:12 AM IST

वाशिंगटन : भारत की ओर से ईरान में चाबहार बंदरगाह को 10 वर्षों के लिए संचालित करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के कुछ घंटों बाद, अमेरिका ने चेतावनी दी है कि तेहरान के साथ व्यापार सौदे पर विचार करने वाले 'किसी को भी' इससे जुड़े प्रतिबंधों के संभावित जोखिम के बारे में पता होना चाहिए. हालांकि, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने यह भी कहा कि वह भारत सरकार को अपनी विदेश नीति को अपनाने के लिए स्वतंत्र है.

वेदांत पटेल ने सोमवार (स्थानीय समय) प्रेस वार्ता में कहा कि हम इन रिपोर्टों से अवगत हैं कि ईरान और भारत ने चाबहार बंदरगाह के संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. मैं भारत सरकार को चाबहार बंदरगाह के साथ-साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों के संबंध में ईरान के साथ अपनी विदेश नीति के लक्ष्यों के बारे में बात करने दूंगा. उन्होंने कहा कि मैं बस यही कहूंगा कि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू रहेंगे और हम उन्हें लागू करना जारी रखेंगे.

पटेल ने कहा कि कोई भी इकाई, कोई भी व्यक्ति जो ईरान के साथ व्यापारिक सौदे पर विचार कर रहा है, उन्हें संभावित जोखिम, प्रतिबंधों के संभावित जोखिम के बारे में जागरूक रहना होगा. चाबहार बंदरगाह संचालन पर दीर्घकालिक द्विपक्षीय अनुबंध पर सोमवार को भारत के इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) और ईरान के बंदरगाह और समुद्री संगठन (पीएमओ) के बीच हस्ताक्षर किए गए, जिससे चाबहार बंदरगाह विकास परियोजना में 10 वर्ष की अवधि के लिए शाहिद-बेहस्ती बंदरगाह का संचालन संभव हो जाएगा.

आईपीजीएल ने अनुबंध की अवधि के दौरान बंदरगाह को और अधिक सुसज्जित और संचालित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है. 10 साल की अवधि के अंत में, दोनों पक्ष चाबहार में अपना सहयोग और बढ़ाएंगे.

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वाशिंगटन : भारत की ओर से ईरान में चाबहार बंदरगाह को 10 वर्षों के लिए संचालित करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के कुछ घंटों बाद, अमेरिका ने चेतावनी दी है कि तेहरान के साथ व्यापार सौदे पर विचार करने वाले 'किसी को भी' इससे जुड़े प्रतिबंधों के संभावित जोखिम के बारे में पता होना चाहिए. हालांकि, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने यह भी कहा कि वह भारत सरकार को अपनी विदेश नीति को अपनाने के लिए स्वतंत्र है.

वेदांत पटेल ने सोमवार (स्थानीय समय) प्रेस वार्ता में कहा कि हम इन रिपोर्टों से अवगत हैं कि ईरान और भारत ने चाबहार बंदरगाह के संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. मैं भारत सरकार को चाबहार बंदरगाह के साथ-साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों के संबंध में ईरान के साथ अपनी विदेश नीति के लक्ष्यों के बारे में बात करने दूंगा. उन्होंने कहा कि मैं बस यही कहूंगा कि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू रहेंगे और हम उन्हें लागू करना जारी रखेंगे.

पटेल ने कहा कि कोई भी इकाई, कोई भी व्यक्ति जो ईरान के साथ व्यापारिक सौदे पर विचार कर रहा है, उन्हें संभावित जोखिम, प्रतिबंधों के संभावित जोखिम के बारे में जागरूक रहना होगा. चाबहार बंदरगाह संचालन पर दीर्घकालिक द्विपक्षीय अनुबंध पर सोमवार को भारत के इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) और ईरान के बंदरगाह और समुद्री संगठन (पीएमओ) के बीच हस्ताक्षर किए गए, जिससे चाबहार बंदरगाह विकास परियोजना में 10 वर्ष की अवधि के लिए शाहिद-बेहस्ती बंदरगाह का संचालन संभव हो जाएगा.

आईपीजीएल ने अनुबंध की अवधि के दौरान बंदरगाह को और अधिक सुसज्जित और संचालित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है. 10 साल की अवधि के अंत में, दोनों पक्ष चाबहार में अपना सहयोग और बढ़ाएंगे.

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