नैरोबी: केन्या में विरोध प्रदर्शनों के बीच मलबा हटाने का काम शुरू हो गया है. बता दें कि एक दिन पहले ही विवादास्पद कर योजना को लेकर हिंसक प्रदर्शनों के बीच प्रदर्शनकारियों द्वारा संसद पर धावा बोलने के बाद की घटना में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि आज दिन की शुरू में हिंसा की कोई सूचना नहीं है. हालात को देखते हुए पुलिस और सैनिक सड़कों पर गश्त कर रहे थे, जबकि शहर के कर्मचारी मलबा साफ करने के काम में जुटे हुए थे. दूसरी घटना के बाद संसद, सिटी हॉल और सुप्रीम कोर्ट को टेप लगाकर घेर दिया गया है.
वहीं राष्ट्रपति विलियम रुटो ने इस घटना को देशद्रोह बताते हुए कहा है कि किसी भी कीमत पर अशांत को खत्म नहीं होने दिया जाएगा. राष्ट्रपति के बयान के बाद से पुलिस की सहायता के लिए सेना को तैनात कर दिया गया.
गौरतलब है कि केन्या में एक प्रस्तावित वित्त विधेयक के विरोध में एक सप्ताह से अधिक समय से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. विधेयक करों में वृद्धि करेगा. कई युवाओं ने राष्ट्रपति को सत्ता में आने में इसलिए मदद की थी, क्यों कि उन्होंने आर्थिक राहत किए जाने का वाद किया था. लेकिन अब युवा वर्ग करों में इजाफा किए जाने को लेकर सड़कों पर उतर आया है.
केन्या की संसद में मंगलवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने संसद पर हमला कर दिया था और इमारत के कुछ हिस्सों को जला दिया था. इस दौरान सांसद भाग गए थे. वहीं पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गोलियां चलाईं थीं जिससे कई प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई. शहर के शवगृह ने एपी को बताया कि मंगलवार को पुलिस से उन्हें छह शव मिले. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने राजधानी नैरोबी के पूर्व में गिथुराई उपनगर में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए 700 से अधिक गोलियां चलाईं. वहीं रात में हवा में गोलियों की आवाज के वीडियो ऑनलाइन शेयर किए गए. नागरिक संगठनों के कई समूहों का कहना है कि मंगलवार को विरोध प्रदर्शन में 100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'मैं केन्याई अधिकारियों से संयम बरतने का आग्रह करता हूं और सभी प्रदर्शनों को शांतिपूर्ण तरीके से करने का आह्वान करता हूं.'
प्रवासियों के एक क्षेत्रीय केंद्र के रूप में मशहूर नैरोबी में केन्यावासियों के बीच असमानता बढ़ी है. साथ ही राज्य के भ्रष्टाचार के प्रति लंबे समय से चली आ रही कुंठा भी बढ़ी है. वित्त विधेयक के विरोध ने देश के एक बड़े हिस्ते को एकजुट कर दिया है.
ये भी पढ़ें - इजराइल में सरकार विरोधी प्रदर्शन, लोगों ने नए चुनाव और बंधकों की वापसी की मांग की