नई दिल्ली/कजान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ब्रिक्स समिट (BRICS Summit) को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, आतंकवाद और आतंकी वित्तपोषण के मामले में दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं है. 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, हमें आतंकवाद और टेरर फंडिंग से मजबूती से लड़ना होगा.
पीएम मोदी ने कहा कि, "हमें युवाओं को कट्टरपंथ की ओर जाने से रोकना होगा. भारत युद्ध नहीं संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है." पीएम मोदी ने कहा कि, आतंकवाद और आतंकी वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए हमें सभी के एकनिष्ठ और दृढ़ समर्थन की आवश्यकता है. इस गंभीर मामले में दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि ब्रिक्स बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब दुनिया युद्ध, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रही है.
#WATCH | Kazan, Russia: At the 16th BRICS Summit, PM Narendra Modi says, " ...the brics vaccine r&d centre launched in 2022 is helping in enhancing the health security of all countries. we will be happy to share india's successful experience in digital health with brics partners.… pic.twitter.com/0gYG7TSXsP
— ANI (@ANI) October 23, 2024
पीएम ने कहा, दुनिया उत्तर-दक्षिण विभाजन और पूर्व-पश्चिम विभाजन के बारे में बात कर रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मुद्रास्फीति को रोकना, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, जल सुरक्षा सुनिश्चित करना दुनिया के सभी देशों के लिए प्राथमिकता के मामले हैं. और प्रौद्योगिकी के इस युग में, साइबर डीपफेक, गलत सूचना जैसी नई चुनौतियां सामने आई हैं." प्रधानमंत्री ने कहा, "ऐसे समय में ब्रिक्स से बहुत उम्मीदें हैं.
#WATCH | Kazan, Russia: At the 16th BRICS Summit, PM Narendra Modi says, " ...the brics vaccine r&d centre launched in 2022 is helping in enhancing the health security of all countries. we will be happy to share india's successful experience in digital health with brics partners.… pic.twitter.com/0gYG7TSXsP
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मोदी ने कहा, "मेरा मानना है कि एक विविधतापूर्ण और समावेशी मंच के रूप में ब्रिक्स सभी क्षेत्रों में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है. इस संबंध में हमारा दृष्टिकोण लोगों पर केंद्रित होना चाहिए. हमें दुनिया को यह संदेश देना होगा कि ब्रिक्स विभाजनकारी संगठन नहीं है, बल्कि मानवता के हित में काम करता है." उन्होंने युद्ध के बजाय संवाद और कूटनीति के लिए भारत के समर्थन को दोहराया.
#WATCH | 16th BRICS Summit in Kazan, Russia | Prime Minister Narendra Modi says " special emphasis is being laid on infrastructure in all the brics countries. to rapidly increase multimodal connectivity in india, we have created the 'gatishakti' portal. this has helped in… pic.twitter.com/y4YNKI9ZrM
— ANI (@ANI) October 23, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "और जिस तरह हम कोविड जैसी चुनौती से मिलकर पार पा सके, उसी तरह हम निश्चित रूप से भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए नए अवसर पैदा करने में सक्षम हैं." "आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए हमें सभी के एकनिष्ठ, दृढ़ समर्थन की आवश्यकता है. इस गंभीर मामले में दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं है. हमें अपने देशों में युवाओं के कट्टरपंथीकरण को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है." उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के लंबे समय से लंबित मामले पर मिलकर काम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. ब्लॉक के विस्तार पर, भारत भागीदार देशों के रूप में ब्रिक्स में नए देशों का स्वागत करता है.
#WATCH | 16th BRICS Summit in Kazan, Russia | Prime Minister Narendra Modi says " i want to thank president putin for the successful organisation of the 16th brics summit. i once again heartily welcome the new colleagues associated with brics. in its new form, brics represents 40%… pic.twitter.com/ixaZtQWGIe
— ANI (@ANI) October 23, 2024
उन्होंने कहा, "इस संबंध में सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाने चाहिए, तथा ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए. जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन के दौरान अपनाए गए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों और प्रक्रियाओं का सभी सदस्यों और भागीदार देशों द्वारा अनुपालन किया जाना चाहिए."
#WATCH | Kazan, Russia: At the 16th BRICS Summit, PM Narendra Modi says, " in its new form, brics is an economy bigger than 30 trillion dollars. brics business council and brics women business alliance have played a special role in increasing our economic cooperation. the… pic.twitter.com/tqURcGvIvH
— ANI (@ANI) October 23, 2024
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ब्रिक्स एक ऐसा संगठन है, जो समय के साथ विकसित होने के लिए तैयार है, उन्होंने कहा, "विश्व को अपना स्वयं का उदाहरण देकर हमें सामूहिक रूप से और एकजुट तरीके से वैश्विक संस्थाओं के सुधारों के लिए अपनी आवाज उठानी चाहिए." उन्होंने कहा, "हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, बहुपक्षीय विकास बैंकों और विश्व व्यापार संगठन जैसे वैश्विक संस्थानों में सुधारों पर समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए. जैसे-जैसे हम ब्रिक्स में अपने प्रयासों को आगे बढ़ाते हैं, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए सावधान रहना चाहिए कि यह संगठन वैश्विक संस्थाओं को बदलने की कोशिश करने वाले संगठन की छवि न बनाए, बल्कि ऐसा संगठन माना जाए जो उन्हें सुधारना चाहता है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "ग्लोबल साउथ के देशों की आशाओं, आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को भी ध्यान में रखना होगा. वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट्स और जी-20 प्रेसीडेंसी के दौरान भारत ने इन देशों की आवाज को वैश्विक मंच पर रखा. मुझे खुशी है कि ब्रिक्स के तहत भी इन प्रयासों को मजबूती मिल रही है. पिछले साल अफ्रीका के देशों को ब्रिक्स में शामिल किया गया था. इस साल भी रूस की ओर से ग्लोबल साउथ के कई देशों को आमंत्रित किया गया है."विभिन्न दृष्टिकोणों और विचारधाराओं के संगम से बना ब्रिक्स समूह दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत है और सकारात्मक सहयोग को बढ़ावा देता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमारी विविधता, एक-दूसरे के प्रति सम्मान और आम सहमति के आधार पर आगे बढ़ने की हमारी परंपरा हमारे सहयोग का आधार है. हमारा यह गुण और हमारी ब्रिक्स भावना अन्य देशों को भी इस मंच की ओर आकर्षित कर रही है. मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में हम सब मिलकर इस अनूठे मंच को संवाद, सहयोग और समन्वय का आदर्श बनाएंगे. इस संबंध में ब्रिक्स के संस्थापक सदस्य के रूप में भारत हमेशा अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करता रहेगा."
मोदी ने आगे कहा, ब्रिक्स देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के एक बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो विशेष रूप से उभरते बाजारों में महत्वपूर्ण आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं. यह समूह सदस्य देशों के बीच व्यापार समझौतों को बढ़ावा देता है, ब्रिक्स के भीतर व्यापार को बढ़ाता है और विदेशी निवेश को आकर्षित करता है. ब्रिक्स ने अपने स्वयं के वित्तीय संस्थान स्थापित किए हैं, जैसे कि न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) और कंटिजेंट रिजर्व अरेंजमेंट (सीआरए), जो आईएमएफ और विश्व बैंक जैसे पश्चिमी-प्रभुत्व वाले संस्थानों को वित्तपोषण विकल्प प्रदान करते हैं.
पीएम मोदी ने आगे यह भी कहा कि, ब्रिक्स उभरती अर्थव्यवस्थाओं का बेहतर प्रतिनिधित्व करने के लिए वैश्विक शासन में सुधारों की वकालत करता है, जिससे बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को बढ़ावा मिलता है. यह समूह जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास जैसे मुद्दों पर सहयोग करता है तथा वैश्विक चुनौतियों का समाधान करता है.
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