हैदराबाद : हर साल तपेदिक या टीबी के कारण पूरी दुनिया में लाखों की संख्या में लोगों की मौत हो जाती है. अकेले 2022 में 13 लाख से ज्यादा लोग मारे गये थे. इसके विनाशकारी स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक परिणामों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर टीबी महामारी को समाप्त करने के प्रयासों को बढ़ाने के लिए हर साल विश्व टीबी दिवस मनाया जाता है. यह तारीख 1882 के उस दिन को दर्शाती है जब डॉ. रॉबर्ट कोच ने घोषणा की थी कि उन्होंने टीबी का कारण बनने वाले जीवाणु की खोज कर ली है, जिससे इस बीमारी के निदान और इलाज का रास्ता निकल आया. इसी कारण 1905 में रॉबर्ट कोच को नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.
विश्व टीबी दिवस 2024 का थीम, 'हां! हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं! तय किया गया है.
किसी भी व्यक्ति में टीबी का लक्षण इस बात पर निर्भर करता है कि संक्रमण शरीर के किस हिस्से में है. आमतौर पर टीबी से फेफड़ें, मस्तिष्क, गुर्दे, रीढ़ और त्वचा संक्रमित होता है. ऐसे टीबी के सामान्य लक्ष्ण इस प्रकार हैं.
- बुखार
- थकान
- कमजोरी
- छाती में दर्द
- वजन घटना
- रात का पसीना
- लंबे समय तक खांसी
- कभी-कभी खांसी के दौरान खून आना
कुछ स्थितियों में टीबी के खतरे ज्यादा हैं
- कुपोषित होना
- तंबाकू सेवन करने वाले
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली
- डायबिटीज (हाई ब्लड शुगर)
- एचआईवी या एड्स पीड़ित मरीज
जब कोई भी व्यक्ति टीबी से संक्रमित होते हैं तो प्रारंभिक समय में कई बार लक्ष्ण नहीं दिखता है. कई महीने तक हल्के लक्ष्ण रहने पर पीड़ित व्यक्ति से अनजाने में टीबी का प्रसार उनके संपर्क में आने वाले व्यक्तियों में हो जाता है. गुप्त टीबी संक्रमण वाले लोगों को बीमारी के बारे में पता नहीं चलता है. टीबी से संक्रमित होने वाले पीड़ित का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा ही टीबी से संक्रमित होता है.
संयुक्त राष्ट्र के डेटा के अनुसार
- 2022 में टीबी से कुल 13 लाख (1.3 मिलियन) लोगों की मृत्यु हुई (एचआईवी से पीड़ित 167,000 लोगों सहित). दुनिया भर में, कोविड-19 (एचआईवी और एड्स से ऊपर) के बाद टीबी दूसरा प्रमुख संक्रामक हत्यारा है.
- 2022 में, दुनिया भर में अनुमानित 10.6 मिलियन लोग तपेदिक (टीबी) से बीमार पड़ गए, जिनमें 5.8 मिलियन पुरुष, 3.5 मिलियन महिलाएं और 1.3 मिलियन बच्चे शामिल थे। टीबी सभी देशों और आयु समूहों में मौजूद है। टीबी इलाज योग्य और रोकथाम योग्य है.
- मल्टीड्रग-प्रतिरोधी टीबी (एमडीआर-टीबी) एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट और स्वास्थ्य सुरक्षा खतरा बना हुआ है. 2022 में दवा प्रतिरोधी टीबी से पीड़ित केवल 5 में से 2 लोगों को ही इलाज मिल सका.
- टीबी से निपटने के वैश्विक प्रयासों ने वर्ष 2000 से अनुमानित 75 मिलियन लोगों की जान बचाई है.
- टीबी पर 2018 संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय बैठक में सहमत वैश्विक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए टीबी की रोकथाम, निदान, उपचार और देखभाल के लिए सालाना 13 बिलियन अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता है.
- 2030 तक टीबी महामारी को समाप्त करना संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के स्वास्थ्य लक्ष्यों में से एक है.
भारत में टीबी के मामले
- साल 2022 में सबसे ज्यादा 24.22 लाख टीबी मरीजों की पहचान की गई.
- भारत सरकार की ओर से टीबी के मामलों का पता लगाने के लिए लगातार रणनीति बदली जा रही है.
- टीबी जांच का विकेंद्रीकरण किया गया है. इस प्रक्रिया प्राइवेट पार्टनर को भी शामिल किया गया है.
- वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2023 विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से 7 नवंबर 2023 को जारी की गई थी.
- रिपोर्ट के अनुसार देश में टीबी के मामलों का पता करने के मामले में सुधार को सराहा गया.
- रिपोर्ट के अनुसार टीबी उपचार कवरेज में सुधार हुआ है. पिछले वर्ष की तुलना में 19 फीसदी अधिक है, यह 80 फीसदी तक पहुंच गया है.
- भारत में 2015 से 2022 तक टीबी के मामलों में 16 फीसदी तक कमी आई है. टीबी के मामलों में गिरावट की गति वैश्विक स्तर पर 8.7 फीसदी पर है. वैश्विक प्रगति के अनुपात में भारत में यह प्रगति लगभग दोगुनी है.
- 2015 से 2022 के बीच पूरी दुनिया में पर टीबी से मृत्यु दर में 18 फीसदी की कमी देखी गई है. डब्ल्यूएचओ के 2021 में टीबी मृत्यु दर 4.94 लाख था. 2022 में यह घटकर 3.31 लाख पहुंच गया. एक साल की अवधि में इसमें 34 फीसदी तक की कमी आई है.