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भोजन करने के बाद सीने में जलन-खट्टी डकार क्यों आती है? न्यूट्रिशनिस्ट से जानें क्या देर से खाना है इसकी वजह

क्या देर से खाना खाने से भी सीने में जलन हो सकती है? जानें न्यूट्रिशनिस्ट से खाना खाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है...

Why does heartburn and sour burps occur after eating?
भोजन करने के बाद सीने में जलन- खट्टी डकार क्यों आती है? (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Health Team

Published : Oct 16, 2024, 12:48 PM IST

Updated : Oct 16, 2024, 12:58 PM IST

आजकल लगभग हर किसी की जिंदगी भागदौड़ भरी है. बिजी लाइफस्टाइल की वजह से और विभिन्न कारणों से लोग सही समय पर खाना नहीं खा पाते हैं. खासतौर पर महिलाएं घर के कामकाज के कारण नाश्ता और दोपहर का खाना बहुत देर से खाती हैं. इस के चलते कुछ लोगों में सीने में जलन के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या देर से भोजन करना सीने में जलन का कारण है? यदि हां... तो इस खबर में पढ़िए किस समय भोजन करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और इस बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

जानें किन वजहों से होती है एसिडिटी
वैसे तो सीने में दर्द के कई कारण हो सकते हैं. लेकिन, प्रख्यात पोषण विशेषज्ञ डॉ. जानकी श्रीनाथ का कहना है कि सीने में जलन खासतौर पर एसिडिटी के कारण हो सकती है. डॉ. जानकी श्रीनाथ का कहना है कि एसिडिटी पाचन से जुड़ी एक बहुत ही आम समस्या है, जो कई बार पाचन प्रणाली में खाना पचाने वाले एसिड की मात्रा के जरूरत से ज्यादा बढ़ जाने के कारण हो जाती है. वहीं यदि एसिडिटी ज्यादा बढ़ने लगे तो पीड़ितों को कई कम या ज्यादा गंभीर व परेशान करने वाली समस्याएं महसूस होने लगती हैं.

न्यूट्रिशनिस्ट का क्या है कहना?
उन्होंने आगे कहा कि केवल देर से खाने के कारण ही एसिडिटी नहीं होती, बल्कि एसिडिटी मोटापा, शारीरिक गतिविधि की कमी या पेट में हिप्लोरी संक्रमण के कारण भी होते हैं. इसके अलावा, जब अन्नप्रणाली के पास की छोटी मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं, तब जो तरल पदार्थ पाचन तंत्र में होना चाहिए वह गले और नाक में आ जाता है. ऐसा कहा जाता है कि एसिडिटी के लक्षण उसी के कारण प्रकट होते हैं.

न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. जानकी श्रीनाथ कहती हैं कि हर किसी की जीवनशैली कभी एक जैसी नहीं होती, जब आप सो कर उठते हैं तब आप क्या करते हैं, कैसा खाना खाते हैं, कितना खाते हैं, यह सारी चीजें भी मैटर करता है...

किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए?
न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. जानकी श्रीनाथ का कहना है कि जिन लोगों में एसिडिटी की समस्या होती है, उन्हें मांस और तेल वाली चीजों का सेवन कम करना चाहिए, क्योंकि, यह चीजें पचने में ज्यादा समय लेती हैं. इसके अलावा ये पदार्थ अतिरिक्त एसिड के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं. इसके अलावा.. कुछ ऐसे मसाले भी जिनके कारण एसिडिटी की समस्या बढ़ जाती है. जैसे कि काली मिर्च, सूखी मिर्च, मिर्च, इमली जैसी कुछ सामग्रियों के कारण एसिडिटी होने की संभावना ज्यादा होती है.

कितना खतरनाक है एसिडिटी की समस्या?
यदि एसिडिटी की समस्या से जूझ रहे लोग अपने खान-पान में सतर्कता नहीं बरतते हैं तो उन्हें पाइलोरी संक्रमण हो सकता है. दरअसल, पाइलोरी संक्रमण एच. पाइलोरी बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक संक्रमण है. यह बैक्टीरिया पेट की परत पर हमला करता है और पेट के अस्तर में सूजन पैदा करता है. इस वजह से पेट या आंत में अल्सर हो सकता है. इसलिए डॉक्टर से परामर्श करना और उनकी सलाह का पालन करना बेहतर है.

जानिए खाना खाने का सही वक्त क्या है?
डॉ. जानकी श्रीनाथ का कहना है कि एसिडिटी की समस्या से परेशान लोगों को अपना दैनिक आहार योजना निर्धारित करना चाहिए, उनका कहना है कि इस समस्या से परेशान लोगों को कुछ इस तरह अपना डाइट प्लान करना चाहिए जैसे कि सुबह 6 बजे उठें और 9 बजे तक नाश्ता करें, 1 तक बजे दोपहर का भोजन करें और शाम को 4 से 5 बजे के बीच ओट्स, जावा, फल, मेवे आदि लें. इसी तरह लोग यह भी सुनिश्चित करें कि रात का खाना सात से आठ बजे के बीच पूरा हो जाए. भोजन छोड़े बिना आसानी से पचने योग्य भोजन करें. डॉ. जानकी श्रीनाथ ने सुझाव देते हुए कहा कि यदि लोग अपने दैनिक आहार में बदलाव करें तो उन्हें कोई समस्या नहीं होगी।

(नोट: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल आपके समझने के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. लेकिन, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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जानें किन वजहों से होती है एसिडिटी
वैसे तो सीने में दर्द के कई कारण हो सकते हैं. लेकिन, प्रख्यात पोषण विशेषज्ञ डॉ. जानकी श्रीनाथ का कहना है कि सीने में जलन खासतौर पर एसिडिटी के कारण हो सकती है. डॉ. जानकी श्रीनाथ का कहना है कि एसिडिटी पाचन से जुड़ी एक बहुत ही आम समस्या है, जो कई बार पाचन प्रणाली में खाना पचाने वाले एसिड की मात्रा के जरूरत से ज्यादा बढ़ जाने के कारण हो जाती है. वहीं यदि एसिडिटी ज्यादा बढ़ने लगे तो पीड़ितों को कई कम या ज्यादा गंभीर व परेशान करने वाली समस्याएं महसूस होने लगती हैं.

न्यूट्रिशनिस्ट का क्या है कहना?
उन्होंने आगे कहा कि केवल देर से खाने के कारण ही एसिडिटी नहीं होती, बल्कि एसिडिटी मोटापा, शारीरिक गतिविधि की कमी या पेट में हिप्लोरी संक्रमण के कारण भी होते हैं. इसके अलावा, जब अन्नप्रणाली के पास की छोटी मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं, तब जो तरल पदार्थ पाचन तंत्र में होना चाहिए वह गले और नाक में आ जाता है. ऐसा कहा जाता है कि एसिडिटी के लक्षण उसी के कारण प्रकट होते हैं.

न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. जानकी श्रीनाथ कहती हैं कि हर किसी की जीवनशैली कभी एक जैसी नहीं होती, जब आप सो कर उठते हैं तब आप क्या करते हैं, कैसा खाना खाते हैं, कितना खाते हैं, यह सारी चीजें भी मैटर करता है...

किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए?
न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. जानकी श्रीनाथ का कहना है कि जिन लोगों में एसिडिटी की समस्या होती है, उन्हें मांस और तेल वाली चीजों का सेवन कम करना चाहिए, क्योंकि, यह चीजें पचने में ज्यादा समय लेती हैं. इसके अलावा ये पदार्थ अतिरिक्त एसिड के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं. इसके अलावा.. कुछ ऐसे मसाले भी जिनके कारण एसिडिटी की समस्या बढ़ जाती है. जैसे कि काली मिर्च, सूखी मिर्च, मिर्च, इमली जैसी कुछ सामग्रियों के कारण एसिडिटी होने की संभावना ज्यादा होती है.

कितना खतरनाक है एसिडिटी की समस्या?
यदि एसिडिटी की समस्या से जूझ रहे लोग अपने खान-पान में सतर्कता नहीं बरतते हैं तो उन्हें पाइलोरी संक्रमण हो सकता है. दरअसल, पाइलोरी संक्रमण एच. पाइलोरी बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक संक्रमण है. यह बैक्टीरिया पेट की परत पर हमला करता है और पेट के अस्तर में सूजन पैदा करता है. इस वजह से पेट या आंत में अल्सर हो सकता है. इसलिए डॉक्टर से परामर्श करना और उनकी सलाह का पालन करना बेहतर है.

जानिए खाना खाने का सही वक्त क्या है?
डॉ. जानकी श्रीनाथ का कहना है कि एसिडिटी की समस्या से परेशान लोगों को अपना दैनिक आहार योजना निर्धारित करना चाहिए, उनका कहना है कि इस समस्या से परेशान लोगों को कुछ इस तरह अपना डाइट प्लान करना चाहिए जैसे कि सुबह 6 बजे उठें और 9 बजे तक नाश्ता करें, 1 तक बजे दोपहर का भोजन करें और शाम को 4 से 5 बजे के बीच ओट्स, जावा, फल, मेवे आदि लें. इसी तरह लोग यह भी सुनिश्चित करें कि रात का खाना सात से आठ बजे के बीच पूरा हो जाए. भोजन छोड़े बिना आसानी से पचने योग्य भोजन करें. डॉ. जानकी श्रीनाथ ने सुझाव देते हुए कहा कि यदि लोग अपने दैनिक आहार में बदलाव करें तो उन्हें कोई समस्या नहीं होगी।

(नोट: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल आपके समझने के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. लेकिन, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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Last Updated : Oct 16, 2024, 12:58 PM IST
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