हैदराबाद : आज के डिजिटल युग में मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है. चाहे कोई भी काम हो, हम अपने फोन के बिना अधूरे से महसूस करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि फोन का अत्यधिक इस्तेमाल एक लत में बदल सकता है? जी हां, फोन की लत आजकल आम हो गई है, और इस लत की चपेट में बच्चे, युवा तथा बुजुर्ग सभी आ रहे हैं.
नई दिल्ली के मनोचिकित्सक डॉ आशीष सिंह बताते हैं उनके मरीजों में ऐसे लोगों की संख्या काफी ज्यादा है जो फोन एडिक्शन के प्रभाव के कारण परेशानियां झेल रहे हैं. और उनमें बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी शामिल हैं.
वह बताते हैं कि फोन की लत हमारे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने के साथ हमारे जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है. यहां तक की इस लत का असर हमारे सामाजिक व पारिवारिक जीवन, व्यवहार व रिश्तों पर भी पड़ता है. इसलिए इस लत से बचना आज की बड़ी जरूरत बन गई है. वह बताते हैं कि फोन की लत या फोन एडिक्शन से बचने के लिए हमें अपनी आदतों में बदलाव करना होगा और फोन के इस्तेमाल को सीमित करना होगा. संतुलित उपयोग ही हमें इस लत से बचा सकता है. बहुत जरूरी हैं की लोग समझे कि तकनीक हमारे लिए है, हम तकनीक के लिए नहीं.
फोन की लत के नुकसान
डॉ आशीष सिंह बताते हैं कि फोन की लत से हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, दोनों पर बुरा असर पड़ता है. लगातार फोन का इस्तेमाल करने से आंखों में जलन, सिरदर्द, नींद की कमी और तनाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं. वहीं जब हम अपना ज्यादातर समय फोन पर बिताते हैं तो हमारा सामाजिक व पारिवारिक जीवन भी प्रभावित होता है. हम अपनों से कम मिलते हैं, बातचीत करने की बजाय मैसेज पर ज्यादा ध्यान देते हैं, और असल जिंदगी से दूर होते जाते हैं. वहीं परिवार में भी लोग साथ-साथ बैठने पर एक दूसरे से बातचीत करने या उनके साथ समय बिताने की बजाय अपने फोन पर व्यस्त रहते हैं जिससे रिश्तों में कही-अनकही दूरी आने लगती है.
फोन एडिक्शन के कारण
वह बताते हैं कि फोन की लत के पीछे कई कारण हो सकते हैं. जिनमें सबसे पहला कारण है सोशल मीडिया. फेसबुक, इंस्टाग्राम, और व्हाट्सएप जैसे ऐप्स पर लोग घंटों बिताते हैं. हर समय अपडेट रहना,रिल्स देखना, लाइक्स और कमेंट्स देखना एक प्रकार का एडिक्शन बन जाता है. दूसरा कारण है ऑनलाइन गेम्स. बहुत से लोग गेम खेलने में इतना खो जाते हैं कि उन्हें समय का भी ध्यान नहीं रहता. इसके अलावा, फोन का इस्तेमाल आजकल हमारे काम व पढ़ाई के लिए भी जरूरी हो गया है, जिससे हम खुद को इससे दूर नहीं कर पाते.
कैसे पाएं फोन एडिक्शन से छुटकारा
डॉ आशीष सिंह बताते हैं कि कुछ बातों व सावधानियों को अपनी आदत व दिनचर्या में शामिल करने से इस एडिक्शन से छुटकारा पाने या इसके प्रभाव को कम करने में काफी मदद मिल सकती है जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
नियमितता तय करें : फोन के इस्तेमाल के लिए एक समय सीमा तय करें. जैसे, खाना खाते समय, सोते समय, या दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताते समय फोन का इस्तेमाल न करें.
डिजिटल डिटॉक्स : हफ्ते में एक दिन डिजिटल डिटॉक्स का प्रयास करें. इस दिन फोन, लैपटॉप, और अन्य गैजेट्स का इस्तेमाल कम करें. आप इस दिन का उपयोग खुद को रिलैक्स करने, किताबें पढ़ने, या प्रकृति में समय बिताने के लिए कर सकते हैं.
नोटिफिकेशन बंद करें : फोन पर बार-बार आने वाली नोटिफिकेशन हमारी ध्यान भंग करती हैं. अनावश्यक ऐप्स की नोटिफिकेशन बंद कर दें, ताकि आप बार-बार फोन चेक न करें.
हेल्दी एक्टिविटीज अपनाएं : फोन की जगह अन्य हेल्दी एक्टिविटी पर ध्यान दें. जैसे, योगा, मेडिटेशन, पढ़ाई, संगीत सुनना, या दोस्तों के साथ आउटडोर गेम्स खेलना.
समय मैनेजमेंट : अपनी दिनचर्या में समय का सही प्रबंधन करें. एक टाइम टेबल बनाएं और उसे फॉलो करें. इससे आपको अपने समय का सही उपयोग करने में मदद मिलेगी और फोन पर बिताया जाने वाला समय भी कम होगा.
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