हैदराबाद: अपने दिल को आज के समय में स्वस्थ रखना एक बहुत बड़ी चुनौती से कम नहीं है. हर साल हार्ट अटैक भारत में हजारों लोगों की जान ले लेता है. हालांकि लोगों में इसे लेकर जागरूकता बढ़ रही है, लेकिन फिर भी हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या साल दर साल बढ़ रही है. एनसीआरबी की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में हार्ट अटैक की वजह से 32,457 लोगों की मौत हो गई.
यह आंकड़ा साल 2021 के मुकाबले 12.5 प्रतिशत ज्यादा है, क्योंकि 2021 में हार्ट अटैक की वजह से 28,413 भारतीयों ने अपनी जान गंवाई थी. इतनी मौतों के बाद भी बहुत से लोगों को यह नहीं पता है कि आखिर हार्ट अटैक क्या है और इसके आने के कारण क्या है. क्या इससे बचाव किया जा सकता है. आज इस लेख में हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं और साथ ही यह भी बताने वाले हैं कि हार्ट अटैक के खतरे को कम कैसे किया जा सकता है.
क्या है हार्ट अटैक
हार्ट अटैक एक जानलेवा मेडिकल इमरजेंसी है, जिसके लिए तत्काल उपचार की जरूरत होती है. अमेरिका के नेशनल हार्ट, लंग्स एंड ब्लड इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार "दिल का दौरा, जिसे मायोकार्डियल इंफार्क्शन के रूप में भी जाना जाता है, तब होता है जब आपके हृदय की मांसपेशियों के एक हिस्से में ऑक्सीजन पहुंचाने वाले रक्त का प्रवाह अचानक अवरुद्ध हो जाता है."
रिपोर्ट में बताया गया है कि रक्त का प्रवाह रुकने से आपके हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है. ऐसे में अगर रक्त प्रवाह को जल्दी से बहाल नहीं किया जाता है, तो हृदय की मांसपेशियां मरने लगती हैं. जिससे किसी को भी दिल का दौरा पड़ता है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट एक जैसे नहीं होते हैं. कार्डियक अरेस्ट तब होता है, जब किसी का दिल अचानक और अप्रत्याशित रूप से धड़कना बंद कर देता है, हालांकि हार्ट अटैक अचानक कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकता है.
हार्ट अटैक का कारण
दिल के दौरे का सबसे आम कारण कोरोनरी धमनी रोग है, जो हृदय रोग का सबसे आम प्रकार है. यह तब होता है जब आपकी कोरोनरी धमनियां आपके हृदय की मांसपेशियों तक पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त खून नहीं पहुंचा पाती हैं. ज़्यादातर मामलों में, कोरोनरी धमनी रोग तब होता है, जब प्लाक नामक मोमी पदार्थ आपकी धमनियों के अंदर जमा हो जाता है, जिससे धमनियां संकरी हो जाती हैं.
इस प्लाक के जमा होने को एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है. यह कई सालों तक हो सकता है, और यह आपके हृदय की मांसपेशियों के कुछ हिस्सों में रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकता है. प्लाक जो धीरे-धीरे समय के साथ धमनियों को संकरा करते हैं, एनजाइना का कारण बनते हैं. अंततः, हृदय की धमनी के अंदर प्लाक का एक क्षेत्र टूटकर खुल सकता है. इससे प्लाक की सतह पर रक्त के थक्के बनने लगते हैं.
क्या होते हैं हार्ट अटैक के कारण
हार्ट अटैक के लिए कोरोनरी धमनी की समस्या कई वजहों से हो सकती है. इनमें अस्वास्थ्यकर आहार, जिसमें सेचुरेटेड फैट या सोडियम से भरपूर बहुत खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करना, नियमित शारीरिक गतिविधियों में कमी और धूम्रपान जैसी आदतें शामिल हैं. इसके अलावा कुछ मेडिकल स्थितियों में भी हार्ट अटैक की समस्या से जूझना पड़ सकता है.
इनमें मेडिकल स्थितियों में हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर या प्रीक्लेम्पसियाबाहरी लिंक (गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप), हाई ब्लड शुगर या डायबिटीज, हाई ब्लड ट्राइग्लिसराइड्स और अधिक वजन या मोटापा भी शामिल है. इसके अलावा उम्र भी एक कारण है, जहां पुरुषों में 45 के बाद और महिलाओं 55 के बाद इसका खतरा बढ़ जाता है. वहीं हार्ट अटैक की समस्या अनुवांशिक भी होती है.
क्या हार्ट अटैक को रोका जा सकता है?
आप अपनी दिनचर्या में बदलाव करके या किसी ज्ञात कोरोनरी धमनी रोग का इलाज करके दिल के दौरे के जोखिम को कम कर सकते हैं. स्वस्थ जीवनशैली में बदलाव, जिसमें हृदय के लिए स्वस्थ भोजन, सक्रिय रहना, धूम्रपान छोड़ना, तनाव प्रबंधन और स्वस्थ वजन बनाए रखना शामिल है, हृदय रोग को रोकने में मदद कर सकता है. भले ही आपको पहले से ही कोरोनरी धमनी रोग हो, ये बदलाव हार्ट अटैक के जोखिम को कम कर सकते हैं.
(डिस्कलेमर: इस वेबसाइट पर दी गई सभी स्वास्थ्य जानकारी, चिकित्सा युक्तियां और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह लें.)