Sinusitis Treatment : साइनोसाइटिस एक आम समस्या है, जो कई बार ध्यान ना देने पर पीड़ित के लिए भारी असुविधा व परेशानियों का कारण बन सकती है. साइनोसाइटिस सामान्यतः किसी प्रकार के संक्रमण या एलर्जी के कारण ट्रिगर होती है और किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है. सामान्य तौर पर यह समस्या इलाज से कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है लेकिन अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहे और इसमें सामान्य उपचार काम नहीं कर रहे हों, तो कई बार इसके लिए सर्जरी करवाने की जरूरत भी पड़ सकती है. इसलिए जानकार कहते हैं कि साइनोसाइटिस की समस्या को अनदेखा करने से बचना चाहिए और समय पर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए.
क्या है साइनोसाइटिस : चंडीगढ़ की ईएनटी विशेषज्ञ डॉ हरविंदर सिंह कौर बताती हैं कि साइनोसाइटिस एक आम समस्या है जो ज्यादातर मौसम में बदलाव, प्रदूषण- धूल मिट्टी, एलर्जी तथा बैक्टीरिया या वायरस के कारण होने वाले कुछ अन्य संक्रमणों के कारण ट्रिगर होती है. Dr Harvinder Singh Kaur बताती हैं कि साइनस हमारी नाक से जुड़ी हड्डियों में हवा को गर्म और नम करने में मदद करते हैं और नाक में बलगम बनाने का काम करते हैं. लेकिन किसी कारण से अगर उसमें सूजन या संक्रमण हो जाता है, तो यह साइनोसाइटिस के होने का कारण बन सकती है.
साइनोसाइटिस होने पर नाक और साइनस के अंदर बलगम जमने लगता है जिसके परिणामस्वरूप नाक बंद हो जाती है और सांस लेने में कठिनाई होती है. यही नहीं साइनस के कारण सिरदर्द, चेहरे पर दबाव या दर्द, नाक से गाढ़ा स्राव, खांसी, थकान, और दांतों में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं. साइनस के संक्रमण के कारण व्यक्ति को तेज बुखार और चेहरे के आसपास सूजन भी महसूस हो सकती है. वहीं यदि इस समस्या में नाक से लगातार गाढ़ा स्राव आ रहा हो या सिर में अत्यधिक दर्द हो तो यह गंभीर साइनोसाइटिस का लक्षण हो सकता है.
Dr Harvinder Singh Kaur, ENT Specialist बताती हैं कि आमतौर पर यह समस्या 10 दिनों के भीतर खुद ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ लोगों में यह समस्या बार-बार भी हो सकती है, जिससे उनके दैनिक जीवन की गुणवत्ता पर भी बुरा असर पड़ सकता है.
निदान
Dr Harvinder Kaur बताती हैं कि साइनोसाइटिस की समस्या का इलाज आमतौर पर इसकी गंभीरता पर निर्भर करता है. यदि समस्या हल्की है तो घरेलू उपाय जैसे भाप लेना, गर्म पानी से गरारे करना, नियमित अंतराल पर नाक साफ करना तथा नेजल स्प्रे के इस्तेमाल से लाभ मिल जाता है और असुविधा में भी राहत मिलती है. वहीं मध्यम और गंभीर साइनोसाइटिस में पीड़ित को एंटीबायोटिक्स, नेजल स्प्रे या डी-कॉन्जेस्टेंट दवाएं प्रिस्क्राइब की जाती हैं.
ENT Specialist Dr Harvinder Singh Kaur बताती हैं कि यदि व्यक्ति को लगातार या जल्दी-जल्दी साइनोसाइटिस की समस्या होती है, तो एलर्जी टेस्ट और उचित इलाज की जरूरत हो सकती है. वहीं यदि साइनोसाइटिस की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है और सामान्य उपचार काम नहीं कर रहे, तो सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है. इसके लिए एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी की जाती है. यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसके जरिए साइनस को खोलकर अंदर जमा बलगम और संक्रमण को दूर किया जाता है.
Dr Harvinder Singh Kaur बताती हैं कि स्वास्थ्य समस्याएं कोई भी हो यदि उनकी अनदेखी की जाए और जरूरी चिकित्सकीय परामर्श ना लिए जाय तो वह कई अन्य गंभीर समस्याओं के होने का कारण बन सकती हैं. इसलिए समस्या के लक्षण महसूस होने पर दूसरों की सलाह लेने या सिर्फ इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर स्वयं अपना इलाज करने की बजाय चिकित्सक से इलाज करवाना चाहिए और जरूरी सावधानियों व उपचार का पालन करना चाहिए. जिससे समस्या के गंभीर होने से बचा जा सके.
डिस्कलेमर :- यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह ले लें.