नई दिल्ली: किडनी हमारे शरीर में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. हम जानते हैं कि किडनी हमारे शरीर से वेस्ट प्रोडक्ट और एक्सेस फ्लूड पदार्थ को निकालने का काम करती है. साथ ही किडनी यह बी सुनिश्चित करती है कि हमारे शरीर में तरल पदार्थ की मात्रा सही हो और वे हमारे शरीर में रसायनों के स्थिर संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है.
बता दें कि हमारे शरीर में एसिड, पोटेशियम और नमक का रेगूलशन भी हमारी किडनी द्वारा किया जाता है. यह हमारे शरीर में विटामिन डी को भी उत्तेजित करती है, जो हड्डियों की मजबूती को बनाए रखता है. इसके अलावा किडनी एरिथ्रोपोइटिन का प्रोडक्शन करने में मदद करती है, जो रेड ब्लड सेल के प्रोडक्शन के लिए जिम्मेदार एक हार्मोन है.
अपोलो डायग्नोस्टिक्स के मुताबिक क्रोनिक किडनी रोगों के इलाज के लिए चिकित्सा क्षेत्र में प्रगति के बावजूद इससे होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसके पीछे की वजह किडनी की बीमारियों के बारे में जागरूकता की कमी और किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के महत्व के बारे में जागरूकता की कमी हो सकती है.
किडनी के फिट रखने के लिए तरल पद्वार्थ का सेवन करें
दिन में कम से कम 2.7 लीटर पानी पीना चाहिए. इससे किडनी को हमारे शरीर से मूत्र के रूप में अपशिष्ट निकालने में मदद मिलती है. यह शरीर से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है जो संक्रमण या किडनी स्टोन का कारण बन सकते हैं. पानी के अलावा नींबू, संतरा और खरबूजे जैसे फलों के जूस किडनी के स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं.
किडनी की रेगूलर जांच करवाएं
शुरुआती चरणों में किडनी की बीमारियों के कोई लक्षण नहीं दिखते. इसलिए सलाह दी जाती है कि साल में कम से कम एक बार अपनी किडनी की जांच करवाएं. किडनी के लिए कुछ सामान्य जांचों में ब्लड यूरिया, यूरिन रूटीन एनालिसिस, अल्ट्रासाउंड KUB और बहुत कुछ शामिल हैं.
हेल्दी लाइफस्टाइल बनाए रखें
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के मुताबिक एक्टिव और फिट रहना, यानी नियमित रूप से व्यायाम करना क्रोनिक किडनी रोगों से बचने में मदद कर सकता है. चलना, दौड़ना, डांस करना और साइकिल चलाना आपके शरीर को एक्टिव और स्वस्थ रखने मददगार हो सकते हैं. स्वस्थ आहार का पालन करना, धूम्रपान और मोटापे से बचना भी आवश्यक है.
अन्य स्वास्थ्य स्थितियों की निगरानी करना
अपने डायबिटीज और बलड शुगर लेवल पर नजर रखकर किडनी की समस्याओं या बीमारियों के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है. भारत में, डायबिटीज गुर्दे की विफलता का मुख्य कारण है. डायबिटीज से पीड़ित लोगों में गुर्दे को नुकसान होता है क्योंकि हाई शुगर लेवल आपकी किडनी को आपके खून को फिल्टर करने के लिए अधिक मेहनत करने के लिए मजबूर करता है.
(डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें.)