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रेप केस में मलयालम एक्टर सिद्दीकी को SC ने दी राहत, गिरफ्तारी पर लगी अंतरिम रोक - SC Consider Siddiqui Bail

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By ETV Bharat Entertainment Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में मलयालम अभिनेता सिद्दीकी को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की. सिद्दीकी ने केरल उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था.

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मलयालम फिल्म एक्टर सिद्दीकी को बलात्कार के एक मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की. न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने सिद्दीकी की याचिका पर सुनवाई के दौरान केरल सरकार और मामले की पीड़िता को नोटिस जारी किया. सिद्दीकी ने केरल उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था.

शिकायत में देरी का कारण पूछा

शुरुआत में शीर्ष अदालत ने पीड़िता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर से अभिनेता के खिलाफ शिकायत दर्ज करने में देरी का कारण पूछा. वकील ने पीठ से कहा कि जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट, जिसने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के साथ होने वाले चौंकाने वाले उत्पीड़न और यौन शोषण को उजागर किया है. यह मामला 8 साल पहले का है जिसे अब दर्ज करवाया गया है. 24 सितंबर को, उच्च न्यायालय ने बलात्कार मामले में सिद्दीकी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें कहा गया था कि उन पर लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, अपराध की उचित जांच के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ जरूरी थी.

सिद्दीकी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध दर्ज किए गए थे. न्यायमूर्ति के हेमा समिति की रिपोर्ट में किए गए खुलासे के मद्देनजर कई हाई-प्रोफाइल मलयालम फिल्म हस्तियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद कई एफआईआर दर्ज की गई हैं.

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मलयालम फिल्म एक्टर सिद्दीकी को बलात्कार के एक मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की. न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने सिद्दीकी की याचिका पर सुनवाई के दौरान केरल सरकार और मामले की पीड़िता को नोटिस जारी किया. सिद्दीकी ने केरल उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था.

शिकायत में देरी का कारण पूछा

शुरुआत में शीर्ष अदालत ने पीड़िता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर से अभिनेता के खिलाफ शिकायत दर्ज करने में देरी का कारण पूछा. वकील ने पीठ से कहा कि जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट, जिसने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के साथ होने वाले चौंकाने वाले उत्पीड़न और यौन शोषण को उजागर किया है. यह मामला 8 साल पहले का है जिसे अब दर्ज करवाया गया है. 24 सितंबर को, उच्च न्यायालय ने बलात्कार मामले में सिद्दीकी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें कहा गया था कि उन पर लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, अपराध की उचित जांच के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ जरूरी थी.

सिद्दीकी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध दर्ज किए गए थे. न्यायमूर्ति के हेमा समिति की रिपोर्ट में किए गए खुलासे के मद्देनजर कई हाई-प्रोफाइल मलयालम फिल्म हस्तियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद कई एफआईआर दर्ज की गई हैं.

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