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बैन हटने के बाद काम पर लौटे डायरेक्टर राहुल मुखर्जी, TV कलाकारों को अभी भी है ममता बनर्जी से शिकायत - Rahool Mukherjee

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 31, 2024, 7:04 PM IST

Bengali Film and Television Industry back to work : दो दिन चली हड़ताल के बाद बंगाली फिल्म और टीवी इंडस्ट्री काम पर लौट चुकी हैं. मुख्यमंत्री सीएम ममता बनर्जी के विवाद सुलझाने के बाद भी टीवी कलाकार जानिए किस बात से नाराज हैं.

RAHOOL MUKHERJEE
डायरेक्टर राहुल मुखर्जी ((Photo: ETV Bharat))

कोलकाता : बंगाली फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर डायरेक्टर राहुल मुखर्जी पर हाल ही में 3 तीन साल का बैन लगा था. डायरेक्टर पर यह बैन फेडरेशन ऑफ सिने टेक्नीशियन एंड वर्कर्स ऑफ ईस्टर्न इंडिया (FCTWEI)ने लगाय था. डायरेक्टर पर से यह बैन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हस्तक्षेप के बाद हटाया गया है. दरअसल, टेक्निशियंस ने डायरेक्टर राहुल के साथ काम करने इनकार कर दिया था, जिसके बाद यह पूरा विवाद खड़ा हुआ था. वहीं,डायरेक्टर के सपोर्ट में कई कलाकार हड़ताल पर बैठ गए थे. एक हफ्ते तक चले इस ड्रामे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हस्तक्षेप करने के बाद अब विराम लग चुका है. वहीं, डायरेक्टर ने दो दिन से रुकी फिल्म की शूटिंग आज बुधवार को जारी कर दी है.

मुख्यमंत्री ने सभी दलों को इस मामले पर संज्ञान लेने को कहा. बता दें, दो दिन हड़ताल की वजह से बंगला टीवी इंडस्ट्री के श्रमिकों पर बड़ा आर्थिक प्रभाव पड़ा है. बता दें, बंगाली फिल्म इंडस्ट्री के मुकाबले बांगला टीवी इंडस्ट्री पैसों के मामले में बेहद पिछड़ी हुई है. वहीं, टेलीविजन कलाकारों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि क्यों हमेशा मुख्यमंत्री को ही सभी मामलों में हस्तक्षेप करना पड़ता है?

इस मामले में एक्टर और आर्टिस्ट फोरम मेंबर दिगांत बाग्ची ने कहा है, हमनें कभी नहीं चाहा शूटिंग रुके, हालांकि अब शूटिंग शुरू हो चुकी है तो, इसमें भी कोई खुशी की बात नहीं है, सवाल सिर्फ एक है कि यह रुकी क्यों थीं? टीवी वाले बहुत कम लोगों के साथ बहुत कम पैसों में काम करते हैं, हमारी दैनिक कमाई ही सबकुछ है, दो दिन तक कोई शूट नहीं हुआ, इससे हमारी जेब पर बड़ा असर पड़ा है.

उन्होंने आग कहा, पहले सीरियल सालभर तक चलते थे, जिसकी वजह से हमें भी पैसों के लिए ज्यादा नहीं सोचना पड़ता था, अब सीरियल कब फ्लॉप हो जाए या कितने दिन तक चलेगा कुछ पता नहीं होता है, हमारे साथ यह भी समस्या है कि एक काम खत्म होने के बाद दूसरा काम मिलेगा या नहीं, इसलिए काम नहीं रुकना चाहिए.

आर्टिस्ट फोरम के एक और मेंबर सुदीप मुखर्जी ने कहा, किसी भी समस्या के लिए हमें बार-बार क्यों सीएम के पास जाना पड़ा रहा है? क्या हम अभी भी समझदार नहीं हैं, जो सीएम को हमारी समस्याएं सुलझानी पड़ रही हैं, इसलिए यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि आखिर कैसे हमें आगे के लिए निपटना है, मुझे लगता है कि सिस्टम में सुधार की जरुरत है.

आर्टिस्ट फोरम के एक और मेंबर भारत कौल ने कहा, ये दो दिन जो हमारा नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई कौन करेगा, अगर फोरम में 4 हजार वर्कर्स हैं, तो इसमें से 90 फीसदी की रोजी-रोटी टेलीविजन इंडस्ट्री से चलती है, कोई भी इस पर बात नहीं करता है, ये लोग डेलीवेज मजदूर की तरह काम कर रहे हैं, जब शूटिंग में बाधा आती है तो कोई नहीं जानना चाहता है कि वे क्या चाहते हैं, ज्यादातर कलाकारों का परिवार इसी काम से पल रहा है, और कईयों को इसी काम के लिए जरिए अपनी बड़ी जिम्मेदारियों को पूरा करना है, तो बिना इन कलाकारों के बारे में सोचे बिना क्यों बार-बार शूटिंग में बाधा आ रही है? . यह फेडरेशन का काम नहीं है.

मेंबर स्वगता बसु ने कहा, कई सारे ऑर्गेनाइजेशन होने के बाद भी हम बार-बार अपनी इस समस्या से नहीं निपट पा रहे हैं, यह हमारे लिए बड़ी शर्म की बात है, लेकिन यह एक शब्द याद आता है सुप्रीमो, और अंत में हमारे लिए हमारा काम ही हमारे लिए मायने रखता है, इसलिए सीएम के हस्तक्षेप से हमे इसका समाधान मिलता है, अगर ऐसा होता है तो ठीक है, लेकिन काम जारी रहना चाहिए, लेकिन सुनने में आया है कि अभी तक कुछ भी नहीं हुआ है'.

'नीम फुले मधु' के डायरेक्टर अनुप चक्रबर्ती ने कहा, यह जो समस्या खड़ी हुई थी, यह सीएम ममता बनर्जी के हस्तक्षेप के बिना सुलझ ही नहीं सकती थी, जब वह समस्या का समाधान कर रही हैं तो फिर इसमें प्रॉब्लम किया है?, वो हमारे गार्जियन की तरह हैं, उन्होंने एक बार में कई समस्याओं का समाधान किया है, और अब हम वापस काम पर लौटे हैं और उनका धन्यवाद करते हैं'.

बता दें, बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में कोविड 19 के बाद फेडरेशन और प्रोड्यूसर्स के बीच कई बार ऐसे मनमुटाव हुए हैं, जिन्हें ममता बनर्जी ने सुलझाया है. जब डायरेक्टर्स गिल्ड और फेडरेशन के बीच मनमुटाव था, तो उस समय भी सीएम ममता ने इसे सुलझाया था. वहीं, सीएम से चर्चा के बाद पता चला है कि नियमों में अनियमितता ही सबसे बड़ी समस्या है, जिनपर विचार करने की जरुरत है.

कमेटी में सभी गिल्ड के लोग और पेशेवर लोग शामिल होंगे, इनमें वो लोग शामिल होंगे जो इनके कानून और प्रशासन के बारे में जानकारी रखते हैं. कमिटी एक रूल बुक बनाएगी, जिसका सभी खुशी-खुशी पालन करेंगे. इस कमेटी में सभी गिल्ड्स के सदस्य होंगे. ना केवल डायरेक्टर गिल्ड बल्कि 25 अन्य गिल्ड भी इससे जुड़ेंगी. इसके अलावा सीएम ममता ने अपने फैसले में कहा है कि अब से किसी कलाकार, टेक्निशियन और डायरेक्टर भी प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है.

ये भी पढे़ं : बंगाली फिल्मों के इस डायरेक्टर पर 3 महीने का बैन, हड़ताल पर बैठे फिल्म निर्देशक, जानें पूरा मामला - Rahool Mukharjee Controversy


कोलकाता : बंगाली फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर डायरेक्टर राहुल मुखर्जी पर हाल ही में 3 तीन साल का बैन लगा था. डायरेक्टर पर यह बैन फेडरेशन ऑफ सिने टेक्नीशियन एंड वर्कर्स ऑफ ईस्टर्न इंडिया (FCTWEI)ने लगाय था. डायरेक्टर पर से यह बैन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हस्तक्षेप के बाद हटाया गया है. दरअसल, टेक्निशियंस ने डायरेक्टर राहुल के साथ काम करने इनकार कर दिया था, जिसके बाद यह पूरा विवाद खड़ा हुआ था. वहीं,डायरेक्टर के सपोर्ट में कई कलाकार हड़ताल पर बैठ गए थे. एक हफ्ते तक चले इस ड्रामे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हस्तक्षेप करने के बाद अब विराम लग चुका है. वहीं, डायरेक्टर ने दो दिन से रुकी फिल्म की शूटिंग आज बुधवार को जारी कर दी है.

मुख्यमंत्री ने सभी दलों को इस मामले पर संज्ञान लेने को कहा. बता दें, दो दिन हड़ताल की वजह से बंगला टीवी इंडस्ट्री के श्रमिकों पर बड़ा आर्थिक प्रभाव पड़ा है. बता दें, बंगाली फिल्म इंडस्ट्री के मुकाबले बांगला टीवी इंडस्ट्री पैसों के मामले में बेहद पिछड़ी हुई है. वहीं, टेलीविजन कलाकारों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि क्यों हमेशा मुख्यमंत्री को ही सभी मामलों में हस्तक्षेप करना पड़ता है?

इस मामले में एक्टर और आर्टिस्ट फोरम मेंबर दिगांत बाग्ची ने कहा है, हमनें कभी नहीं चाहा शूटिंग रुके, हालांकि अब शूटिंग शुरू हो चुकी है तो, इसमें भी कोई खुशी की बात नहीं है, सवाल सिर्फ एक है कि यह रुकी क्यों थीं? टीवी वाले बहुत कम लोगों के साथ बहुत कम पैसों में काम करते हैं, हमारी दैनिक कमाई ही सबकुछ है, दो दिन तक कोई शूट नहीं हुआ, इससे हमारी जेब पर बड़ा असर पड़ा है.

उन्होंने आग कहा, पहले सीरियल सालभर तक चलते थे, जिसकी वजह से हमें भी पैसों के लिए ज्यादा नहीं सोचना पड़ता था, अब सीरियल कब फ्लॉप हो जाए या कितने दिन तक चलेगा कुछ पता नहीं होता है, हमारे साथ यह भी समस्या है कि एक काम खत्म होने के बाद दूसरा काम मिलेगा या नहीं, इसलिए काम नहीं रुकना चाहिए.

आर्टिस्ट फोरम के एक और मेंबर सुदीप मुखर्जी ने कहा, किसी भी समस्या के लिए हमें बार-बार क्यों सीएम के पास जाना पड़ा रहा है? क्या हम अभी भी समझदार नहीं हैं, जो सीएम को हमारी समस्याएं सुलझानी पड़ रही हैं, इसलिए यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि आखिर कैसे हमें आगे के लिए निपटना है, मुझे लगता है कि सिस्टम में सुधार की जरुरत है.

आर्टिस्ट फोरम के एक और मेंबर भारत कौल ने कहा, ये दो दिन जो हमारा नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई कौन करेगा, अगर फोरम में 4 हजार वर्कर्स हैं, तो इसमें से 90 फीसदी की रोजी-रोटी टेलीविजन इंडस्ट्री से चलती है, कोई भी इस पर बात नहीं करता है, ये लोग डेलीवेज मजदूर की तरह काम कर रहे हैं, जब शूटिंग में बाधा आती है तो कोई नहीं जानना चाहता है कि वे क्या चाहते हैं, ज्यादातर कलाकारों का परिवार इसी काम से पल रहा है, और कईयों को इसी काम के लिए जरिए अपनी बड़ी जिम्मेदारियों को पूरा करना है, तो बिना इन कलाकारों के बारे में सोचे बिना क्यों बार-बार शूटिंग में बाधा आ रही है? . यह फेडरेशन का काम नहीं है.

मेंबर स्वगता बसु ने कहा, कई सारे ऑर्गेनाइजेशन होने के बाद भी हम बार-बार अपनी इस समस्या से नहीं निपट पा रहे हैं, यह हमारे लिए बड़ी शर्म की बात है, लेकिन यह एक शब्द याद आता है सुप्रीमो, और अंत में हमारे लिए हमारा काम ही हमारे लिए मायने रखता है, इसलिए सीएम के हस्तक्षेप से हमे इसका समाधान मिलता है, अगर ऐसा होता है तो ठीक है, लेकिन काम जारी रहना चाहिए, लेकिन सुनने में आया है कि अभी तक कुछ भी नहीं हुआ है'.

'नीम फुले मधु' के डायरेक्टर अनुप चक्रबर्ती ने कहा, यह जो समस्या खड़ी हुई थी, यह सीएम ममता बनर्जी के हस्तक्षेप के बिना सुलझ ही नहीं सकती थी, जब वह समस्या का समाधान कर रही हैं तो फिर इसमें प्रॉब्लम किया है?, वो हमारे गार्जियन की तरह हैं, उन्होंने एक बार में कई समस्याओं का समाधान किया है, और अब हम वापस काम पर लौटे हैं और उनका धन्यवाद करते हैं'.

बता दें, बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में कोविड 19 के बाद फेडरेशन और प्रोड्यूसर्स के बीच कई बार ऐसे मनमुटाव हुए हैं, जिन्हें ममता बनर्जी ने सुलझाया है. जब डायरेक्टर्स गिल्ड और फेडरेशन के बीच मनमुटाव था, तो उस समय भी सीएम ममता ने इसे सुलझाया था. वहीं, सीएम से चर्चा के बाद पता चला है कि नियमों में अनियमितता ही सबसे बड़ी समस्या है, जिनपर विचार करने की जरुरत है.

कमेटी में सभी गिल्ड के लोग और पेशेवर लोग शामिल होंगे, इनमें वो लोग शामिल होंगे जो इनके कानून और प्रशासन के बारे में जानकारी रखते हैं. कमिटी एक रूल बुक बनाएगी, जिसका सभी खुशी-खुशी पालन करेंगे. इस कमेटी में सभी गिल्ड्स के सदस्य होंगे. ना केवल डायरेक्टर गिल्ड बल्कि 25 अन्य गिल्ड भी इससे जुड़ेंगी. इसके अलावा सीएम ममता ने अपने फैसले में कहा है कि अब से किसी कलाकार, टेक्निशियन और डायरेक्टर भी प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है.

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