हैदराबाद: दुनिया में समय की कीमत सभी लोग जानते हैं. हर किसी के पास 24 घंटे ही होते हैं. हम उस समय का किस तरह इस्तेमाल करते हैं यह हम पर निर्भर करता है, क्योंकि समय का सही प्रबंधन करना सफलता की कुंजी है. कई छात्र या कर्मचारी अक्सर कहते हैं कि उनके पास कुछ खास और सबसे अलग करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है. लेकिन कुछ लोगों के लिए वह समय पर्याप्त क्यों है? वे परीक्षा में कैसे सफल हो रहे हैं? ज़्यादातर लोगों के लिए यह समय पर्याप्त क्यों नहीं है? अगर आप इन सवालों के जवाब चाहते हैं, तो आपके लिए यह खबर काफी फायदेमंद है. यहां दिए गए कुछ टिप्स को फॉलो कर सकते हैं...
सटीक योजना
इस डिजिटल युग में बिना योजना के आगे बढ़ना बहुत मुश्किल है. कौन सा विषय कब पढ़ना है और कितनी देर तक पढ़ना है, इस बारे में स्पष्टता होनी चाहिए. उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आप रोजाना तीन विषयों के तीन अध्याय पढ़ने की योजना बनाते हैं, उन्हें उसी हिसाब से पढ़ें. किसी भी हालत में उन्हें कल पर मत टालें. क्योंकि आपको कल क्या पढ़ना है, इसकी योजना पहले ही तैयार रखनी होगी. इसलिए, आज की योजना को अगर टालते हैं तो आपकी कल की योजना खराब हो सकती है. इसलिए जिस दिन जो पढ़ना है, उसे उसी दिन पूरा करना बहुत जरूरी है. अगर ऐसा किया जाए तो समय की कमी और बर्बादी जैसी समस्याएं नहीं होंगी
हर मिनट कीमती
समय कीमती है. अगर हम बेवजह समय बर्बाद करते हैं, तो हम हार जाते हैं. जाने-अनजाने में हम बर्बाद हुए समय को वापस नहीं पा सकते. यह बात खास तौर पर विद्यार्थी स्तर पर महत्वपूर्ण है. निर्धारित लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए हर मिनट कीमती है. इसे समझना समय प्रबंधन का पहला कदम है. अगर आपको लगता है कि छोटे-छोटे कामों में समय बर्बाद हो रहा है, तो आप परिवार के सदस्यों की मदद ले सकते हैं. उदाहरण के लिए, उन्हें प्रूफरीडिंग का काम सौंपा जा सकता है. उस समय आप कोई दूसरा महत्वपूर्ण अध्याय पढ़ सकते हैं.
एकाग्रता न खोएं
कुछ छात्रों को एक अध्याय पढ़ने में भी घंटों लग जाते हैं. क्योंकि पढ़ने के साथ-साथ वे दूसरी तरफ मोबाइल फोन पर दोस्तों से चैटिंग करने लगते हैं. कंप्यूटर, मोबाइल, टैब जैसे डिवाइस पर पढ़ते समय उनमें दूसरी वेबसाइट या मैसेज खुलने से एकाग्रता कम होने की संभावना रहती है. इससे तेजी से पढ़ने में बाधा आती है. इसलिए बेहतर है कि पढ़ते समय मोबाइल फोन बंद कर दें और दूसरी वेबसाइट न देखें. एक समय में एक ही काम पर अपना ध्यान केंद्रित करें.
पढ़ाई की जगह बार-बार न बदलें
आप जिस जगह पर पढ़ते हैं, उसे भी समय प्रबंधन में प्राथमिकता दी जाती है. हवादार और रोशनी वाली शांत जगह चुनें. यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अगर आप वहां बैठकर लंबे समय तक पढ़ते हैं, तो भी कोई परेशानी न हो. बिस्तर या सोफे पर बैठकर पढ़ने से आपको नींद आ सकती है. पढ़ने के लिए कुर्सी और टेबल का इस्तेमाल करना बेहतर होता है. विपरीत दिशा में घड़ी लगानी चाहिए.
ऐसा करने से यह स्पष्ट हो जाता है कि किस विषय पर कितना समय बिताया जा रहा है. पढ़ते समय महत्वपूर्ण बिंदुओं को हाइलाइट करने के लिए पेन या मार्कर जैसी कोई चीज अपने पास रखें. जरूरी सामान के लिए बार-बार अलग-अलग कमरों में जाने से बचें. पढ़ाई की जगह बार-बार न बदलें. एक ही जगह पर बैठकर हर दिन पढ़ते रहने से आपको कुछ और याद नहीं रहता.
क्या पढ़ना है इसकी एडवांस प्लानिंग
क्या पढ़ना है इसकी प्लानिंग करने से पहले उसे महीने, हफ्ते और दिन के हिसाब से बांट लेना बेहतर होता है. उदाहरण के लिए अगर आपने एक सब्जेक्ट को एक दिन में कंप्लीट करने का लक्ष्य रखा है, तो उसे उसी दिन कंप्लीट करें. इससे आपकी आगे की जर्नी पर और बांटे हुए सब्जेक्ट्स पर असर नहीं पड़ेगा. वहीं, अगर किसी दिन आप प्लान के मुताबिक काम नहीं भी कर पाते हैं. तो आपको पता चल जाएगा कि गलती कहां हुई है और आप उसे सुधार पाएंगे. अपने पास मौजूद कामों को उनकी प्रकृति के हिसाब से बांट लें. ऐसा करके आप हर काम के लिए कुछ समय निकाल सकते सकते हैं.
सोने का समय न बदलें
समयबद्धता बनाए रखने में नींद भी महत्वपूर्ण है. कुछ छात्र आधी रात तक पढ़ते हैं और सुबह जल्दी उठ जाते हैं या वे दोपहर तक सोते रहते हैं. सोने के समय में इस बदलाव के कारण पढ़ाई प्रभावित होती है. अगर आप सोने के समय का सख्ती से पालन करेंगे, तो आप पढ़ाई की योजना का पालन कर पाएंगे. समय की बरबादी नहीं होगी. साथ ही, पर्याप्त नींद लेना भी जरूरी है. अगर आप लगभग छह घंटे सोते हैं, तो आपको पर्याप्त शारीरिक आराम मिलेगा. तब मस्तिष्क अधिक सक्रिय रूप से काम करेगा.
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