नई दिल्ली: विश्व की कई दिग्गज कंपनियों जैसे गूगल, यूट्यूब, माइक्रोसॉफ्ट, स्टारबक्स जैसे बड़े कंपनियों के सीईओ भारतीय मूल के हैं. अब तो अमेरिका में लोगों ने मजाक में कहना शुरू कर दिया है कि अमेरिका में सीईओ बनने के लिए भारतीय होना जरुरी है. इसे अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अमेरिकी कंपनी में सीईओ बनने के लिए इंडियन होने जरुरी है.
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने टॉप अमेरिकी कंपनियों में सपनों की नौकरी पाने के इच्छुक भारतीय आईटी और अन्य पेशेवरों की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा कि आज ऐसी स्थिति है कि फॉर्च्यून 500 कंपनियों के 10 सीईओ में से एक भारतीय इमिग्रेंट है जिसने अमेरिका में पढ़ाई की है.
अमेरिकी राजदूत ने की भारत की तारीफ
एरिक गार्सेटी ने कहा कि पुराना मजाक यह था कि अगर आप भारतीय हैं तो आप अमेरिका में सीईओ नहीं बन सकते, अब मजाक यह है कि अगर आप भारतीय नहीं हैं तो आप अमेरिका में सीईओ नहीं बन सकते, चाहे वह गूगल हो, माइक्रोसॉफ्ट हो या स्टारबक्स, लोगों ने आकर बनाया है एक बड़ा अंतर.
एरिक गार्सेटी ने जिस स्थिति के बारे में बात की, वह अलग-अलग क्षेत्रों में बड़ी संख्या में उम्मीदवारों और अमेरिकी विश्वविद्यालयों में सभी प्रकार के उच्च अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए आधार बनती है. अकेले 2023 में, कुल मिलाकर भारतीय नागरिकों को रिकॉर्ड 1.4 मिलियन अमेरिकी वीजा दिए गए.
आगे गार्सेटी ने यह भी साझा किया कि राष्ट्रपति जो बिडेन ने उन्हें भारत में अमेरिकी वीजा के लिए प्रतीक्षा समय को कम करने का निर्देश दिया है. यह पहली बार है जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने किसी देश के राजदूत को ऐसा निर्देश दिया है. अमेरिकी वीजा के लिए भारत में प्रतीक्षा समय 250 दिन है.