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तो फोन नबंर के लिए भी देना होगा शुल्क, जानें क्या है ट्राई का प्लान - phone number may come at a cost

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 13, 2024, 8:15 AM IST

TRAI NEW NUMBERING PLAN : दूरसंचार नियामक ट्राई फोन नंबर पर शुल्क लगाने पर विचार कर रहा है. ट्राई ने 'राष्ट्रीय नंबरिंग योजना में संशोधन' नामक परामर्श पत्र जारी किया है. ट्राई का मानना है कि टेलिकॉम सेक्टर के विकास को जारी रखने के लिए एक नई योजना की आवश्यकता है, जिसके लिए एक बाधा नए नंबर आवंटित करने की बढ़ती कमी है.

TRAI NEW NUMBERING PLAN
प्रतिकात्मक तस्वीर. (ETV Bharat)

नई दिल्ली: दूरसंचार नियामक ट्राई के प्रस्ताव के लागू होने पर आपका फोन ऑपरेटर जल्द ही आपके स्मार्टफोन और लैंडलाइन के नंबर के लिए शुल्क ले सकता है. एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ट्राई का मानना ​​है कि फोन नंबर एक बेहद मूल्यवान सार्वजनिक संसाधन है. इसलिए ट्राई मोबाइल ऑपरेटरों पर फोन नंबर के लिए शुल्क लगाने पर विचार कर रहा है. मोबाइल ऑपरेटर बाद में इस शुल्क को यूजर से वसूल सकते हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, ट्राई इस बात पर भी विचार कर रहा है कि कम उपयोग के बाद भी नंबरों को अपने पास रखने के लिए ऑपरेटरों पर जुर्माना लगाया जाए. उदाहरण के लिए, एक ग्राहक जिसके पास दो सिम हैं और वह लंबे समय से एक का उपयोग नहीं कर रहा है, लेकिन ऑपरेटर उपयोगकर्ता आधार खोने के डर से इस नंबर को रद्द नहीं कर रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक, ट्राई ने इस बात को रेखांकित किया है कि सिर्फ नंबरिंग संसाधनों को आवंटित करने के लिए सख्त मानदंडों का पालन करना सेवा प्रदाताओं की ओर से स्वतंत्र रूप से आवंटित नंबरिंग संसाधनों का विवेकपूर्ण और कुशल उपयोग सुनिश्चित नहीं कर सकता है. किसी भी सीमित सार्वजनिक संसाधन का विवेकपूर्ण और कुशल उपयोग सुनिश्चित करने का एक तरीका इसे आवंटित करते समय शुल्क लगाना है. कम उपयोग वाले नंबरिंग संसाधनों को रखने वालों के लिए दंडात्मक प्रावधान शुरू करके कुशल उपयोग को और अधिक सुनिश्चित किया जा सकता है.

अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि ट्राई ने कहा कि स्पेक्ट्रम की तरह ही, नंबरिंग स्पेस का स्वामित्व सरकार के पास है, जो लाइसेंस की अवधि के दौरान ही मोबाइल ऑपरेटरों को निर्दिष्ट नंबर संसाधन पर उपयोग के अधिकार प्रदान करती है. पिछले साल दिसंबर में पारित किए गए नए दूरसंचार कानून में भी नंबरों के लिए शुल्क लगाने का प्रावधान है, जिसे तकनीकी रूप से 'दूरसंचार पहचानकर्ता' के रूप में जाना जाता है.

मोबाइल ऑपरेटरों पर शुल्क तय करने को लेकर अपने तर्क में ट्राई ने कई देशों का हवाला दिया है. इनमें ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, बेल्जियम, फिनलैंड, यूके, लिथुआनिया, ग्रीस, हांगकांग, बुल्गारिया, कुवैत, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, पोलैंड, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका और डेनमार्क जैसे देश शामिल हैं.

चार्ज करने के संभावित तरीकों के बारे में बात करते हुए, ट्राई ने कहा कि सरकार या तो प्रति नंबर एकमुश्त शुल्क लगाने पर विचार कर सकती है, या सेवा प्रदाता को आवंटित प्रत्येक नंबरिंग संसाधन के लिए वार्षिक आवर्ती शुल्क की मांग कर सकती है, या नंबरिंग श्रृंखला आवंटित कर सकती है, जिसमें सरकार वैनिटी नंबरों के लिए केंद्रीकृत नीलामी आयोजित कर सकती है.

ट्राई 5जी, मशीन-टू-मशीन संचार और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के युग में लगातार घटते नंबरिंग संसाधनों के पहलू को भी कवर करेगा. रिपोर्ट के अनुसार ट्राई मोबाइल ऑपरेटरों की ओर से 'वैनिटी/फैंसी/प्रीमियम नंबरों' के लिए की जाने वाली कई नीलामी से भी सीख ले रहा है.

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नई दिल्ली: दूरसंचार नियामक ट्राई के प्रस्ताव के लागू होने पर आपका फोन ऑपरेटर जल्द ही आपके स्मार्टफोन और लैंडलाइन के नंबर के लिए शुल्क ले सकता है. एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ट्राई का मानना ​​है कि फोन नंबर एक बेहद मूल्यवान सार्वजनिक संसाधन है. इसलिए ट्राई मोबाइल ऑपरेटरों पर फोन नंबर के लिए शुल्क लगाने पर विचार कर रहा है. मोबाइल ऑपरेटर बाद में इस शुल्क को यूजर से वसूल सकते हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, ट्राई इस बात पर भी विचार कर रहा है कि कम उपयोग के बाद भी नंबरों को अपने पास रखने के लिए ऑपरेटरों पर जुर्माना लगाया जाए. उदाहरण के लिए, एक ग्राहक जिसके पास दो सिम हैं और वह लंबे समय से एक का उपयोग नहीं कर रहा है, लेकिन ऑपरेटर उपयोगकर्ता आधार खोने के डर से इस नंबर को रद्द नहीं कर रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक, ट्राई ने इस बात को रेखांकित किया है कि सिर्फ नंबरिंग संसाधनों को आवंटित करने के लिए सख्त मानदंडों का पालन करना सेवा प्रदाताओं की ओर से स्वतंत्र रूप से आवंटित नंबरिंग संसाधनों का विवेकपूर्ण और कुशल उपयोग सुनिश्चित नहीं कर सकता है. किसी भी सीमित सार्वजनिक संसाधन का विवेकपूर्ण और कुशल उपयोग सुनिश्चित करने का एक तरीका इसे आवंटित करते समय शुल्क लगाना है. कम उपयोग वाले नंबरिंग संसाधनों को रखने वालों के लिए दंडात्मक प्रावधान शुरू करके कुशल उपयोग को और अधिक सुनिश्चित किया जा सकता है.

अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि ट्राई ने कहा कि स्पेक्ट्रम की तरह ही, नंबरिंग स्पेस का स्वामित्व सरकार के पास है, जो लाइसेंस की अवधि के दौरान ही मोबाइल ऑपरेटरों को निर्दिष्ट नंबर संसाधन पर उपयोग के अधिकार प्रदान करती है. पिछले साल दिसंबर में पारित किए गए नए दूरसंचार कानून में भी नंबरों के लिए शुल्क लगाने का प्रावधान है, जिसे तकनीकी रूप से 'दूरसंचार पहचानकर्ता' के रूप में जाना जाता है.

मोबाइल ऑपरेटरों पर शुल्क तय करने को लेकर अपने तर्क में ट्राई ने कई देशों का हवाला दिया है. इनमें ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, बेल्जियम, फिनलैंड, यूके, लिथुआनिया, ग्रीस, हांगकांग, बुल्गारिया, कुवैत, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, पोलैंड, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका और डेनमार्क जैसे देश शामिल हैं.

चार्ज करने के संभावित तरीकों के बारे में बात करते हुए, ट्राई ने कहा कि सरकार या तो प्रति नंबर एकमुश्त शुल्क लगाने पर विचार कर सकती है, या सेवा प्रदाता को आवंटित प्रत्येक नंबरिंग संसाधन के लिए वार्षिक आवर्ती शुल्क की मांग कर सकती है, या नंबरिंग श्रृंखला आवंटित कर सकती है, जिसमें सरकार वैनिटी नंबरों के लिए केंद्रीकृत नीलामी आयोजित कर सकती है.

ट्राई 5जी, मशीन-टू-मशीन संचार और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के युग में लगातार घटते नंबरिंग संसाधनों के पहलू को भी कवर करेगा. रिपोर्ट के अनुसार ट्राई मोबाइल ऑपरेटरों की ओर से 'वैनिटी/फैंसी/प्रीमियम नंबरों' के लिए की जाने वाली कई नीलामी से भी सीख ले रहा है.

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