नई दिल्ली: चालू वित्त वर्ष, 2024-25 के लिए पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) खातों में निवेश करने वाले व्यक्तियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका पैसा 5 अप्रैल से पहले खाते में जमा हो जाए. ऐसा इसलिए है क्योंकि इस तिथि से पहले किए गए निवेश से पीपीएफ खाताधारकों को अधिक ब्याज की कमाई फायदा हो सकता है.
पीपीएफ योजना के अनुसार, पीपीएफ खाते में ब्याज की गणना हर महीने की 5 तारीख से महीने के अंत के बीच पीपीएफ खाते में सबसे कम बचे पैसे के आधार पर की जाती है. अगर आप पीपीएफ निवेशक फाइनेंशियल ईयर के लिए लंपसम पमेंट कर रहे हैं, तो कमाई को ज्यादा करने के लिए 5 अप्रैल से पहले किया जाना चाहिए. यह उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है जो सिंगल एनुअल बल्क जमा करते हैं, क्योंकि किसी भी देरी के रिजल्ट वार्षिक जमा पर पूरे महीने के ब्याज का नुकसान होगा.
अपने पीपीएफ खातों में मासिक भुगतान करने वालों के लिए, मासिक योगदान हर महीने की 5 तारीख को या उससे पहले किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ब्याज की कोई हानि न हो.
पीपीएफ योजना के नियम
निवेशकों को ध्यान देना चाहिए कि पीपीएफ खातों पर ब्याज दर की गणना महीने के पांचवें दिन और महीने के आखिरी दिन के बीच न्यूनतम शेष राशि पर की जाती है. इसलिए, जब कोई हर महीने की पांच तारीख से पहले पैसा जमा करता है, तो वह पूरे महीने का ब्याज पा सकते है. लेकिन अगर कोई 5 तारीक के बाद जमा करता है, तो वह उस विशेष महीने के लिए समुचित इंटरेस्ट इनकम गंवा देगा.
पीपीएफ योजना के नियमों पर ध्यान देना चाहिए कि ब्याज की गणना मासिक आधार पर की जाती है, लेकिन निवेशक को वित्तीय वर्ष के अंत में, यानी 31 मार्च को जमा किया जाता है. इसलिए, अगर कोई व्यक्ति मासिक आधार पर निवेश कर रहा है, तो वह यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अधिक ब्याज अर्जित करने के लिए पैसा हर महीने की पांच तारीख से पहले जमा किया जाए.
5 अप्रैल और एनुअल इंटरेस्ट
पीपीएफ योजना के अनुसार जब कोई निवेशक 5 अप्रैल से पहले 1.5 लाख रुपये डालता है, तो उसे 5 अप्रैल और महीने के अंत के बीच सबसे कम खाते की शेष राशि पर 7.1 फीसदी (वर्तमान ब्याज दर) की दर से ब्याज मिलेगा.
मान लीजिए कि अगर कोई निवेशक को वित्त वर्ष के अंत में 5 अप्रैल से पहले जमा की गई 1.5 लाख रुपये की रकम पर 10,650 रुपये का ब्याज मिलेगा. वहीं, अगर वह 5 अप्रैल के बाद ऐसा करता है तो उसे पहले महीने के ब्याज से हाथ धोना पड़ेगा. फिर पूरे वित्तीय वर्ष के लिए, व्यक्ति को केवल 11 महीनों के लिए ब्याज मिलेगा, जिसमें अप्रैल का महीना शामिल नहीं होगा. पूरे साल के लिए मौजूदा ब्याज दर 7.1 फीसदी के हिसाब से 1.5 लाख रुपये की जमा पर यह 9,762.50 रुपये आएगा.