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केंद्रीय बजट में ध्यान रखने वाले पांच प्वाइंट्स, जिनको समझ लिया तो पकड़ लेंगे अर्थव्यवस्था की नब्ज - UNION BUDGET 2024 - UNION BUDGET 2024

Union Budget 2024 Key Aspects : किसी भी देश का केंद्रीय बजट एक ऐसा आर्थिक दस्तावेज होता है जो उसके भविष्य के रोडमैप के बारे में काफी कुछ बताता है. बजट में वह कौन से हिस्से होते हैं जिससे हमें देश की अर्थव्यवस्था की वर्तमान और भविष्य की नब्ज पहचानने में मदद मिलती है. जिनके बारे में हमें सचेत रहना चाहिए. पढ़ें पूरी खबर...

Union Budget 2024 Key Aspects
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय बजट 2024 की प्रस्तुति से एक दिन पहले वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और उनके अधिकारियों की टीम के साथ. (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 23, 2024, 8:01 AM IST

Updated : Jul 23, 2024, 10:22 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी एनडीए सरकार का पहला बजट पेश करने वाली हैं. केंद्रीय बजट 2024 मोदी 3.0 सरकार का पहला प्रमुख आर्थिक दस्तावेज होगा, जिसमें अन्य बातों के अलावा, 2047 तक भारत को 'विकसित भारत' का रोडमैप तैयार करने की उम्मीद लगायी जा रही है. आइये जानते हैं आज पेश होने वाले इस आर्थिक दस्तावेज में किन बातों पर हमें ध्यान रखने की जरूरत है.

बजट 2024 में ध्यान देने योग्य 5 मुख्य पहलू:

  1. कर राजस्व: सरकार का कर राजस्व कुल जीडीपी में वृद्धि के प्रति उत्तरोत्तर अधिक संवेदनशील होता जा रहा है. बेहतर 'कर राजस्व' सरकार को प्रत्याशित आय से अधिक आमदनी प्रदान कर सकता है.
  2. ग्रामीण भारत और छोटे व्यवसायों पर व्यय: बजट से हमें पता चलेगा कि आने वाले समय में सरकार को ग्रामीण भारत और छोटे व्यवसायों से क्या उम्मीद है और उसमें निवेश बढ़ाने की क्या योजना है. आर्थिक मामलों के जानकारों के अनुसार ये वे क्षेत्र हैं जो अभी भी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.
  3. सब्सिडी व्यय: सरकार अर्थव्यवस्था के किसी एक या दूसरे क्षेत्र को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाने के लिए बजट में सब्सिडी व्यय का प्रावधान करती है. इससे सरकार पर बोझ बढ़ता है. ऐसे में हमें देखना होगा कि इस बजट में सब्सिडी व्यय का क्या प्रवाधान किया गया है.
  4. राजकोषीय घाटा: हर साल का राजकोषीय घाटा सरकार के मौजूदा कर्ज के पहाड़ में जुड़ता जाता है. पिछले 10 वर्षों में, मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कभी भी राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3% के विवेकपूर्ण मानदंड को हासिल नहीं किया है.
  5. समग्र लक्ष्य : नई सरकार का पहला बजट अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के लिए व्यापक दृष्टिकोण को दर्शायेगा है. इससे हमें पता चलेगा कि सरकार अपने लक्ष्य को लेकर आक्रमक रूख अपनायेगी या दुनिया के कई अन्य देशों की तरह संभल कर देखो और इंतजार करो की नीति पर काम करेगी.

इसके अलावा एक नागरिक के रूप में बजट से संबंधित कुछ व्यापक प्रश्न हैं जिनपर हमें नजर रखनी चाहिए:

  1. सरकार किस पर और कितना कर लगाती है?
  2. सरकार की खर्च प्राथमिकताएं क्या हैं?
  3. क्या वह शिक्षा और स्वास्थ्य पर पर्याप्त खर्च करती है?
  4. क्या वह योग्य लोगों को सब्सिडी देती है?
  5. वह अपनी आय और व्यय के बीच के अंतर को कैसे कम कर सकती है?

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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी एनडीए सरकार का पहला बजट पेश करने वाली हैं. केंद्रीय बजट 2024 मोदी 3.0 सरकार का पहला प्रमुख आर्थिक दस्तावेज होगा, जिसमें अन्य बातों के अलावा, 2047 तक भारत को 'विकसित भारत' का रोडमैप तैयार करने की उम्मीद लगायी जा रही है. आइये जानते हैं आज पेश होने वाले इस आर्थिक दस्तावेज में किन बातों पर हमें ध्यान रखने की जरूरत है.

बजट 2024 में ध्यान देने योग्य 5 मुख्य पहलू:

  1. कर राजस्व: सरकार का कर राजस्व कुल जीडीपी में वृद्धि के प्रति उत्तरोत्तर अधिक संवेदनशील होता जा रहा है. बेहतर 'कर राजस्व' सरकार को प्रत्याशित आय से अधिक आमदनी प्रदान कर सकता है.
  2. ग्रामीण भारत और छोटे व्यवसायों पर व्यय: बजट से हमें पता चलेगा कि आने वाले समय में सरकार को ग्रामीण भारत और छोटे व्यवसायों से क्या उम्मीद है और उसमें निवेश बढ़ाने की क्या योजना है. आर्थिक मामलों के जानकारों के अनुसार ये वे क्षेत्र हैं जो अभी भी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.
  3. सब्सिडी व्यय: सरकार अर्थव्यवस्था के किसी एक या दूसरे क्षेत्र को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाने के लिए बजट में सब्सिडी व्यय का प्रावधान करती है. इससे सरकार पर बोझ बढ़ता है. ऐसे में हमें देखना होगा कि इस बजट में सब्सिडी व्यय का क्या प्रवाधान किया गया है.
  4. राजकोषीय घाटा: हर साल का राजकोषीय घाटा सरकार के मौजूदा कर्ज के पहाड़ में जुड़ता जाता है. पिछले 10 वर्षों में, मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कभी भी राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3% के विवेकपूर्ण मानदंड को हासिल नहीं किया है.
  5. समग्र लक्ष्य : नई सरकार का पहला बजट अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के लिए व्यापक दृष्टिकोण को दर्शायेगा है. इससे हमें पता चलेगा कि सरकार अपने लक्ष्य को लेकर आक्रमक रूख अपनायेगी या दुनिया के कई अन्य देशों की तरह संभल कर देखो और इंतजार करो की नीति पर काम करेगी.

इसके अलावा एक नागरिक के रूप में बजट से संबंधित कुछ व्यापक प्रश्न हैं जिनपर हमें नजर रखनी चाहिए:

  1. सरकार किस पर और कितना कर लगाती है?
  2. सरकार की खर्च प्राथमिकताएं क्या हैं?
  3. क्या वह शिक्षा और स्वास्थ्य पर पर्याप्त खर्च करती है?
  4. क्या वह योग्य लोगों को सब्सिडी देती है?
  5. वह अपनी आय और व्यय के बीच के अंतर को कैसे कम कर सकती है?

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Last Updated : Jul 23, 2024, 10:22 PM IST
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