नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024-25 पेश की. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार जाति, धर्म या लिंग से परे सभी भारतीयों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित की. उन्होंने कहा कि बजट चार प्रमुख वर्गों - गरीब, महिला, युवा और किसान पर केंद्रित होगा. इस साल का बजट पिछले तीन सालों की तरह कागज रहित है. यह मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट है.
वित्त मंत्री ने कहा कि पांच योजनाएं 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगी, जिसके लिए 2 लाख करोड़ रुपये का केंद्रीय खर्च होगा. वित्त मंत्री ने सीधे तौर पर शुरुआत की, नौकरियों, कौशल विकास, युवाओं, कृषि और गरीबों पर ध्यान केंद्रित किया.
रोजगार से जुड़े प्रोत्साहनों के लिए तीन योजनाएं
- नए कर्मचारियों के लिए एक महीने का वेतन
- विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन
- नियोक्ताओं को सहायता
वित्त मंत्री सीतारमण ने रोजगार से जुड़े प्रोत्साहनों के लिए तीन योजनाओं की घोषणा की. ये योजनाएं EPFO में नामांकन पर आधारित होंगी और पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को मान्यता देने पर ध्यान केंद्रित करेंगी.
- पहला योजना- पहली बार काम करने वाले
सभी औपचारिक क्षेत्रों में कार्यबल में प्रवेश करने पर पहली बार काम करने वाले लोगों को एक महीने का वेतन मिलेगा. एक महीने के वेतन का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT), अधिकतम 15,000 रुपये, तीन किस्तों में दिया जाएगा. - दूसरा योजना- विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन
पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के रोजगार से जुड़ी योजना के माध्यम से विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित किया जाएगा. रोजगार के पहले 4 वर्षों के लिए उनके EPFO योगदान के अनुसार कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को प्रोत्साहन दिया जाएगा. - तीसरा योजना- नियोक्ताओं को सहायता
प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए उनके EPFO योगदान के लिए नियोक्ताओं को 2 वर्षों के लिए प्रति माह 3,000 रुपये तक की प्रतिपूर्ति. इसके लिए पात्रता सीमा 1 लाख रुपये प्रति माह वेतन होगी और इससे 2.1 लाख युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है.