नई दिल्ली: थॉमस कुक (इंडिया) के आंकड़ों के मुताबिक, कोलकाता-बागडोगरा, दिल्ली-बेंगलुरु और दिल्ली-मुंबई जैसे प्रमुख घरेलू मार्गों पर हवाई किराए में इस साल मई में साल-दर-साल (वर्ष-दर-वर्ष) 12.7 फीसदी तक की वृद्धि हुई है. विमानन टरबाइन ईंधन की कीमतों में हालिया वृद्धि, रुपये की गिरावट, प्रमुख खिलाड़ियों द्वारा उड़ानों में कमी और इंजन आपूर्ति के मुद्दों के कारण विमानों की ग्राउंडिंग ने हवाई किराए में वृद्धि में योगदान दिया है.
हालांकि, आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि नई उड़ानों की शुरुआत के कारण दिल्ली-लेह और दिल्ली-कोलकाता जैसे प्रमुख मार्गों पर समर हवाई किराए में काफी कमी आई है. आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 1-10 मई के बीच कोलकाता-बागडोगरा रूट पर टिकट की कीमत बढ़कर 5,500 रुपये हो गई है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान इसी रूट पर इकोनॉमी क्लास का औसत किराया 4,800 रुपये था. आपको बता दें कि यह डेटा 30 दिन पहले खरीदे गए टिकटों से संबंधित है.
दिल्ली में एटीएफ की कीमत साल-दर-साल लगभग 2.5 फीसदी बढ़कर 100,893 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है. भारत में किसी एयरलाइन के कुल खर्च में एटीएफ की लागत लगभग 40 फीसदी शामिल होती है.
हाल ही में विस्तारा ने घोषणा की कि वह पायलट रोस्टर में बहुत जरूरी बफर प्रदान करने के लिए अप्रैल में अपनी दैनिक उड़ानों में से 10 फीसदी रद्द कर देगी. यह आमतौर पर प्रतिदिन लगभग 350 उड़ानें संचालित करता है.
एविएशन एनालिटिक्स फर्म सिरियम के अनुसार, भारतीय वाहक इस साल मई में प्रति सप्ताह 22,228 घरेलू उड़ानें संचालित करने वाले हैं, जो कि साल-दर-साल 10.5 फीसदी की वृद्धि होगी.
भारत में गर्मी के मौसम में, परिचालन कारकों (विमानों की ग्राउंडिंग और उड़ानों में कमी) के संयोजन के परिणामस्वरूप आपूर्ति की बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं, जिसका हमारे 30-दिन के अग्रिम किराए में लगभग 5-15 फीसदी का व्यापक प्रभाव पड़ रहा है.
हालांकि, क्षमता बढ़ने और नई एयरलाइंस के संचालन के कारण दिल्ली-श्रीनगर, दिल्ली-लेह, दिल्ली-कोलकाता और बेंगलुरु-कोच्चि जैसे मार्गों पर किराए में 13-32 फीसदी की कमी आई है.
दो महीने पहले इंडिगो ने कहा था कि प्रैट एंड व्हिटनी इंजन में दिक्कत (नए और पुराने) के कारण करीब 75 विमान फिलहाल खड़े हैं. इंडिगो भारत का सबसे बड़ा वाहक है जिसके बेड़े में लगभग 360 विमान हैं.