नई दिल्ली: महिंद्रा ग्रुप के चेयरपर्सन आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. आए दिन अपने बातों को सोशल मीडिया का जरिया लोगों के साथ साझा करते हैं. हाल ही में आनंद महिंद्रा ने विक्रांत मैसी की पहली फिल्म 12वीं फेल में उनकी एक्टिंग को लेकर तारीफ की थी. अब उन्होंने ट्विटर पर साझा किया कि फिल्म ने उन्हें इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया कि अभ्यर्थी परीक्षा की तैयारी कैसे करते हैं और इसे पास करना कितना कठिन है. ऐसा करने पर, एक आईआईटी ग्रेजुएट जिसने यूपीएससी परीक्षा भी दी थी, ने स्पष्ट रूप से उसे बताया कि यूपीएससी अधिक कठिन थी.
बता दें कि 12वीं फेल फिल्म आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा के जीवन पर आधारित है, जो अत्यधिक गरीबी को पार कर पुलिस अधिकारी बने.
दुनिया के सबसे कठिन परीक्षाओं पर महिंद्रा ने किया ट्टीट
आनंद महिंद्रा ने ट्टीट किया कि 12वीं फेल देखने के बाद मैंने चारों ओर पता किया और हमारी प्रवेश परीक्षाओं की रिलेटिव कठिनाई के बारे में कई युवाओं से बात की. उनमें से एक आईआईटी से ग्रेजुएट था जो एक बिजनेस स्टार्टअप से जुड़ा है लेकिन उसने यूपीएससी परीक्षा भी दी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि यूपीएससी आईआईटी जेईई से कहीं अधिक कठिन है. आगे कहा कि मुझे आश्चर्य है कि अगर यह एक आम धारणा है, तो इस स्थिति में इस रैंकिंग को बदलने की जरूरत है!
दुनिया की 10 सबसे कठिन परिक्षा
महिंद्रा ग्रुप के चेयरपर्सन ने दुनिया की 10 सबसे कठिन परीक्षाओं पर एक पोस्ट भी साझा किया, जिसमें भारत से तीन शामिल हैं. इनमें आईआईटी जेईई नंबर 2 पर, यूपीएससी नंबर 3 पर, और गेट नंबर 8 पर है. महिंद्रा ने कहा कि अगर उन्हें जो फीडबैक मिला है, वह है यह सच है तो इसे रिफ्लेक्ट करने के लिए वैश्विक रैंकिंग को अपडेट किया जाना चाहिए.
आनंद महिंद्रा के ट्टीट पर लोगों का रिएक्शन
- आनंद महिंद्रा के ट्टीट पर नीतू खंडेलवाल जो कि एक इन्वेस्टर है. उन्होंने कहा कि मेरे एक रिश्तेदार ने पहले प्रयास में आईआईटी पास किया और चौथे प्रयास में यूपीएससी पास किया. वह हमेशा कहते हैं कि यूपीएससी 'सभी परीक्षाओं की जननी' है.
- दूसरे यूजर ने लिखा कि यूपीएससी कठिन और त्रुटिपूर्ण दोनों है. बेशक, कुछ अपवादों को छोड़कर, यह हमारे देश के भविष्य को आकार देने के लिए आवश्यक सबसे तकनीकी रूप से योग्य और प्रेरित नौकरशाह प्रदान नहीं करता है. जब चयन के बाद वितरण और नौकरशाही के प्रभाव की बात आती है तो सिस्टम और राजनेता इसे बदतर बना देते हैं.
- एक यूजर ने लिखा कि व्यक्ति विशेष पर निर्भर करेगा. लेकिन दो कारक- पहला, आईआईटी जेईई स्नातक स्तर पर है- इसमें शामिल होने वाले छात्र यूपीएससी परीक्षा की तुलना में कम उम्र के होते हैं. दूसरा, यूपीएससी किसी की पसंद का क्षेत्र है - पी, सी और एम की पढ़ाई से अपेक्षाकृत बेहतर (मैं ऐसे कई लोगों को जानता हूं जिन्हें इनमें से दो या सिर्फ एक पसंद है). ये दो कारक यूपीएससी की तुलना में आईआईटी जेईई में अधिक तनाव पैदा करते हैं.
- एक यूजर ने कमेंट किया कि जी-एडवांस को क्रैक करने के लिए पीसीएम की सच्ची समझ की आवश्यकता होती है, लेकिन यूपीएससी को क्रैक करने के लिए जीवन और हमारे आस-पास को एक बहुत ही अलग दृष्टिकोण और सही सोच से देखने की क्षमता की आवश्यकता होती है...