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आ गई अमीर और गरीब राज्यों की रिपोर्ट...साउथ की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा, कभी बंगाल का था दबदबा - Richest and poorest Indian states

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 18, 2024, 4:42 PM IST

Updated : 3 hours ago

Richest and poorest Indian states- प्राइम मिनिस्टर इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल (ईएसी-पीएम) ने राज्यों के जीडीपी कंट्रीब्यूशन को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में भारत के राज्यों का आर्थिक प्रदर्शन साल 1960-61 से 2023-24 तक का दिखाया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Richest and poorest Indian states
राज्य (प्रतीकात्मक फोटो) (Getty Image)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक उदारीकरण के बाद दक्षिणी राज्य आगे बढ़े हैं. दक्षिणी राज्यों ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. साथ ही औसत से अधिक प्रति व्यक्ति आय का दावा किया है. रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और तमिलनाडु सामूहिक रूप से भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 30 फीसदी हिस्सा हैं.

किस राज्य ने सबसे अधिक जीडीपी में योगदान किया?
महाराष्ट्र भारत का टॉप सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कंट्रीब्यूटर बना हुआ है. लेकिन इसका हिस्सा पहले के 15 फीसदी से घटकर 13.3 फीसदी हो गया है. हालांकि, मार्च 2024 तक इसकी प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत का 150.7 फीसदी हो गई.

दिल्ली और हरियाणा ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है, जिसमें दिल्ली सबसे अधिक प्रति व्यक्ति आय वाले राज्यों में से एक है.

प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से भारत के सबसे अमीर राज्य ये हैं

Richest Indian states
1960 के दशक में प्रति व्यक्ति आय के हिसाब अमीर राज्य और साल 2024 में उन राज्यों का ग्रोथ रेट (ETV Bharat)

प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से भारत के सबसे गरीब राज्य ये हैं

Poorest Indian states
1960 के दशक में प्रति व्यक्ति आय के हिसाब गरीब राज्य और साल 2024 में उन राज्यों का डिग्रोथ रेट (ETV Bharat)

इन राज्यों में जीडीपी कंट्रीब्यूशन घटा
उत्तर प्रदेश और बिहार ने अपने सकल घरेलू उत्पाद में योगदान में कमी देखी गई. उत्तर प्रदेश का हिस्सा 1960-61 में 14 फीसदी से गिरकर 9.5 फीसदी हो गया.

तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के बावजूद बिहार ने केवल 4.3 फीसदी का योगदान दिया.

हालांकि, ओडिशा ने एक उल्लेखनीय सुधार दिखाया, जिससे पिछड़े की अपनी छवि बदल गई.

दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल ने भारत के टॉप योगदानकर्ताओं में से एक होने से लगातार गिरावट देखी, जो 1960-61 में सकल घरेलू उत्पाद का 10.5 फीसदी था. अब, यह 5.6 फीसदी पर है. इसकी प्रति व्यक्ति आय, जो कभी राष्ट्रीय औसत का 127.5 फीसदी थी, घटकर 83.7 फीसदी हो गई, जो राजस्थान और ओडिशा से भी नीचे है.

रिपोर्ट में सबसे दिलचस्प मामला पश्चिम बंगाल का है, जिसने अपनी शुरुआती आर्थिक मजबूती के बावजूद लगातार और हैरान करने वाली गिरावट देखी है. 1960-61 में राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 10.5 फीसदी योगदान देने वाले भारत के शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक पश्चिम बंगाल का हिस्सा अब घटकर 5.6 फीसदी रह गया है.

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किस राज्य ने सबसे अधिक जीडीपी में योगदान किया?
महाराष्ट्र भारत का टॉप सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कंट्रीब्यूटर बना हुआ है. लेकिन इसका हिस्सा पहले के 15 फीसदी से घटकर 13.3 फीसदी हो गया है. हालांकि, मार्च 2024 तक इसकी प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत का 150.7 फीसदी हो गई.

दिल्ली और हरियाणा ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है, जिसमें दिल्ली सबसे अधिक प्रति व्यक्ति आय वाले राज्यों में से एक है.

प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से भारत के सबसे अमीर राज्य ये हैं

Richest Indian states
1960 के दशक में प्रति व्यक्ति आय के हिसाब अमीर राज्य और साल 2024 में उन राज्यों का ग्रोथ रेट (ETV Bharat)

प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से भारत के सबसे गरीब राज्य ये हैं

Poorest Indian states
1960 के दशक में प्रति व्यक्ति आय के हिसाब गरीब राज्य और साल 2024 में उन राज्यों का डिग्रोथ रेट (ETV Bharat)

इन राज्यों में जीडीपी कंट्रीब्यूशन घटा
उत्तर प्रदेश और बिहार ने अपने सकल घरेलू उत्पाद में योगदान में कमी देखी गई. उत्तर प्रदेश का हिस्सा 1960-61 में 14 फीसदी से गिरकर 9.5 फीसदी हो गया.

तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के बावजूद बिहार ने केवल 4.3 फीसदी का योगदान दिया.

हालांकि, ओडिशा ने एक उल्लेखनीय सुधार दिखाया, जिससे पिछड़े की अपनी छवि बदल गई.

दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल ने भारत के टॉप योगदानकर्ताओं में से एक होने से लगातार गिरावट देखी, जो 1960-61 में सकल घरेलू उत्पाद का 10.5 फीसदी था. अब, यह 5.6 फीसदी पर है. इसकी प्रति व्यक्ति आय, जो कभी राष्ट्रीय औसत का 127.5 फीसदी थी, घटकर 83.7 फीसदी हो गई, जो राजस्थान और ओडिशा से भी नीचे है.

रिपोर्ट में सबसे दिलचस्प मामला पश्चिम बंगाल का है, जिसने अपनी शुरुआती आर्थिक मजबूती के बावजूद लगातार और हैरान करने वाली गिरावट देखी है. 1960-61 में राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 10.5 फीसदी योगदान देने वाले भारत के शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक पश्चिम बंगाल का हिस्सा अब घटकर 5.6 फीसदी रह गया है.

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