नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की टेलीकॉम यूनिट रिलायंस जियो 2025 में आईपीओ की ओर बढ़ सकती है. जेफरीज ने एक नोट में कहा कि लिस्टिंग का संभावित मूल्यांकन 9.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है. ब्रोकरेज ने कहा कि जियो 112 बिलियन डॉलर वैल्यूएशन पर लिस्ट हो सकता है. रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर की कीमत में 7 से 15 फीसदी की उछाल ला सकता है.
हाल ही में टैरिफ बढ़ोतरी में जियो सबसे आगे है. जबकि फीचर फोन टैरिफ को अपरिवर्तित रखना दिखाता है कि यह मुद्रीकरण और ग्राहक बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है. जेफरीज ने कहा कि ये कदम CY25 में संभावित सार्वजनिक लिस्टिंग के लिए मामला बनाते हैं.
जियो लिस्टिंग के लिए, कंपनी के पास दो विकल्प हैं- एक आईपीओ है और दूसरा जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (JFS) की तरह स्पिन-ऑफ है.
जेफरीज ने आगे बताया कि उनकी प्राथमिक चिंता भारत में होल्डको डिस्काउंट 20-50 फीसदी है. लेकिन कोरिया और ताइवान में समूहों के लिए यह अधिक (50 से 70 फीसदी) है. आईपीओ के मामले में बड़े खुदरा निवेशक जुटाना एक और चिंता का विषय है.
जेफरीज ने रिपोर्ट में कहा कि स्पिन-ऑफ पर जियो में कम नियंत्रण हिस्सेदारी को स्पिन-ऑफ के बाद निजी इक्विटी फंड द्वारा पेश किए गए शेयरों का एक हिस्सा खरीदकर संबोधित किया जा सकता है.
जेफरीज ने कहा कि इससे होल्डको डिस्काउंट से बचा जा सकेगा और आरआईएल शेयरधारकों को लाभ पहुंचाने वाले बेहतर मूल्य अनलॉकिंग को सक्षम किया जा सकेगा. लिस्टिंग पर जियो में मालिक की हिस्सेदारी 33.3 फीसदी तक गिर जाएगी. हमने पाया कि हाल ही में अलग हुए JFS में मालिक की हिस्सेदारी लिस्टिंग के समय 45.8 फीसदी थी.