नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने घोषणा की है कि UPI लाइट को अब ई-मैंडेट फ्रेमवर्क के साथ एकीकृत किया जाएगा. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इससे UPI लाइट बैलेंस को अपने आप भरने में मदद मिलेगी. यह कदम छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान को आसान बनाने पर केंद्रित है.
आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी की बैठक के दौरान कहा कि यूपीआई लाइट सुविधा वर्तमान में ग्राहक को अपने यूपीआई लाइट वॉलेट में 2000 रुपये तक लोड करने और वॉलेट से 500 रुपये तक का भुगतान करने की अनुमति देती है.
ग्राहकों को यूपीआई लाइट का बिना किसी रुकावट के यूज करने में सक्षम बनाने के लिए ऑटो-रिप्लेनिशमेंट सुविधा शुरू करके यूपीआई लाइट को ई-मैंडेट फ्रेमवर्क के दायरे में लाने का प्रस्ताव है.
UPI LITE क्या है?
UPI LITE एक पेमेंट समाधान है जिसे 500 रुपये से कम मूल्य के लेनदेन को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है. UPI LITE इन भुगतानों को संसाधित करने के लिए विश्वसनीय NPCI कॉमन लाइब्रेरी (CL) एप्लिकेशन का यूज करता है, जो मोबाइल फोन पर मौजूदा UPI इकोसिस्टम के साथ सहजता से एकीकृत होकर स्थिरता, अनुपालन और व्यापक स्वीकृति सुनिश्चित करता है.
UPI LITE का उद्देश्य छोटे लेनदेन के लिए यूजर के अनुकूल अनुभव प्रदान करना है, जो कि सेंडर बैंक की कोर बैंकिंग सिस्टम द्वारा वास्तविक समय की प्रक्रिया की आवश्यकता को दरकिनार करता है, जबकि अभी भी पर्याप्त जोखिम शमन बनाए रखता है.
शक्तिकांत दास ने कहा कि सितंबर 2022 में UPI लाइट की शुरुआत की गई थी. ताकि ऑन-डिवाइस वॉलेट के जरिए छोटे मूल्य के भुगतान को जल्द और सहज तरीके से किया जा सके. UPI लाइट को व्यापक रूप से अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, अब इसे ई-मैंडेट फ्रेमवर्क के तहत लाने का प्रस्ताव है. इसमें ग्राहकों के लिए एक सुविधा शुरू की जाएगी. ताकि अगर बैलेंस उनके द्वारा निर्धारित सीमा से कम हो जाए, तो वे अपने UPI लाइट वॉलेट को अपने आप भर सकें. इससे छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान करने में आसानी होगी.