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RBI की पाबंदी से कोटक महिन्द्रा बैंक को घाटा, जानें कितना बड़ा होगा नुकसान - Kotak Mahindra Bank - KOTAK MAHINDRA BANK

Kotak Mahindra- कोटक महिंद्रा के एमडी और सीईओ अशोक वासवानी ने मीडिया को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के प्रतिबंध से कोटक महिंद्रा का FY25 मुनाफा 450 करोड़ रुपये तक प्रभावित होगा. पढ़ें पूरी खबर...

Kotak Mahindra
कोटक महिन्द्रा बैंक (IANS Photo)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 5, 2024, 9:33 AM IST

मुंबई: हाल के दिनों में लगातार कोटक महिंद्रा बैंक में उठा-पटक देखने को मिल रही है. मुंबई स्थित लेंडर के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की हालिया नियामक कार्रवाई के मद्देनजर वित्त वर्ष 2025 के लिए कोटक महिंद्रा बैंक का प्रॉफिट बिफोर टैक्स (पीबीटी) 300 करोड़ से 450 करोड़ रुपये तक प्रभावित होगा. इस बात की जानकारी कोटक महिंद्रा के एमडी और सीईओ अशोक वासवानी ने मीडिया को दी है.

कोटक महिंद्रा के एमडी और सीईओ ने कहा कि हम अपने डिजिटल लोन बिजनेस पर मौजूद मौजूदा चुनौतियों को कम करने पर पूरी तरह केंद्रित हैं. वित्तीय वर्ष के लिए हमारा ध्यान नए अधिग्रहणों के बजाय क्रॉस-सेलिंग के माध्यम से मौजूदा ग्राहक संबंधों को गहरा करने पर होगा. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि निजी लेंडर के बिजनेस पर आरबीआई की कार्रवाई का वित्तीय प्रभाव कम था, क्योंकि केंद्रीय बैंक ने केवल कोटक महिंद्रा द्वारा नए ग्राहकों को शामिल करने पर प्रतिबंध लगाया था, जबकि मौजूदा ग्राहकों को लोन लेना जारी रखने या नई जमा करने की अनुमति दी थी.

एमडी और सीईओ ने कहा कि इसके अलावा, नए ग्राहकों की ऑनबोर्डिंग पूरी तरह से ऑनलाइन नहीं है, क्योंकि ऐसी प्रक्रियाएं हैं जिनमें सहायता प्राप्त यात्राएं शामिल होती हैं, जो प्रभावित नहीं होंगी.

शेयरों पर असर
बता दें कि आरबीआई के आदेश का असर ऐसा हुआ कि प्रतिबंधों की घोषणा के एक दिन बाद 25 अप्रैल को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर कोटक महिंद्रा के शेयर 12 फीसदी तक टूट गए. ब्रोकरेज फर्मों ने भी फाइनेंशियल सर्सिस प्रोवाइडर के लिए विकास को "संरचनात्मक रूप से नकारात्मक" मानते हुए, लक्ष्य कीमतों में कटौती की है.

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कोटक महिंद्रा के एमडी और सीईओ ने कहा कि हम अपने डिजिटल लोन बिजनेस पर मौजूद मौजूदा चुनौतियों को कम करने पर पूरी तरह केंद्रित हैं. वित्तीय वर्ष के लिए हमारा ध्यान नए अधिग्रहणों के बजाय क्रॉस-सेलिंग के माध्यम से मौजूदा ग्राहक संबंधों को गहरा करने पर होगा. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि निजी लेंडर के बिजनेस पर आरबीआई की कार्रवाई का वित्तीय प्रभाव कम था, क्योंकि केंद्रीय बैंक ने केवल कोटक महिंद्रा द्वारा नए ग्राहकों को शामिल करने पर प्रतिबंध लगाया था, जबकि मौजूदा ग्राहकों को लोन लेना जारी रखने या नई जमा करने की अनुमति दी थी.

एमडी और सीईओ ने कहा कि इसके अलावा, नए ग्राहकों की ऑनबोर्डिंग पूरी तरह से ऑनलाइन नहीं है, क्योंकि ऐसी प्रक्रियाएं हैं जिनमें सहायता प्राप्त यात्राएं शामिल होती हैं, जो प्रभावित नहीं होंगी.

शेयरों पर असर
बता दें कि आरबीआई के आदेश का असर ऐसा हुआ कि प्रतिबंधों की घोषणा के एक दिन बाद 25 अप्रैल को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर कोटक महिंद्रा के शेयर 12 फीसदी तक टूट गए. ब्रोकरेज फर्मों ने भी फाइनेंशियल सर्सिस प्रोवाइडर के लिए विकास को "संरचनात्मक रूप से नकारात्मक" मानते हुए, लक्ष्य कीमतों में कटौती की है.

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