ETV Bharat / business

रेलवे के इतिहास में पहली बार होगा ऐसा, 250 किमी की रफ्तार से चलेंगी रेलगाड़ियां - Indian Railway - INDIAN RAILWAY

Railways to ICF- पहली बार रेल मंत्रालय ने दो ऐसी रेलगाड़ियां बनाने को कहा है जो 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सके. पढ़ें पूरी खबर...

Railway
(प्रतीकात्मक फोटो) (Canva)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 7, 2024, 9:54 AM IST

नई दिल्ली: पहली बार रेल मंत्रालय ने चेन्नई स्थित अपनी प्रोडक्ट यूनिट इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) से 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली दो ट्रेनें बनाने को कहा है. रेलवे बोर्ड ने ICF से 2024-25 के अपने प्रोडक्ट कार्यक्रम के तहत इन दो ट्रेनों को विकसित करने को कहा है. ये ट्रेनें स्टील बॉडी से बनेंगी और इनकी रफ्तार 250 किलोमीटर प्रति घंटा और चलने की रफ्तार 220 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. इसे स्टैंडर्ड गेज पर बनाया जाएगा.

अधिकारियों के अनुसार, भविष्य में वंदे भारत ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने की ट्रांसपोर्टर की योजना के तहत ये ट्रेनें वंदे भारत प्लेटफॉर्म पर आधारित होंगी. रेलवे के अनुसार, ये आठ कोच वाली ट्रेनें होंगी.

पिछले एक साल से, यह राजस्थान में स्टैंडर्ड गेज ट्रेनों के लिए एक टेस्ट ट्रैक विकसित कर रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य हाई-स्पीड ट्रेनें विकसित करने की अपनी क्षमताओं का परीक्षण करना और वंदे भारत ट्रेनों को निर्यात करना है. इन्हें ब्रॉड गेज से स्टैंडर्ड गेज में परिवर्तित किया जाना है, जो विश्व स्तर पर सबसे अधिक स्वीकार्य गेज है. भारत में ऐसी कोई ट्रेन नहीं है जो इतनी तेज चल सके.

मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर पर शिंकानसेन या बुलेट ट्रेनों में इस्तेमाल की जाने वाली जापानी तकनीक से हाई-स्पीड ट्रेनें बनाई जा रही हैं. सरकार भारत में ऐसी ट्रेनें विकसित करने के लिए सबक ले रही है.

ये भी पढ़ें-

नई दिल्ली: पहली बार रेल मंत्रालय ने चेन्नई स्थित अपनी प्रोडक्ट यूनिट इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) से 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली दो ट्रेनें बनाने को कहा है. रेलवे बोर्ड ने ICF से 2024-25 के अपने प्रोडक्ट कार्यक्रम के तहत इन दो ट्रेनों को विकसित करने को कहा है. ये ट्रेनें स्टील बॉडी से बनेंगी और इनकी रफ्तार 250 किलोमीटर प्रति घंटा और चलने की रफ्तार 220 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. इसे स्टैंडर्ड गेज पर बनाया जाएगा.

अधिकारियों के अनुसार, भविष्य में वंदे भारत ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने की ट्रांसपोर्टर की योजना के तहत ये ट्रेनें वंदे भारत प्लेटफॉर्म पर आधारित होंगी. रेलवे के अनुसार, ये आठ कोच वाली ट्रेनें होंगी.

पिछले एक साल से, यह राजस्थान में स्टैंडर्ड गेज ट्रेनों के लिए एक टेस्ट ट्रैक विकसित कर रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य हाई-स्पीड ट्रेनें विकसित करने की अपनी क्षमताओं का परीक्षण करना और वंदे भारत ट्रेनों को निर्यात करना है. इन्हें ब्रॉड गेज से स्टैंडर्ड गेज में परिवर्तित किया जाना है, जो विश्व स्तर पर सबसे अधिक स्वीकार्य गेज है. भारत में ऐसी कोई ट्रेन नहीं है जो इतनी तेज चल सके.

मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर पर शिंकानसेन या बुलेट ट्रेनों में इस्तेमाल की जाने वाली जापानी तकनीक से हाई-स्पीड ट्रेनें बनाई जा रही हैं. सरकार भारत में ऐसी ट्रेनें विकसित करने के लिए सबक ले रही है.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.