नई दिल्ली: अगर आप अपने भविष्य को वित्तीय रूप से सुरक्षित करना चाहते हैं, तो आपको धन तैयार रखना होगा. अगर आप नौकरी करते हैं और ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो पीएफ के अलावा दो और बहुत अच्छे विकल्प हैं जिनका इस्तेमाल आप अपने रिटायरमेंट की तैयारी के लिए कर सकते हैं. दो ऑप्शन है- पीपीएफ (सार्वजनिक भविष्य निधि) और एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली). कभी-कभी लोग इस बात को लेकर असमंजस में पड़ जाते हैं कि इन दोनों विकल्पों में से किसे चुनें. अगर आप भी इन दोनों विकल्पों में से किसी एक को चुनने को लेकर असमंजस में हैं तो पीपीएफ और एनपीएस के फायदे और नुकसान जानिए.
पीपीएफ- पीपीएफ सरकार द्वारा प्रबंधित एक दीर्घकालिक बचत योजना है. रिटायरमेंट के लिए पैसे बचाने का बेहतर आप्शन माना जाता है. पीपीएफ को निवेश का सुरक्षित विकल्प माना जाता है. यह एक दीर्घकालिक बचत योजना है जो सरकार द्वारा निर्धारित रिटर्न की एक निश्चित दर प्रदान करती है.
पीपीएफ में निवेश की रकम की कोई ऊपरी सीमा नहीं है. इसकी अवधि 15 साल है, जहां पीपीएफ खाते में सालाना 500 रुपये से 1.5 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है. टैक्स बचत के लिहाज से भी पीपीएफ में निवेश करना बेहतर है. क्योंकि निवेश की गई रकम और मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता है. आयकर की धारा 80सी के अनुसार यह राशि कर-मुक्त है.
भारतीय नागरिक जो 18 वर्ष से ज्यादा उम्र का हो. उसका पीपीएफ खाता खोल सकता है. यह योजना भारत के गैर-निवासियों (एनआरआई) या हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) पर लागू नहीं होती है. किसी के नाम पर केवल एक पीपीएफ खाता हो सकता है और संयुक्त खाते की अनुमति नहीं है. कोई अक्षम या नाबालिग व्यक्ति के लिए अतिरिक्त पीपीएफ खाता खोल सकता है.
एनपीएस- एनपीएस एक स्वैच्छिक रिटायरमेंट बचत योजना है. यह सरकारी योजना है जो नागरिकों को उनके कामकाजी जीवन के दौरान निवेश करने की परमिशन देती है. एनपीएस में निवेश का 60 फीसगी हिस्सा रिटायरमेंट के समय निकाला जा सकता है. बचे 40 फीसदी का उपयोग पेंशन योजना खरीदने के लिए किया जाता है. एनपीएस में कर्मचारी के वेतन का 20 फीसदी तक निवेश किया जा सकता है. एनपीएस 18 से 70 वर्ष की आयु के बीच के किसी भी भारतीय नागरिक के लिए खुला है.
इस योजना में निवेश के क्राइटेरिय
- पीओपी/पीओपी-एसपी के लिए आवेदन करते समय आपकी आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए.
- खाताधारक को अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) आवश्यकताओं के लिए रेलीवेंट डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराने होंगे.