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जानिए PPF और EPS से कैसे बेहतर है NPS, मिलता है बड़े कैप म्यूचुअल फंड के बराबर रिटर्न - National Pension System

National Pension System, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) जैसी योजना इसी मकसद से बनाई गई है. यदि आप सही रणनीति के साथ निवेश करेंगे तो रिटायरमेंट के बाद बेहतर आय प्राप्त कर सकते हैं. पढ़िए पूरी खबर...

जानिए PPF और EPS से कैसे बेहतर है NPS
nps gives return more than ppf and EPF (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 2, 2024, 6:38 PM IST

हैदराबाद : नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) 9 प्रतिशत से 12 प्रतिशत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) का रिटर्न देता है, जो कि बड़े-बड़े कैप म्यूचुअल फंड के बराबर है और पीपीएफ (7.1 प्रतिशत) और ईपीएफ (8.15 प्रतिशत) से बेहतर है.

पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA), 2013 के अधिनियम के अंतर्गत स्थापित, नेशनल पेंशन सिस्टम को कंट्रोल करता है. इस वजह से सरकारी औऱ निजी क्षेत्र के कर्मटारियो को लाभ मिलता है. इसके अलावा यह पेंशन बाजार के संगठित विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, जिससे रिटायर लोगों को वित्तीय स्थिरता मिलती है.

एनपीएस में टियर वन और टियर टू खाते शामिल हैं. टियर वन में न्यूनतम 500 रुपये का जमा करना जरूर है, जो 60 साल की उम्र तक लॉक रहता है और मैच्योरिटी पर 60 फीसदी निकासी की अनुमति होती है. शेष राशि से एन्युटी खरीदनी होती है. टियर टू एक स्वैच्छिक खाता है, जिसमें न्यूनतम 250 रुपये की आवश्यकता होती है और यह टियर वन के पूरक के रूप में कार्य करता है.

एनपीएस खाता कोई भी भारतीय नागरिक जिसकी उम्र 18 से 70 साल के बीच है, वो खोल सकते हैं. इसके साथ ही टैक्स लाभ भी हासिल कर सकते हैं. हाल ही में किए गए बदलावों में अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का परिचय शामिल है. यह केंद्रीय सरकारी कर्मचारियो के लिए एनपीएस के साथ विकल्प प्रदान करती है. इतना ही नहीं यह पुरानी पेंशन योजना की नकल करती है, जिसमें परिवार पेंशन के अलावा एकमुश्त भुगतान जैसे लाभ शामिल हैं.

वहीं यूपीएस कर्मचारियों की अंतिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन और 10 साल की सेवा के बाद न्यूनतम 10 हजार रुपये मासिक पेंशन की गारंटी देता है. साथ ही यह मुद्रास्फीति के लिए समायोजित होता है, जिससे रिटायर लोग अपने जीवन के बाद के वर्षों में क्रय शक्ति को बनाए रखना है.

ये भी पढ़ें - एनपीएस वात्सल्य योजना शुरू, जानिए इस बारे में सब कुछ

हैदराबाद : नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) 9 प्रतिशत से 12 प्रतिशत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) का रिटर्न देता है, जो कि बड़े-बड़े कैप म्यूचुअल फंड के बराबर है और पीपीएफ (7.1 प्रतिशत) और ईपीएफ (8.15 प्रतिशत) से बेहतर है.

पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA), 2013 के अधिनियम के अंतर्गत स्थापित, नेशनल पेंशन सिस्टम को कंट्रोल करता है. इस वजह से सरकारी औऱ निजी क्षेत्र के कर्मटारियो को लाभ मिलता है. इसके अलावा यह पेंशन बाजार के संगठित विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, जिससे रिटायर लोगों को वित्तीय स्थिरता मिलती है.

एनपीएस में टियर वन और टियर टू खाते शामिल हैं. टियर वन में न्यूनतम 500 रुपये का जमा करना जरूर है, जो 60 साल की उम्र तक लॉक रहता है और मैच्योरिटी पर 60 फीसदी निकासी की अनुमति होती है. शेष राशि से एन्युटी खरीदनी होती है. टियर टू एक स्वैच्छिक खाता है, जिसमें न्यूनतम 250 रुपये की आवश्यकता होती है और यह टियर वन के पूरक के रूप में कार्य करता है.

एनपीएस खाता कोई भी भारतीय नागरिक जिसकी उम्र 18 से 70 साल के बीच है, वो खोल सकते हैं. इसके साथ ही टैक्स लाभ भी हासिल कर सकते हैं. हाल ही में किए गए बदलावों में अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का परिचय शामिल है. यह केंद्रीय सरकारी कर्मचारियो के लिए एनपीएस के साथ विकल्प प्रदान करती है. इतना ही नहीं यह पुरानी पेंशन योजना की नकल करती है, जिसमें परिवार पेंशन के अलावा एकमुश्त भुगतान जैसे लाभ शामिल हैं.

वहीं यूपीएस कर्मचारियों की अंतिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन और 10 साल की सेवा के बाद न्यूनतम 10 हजार रुपये मासिक पेंशन की गारंटी देता है. साथ ही यह मुद्रास्फीति के लिए समायोजित होता है, जिससे रिटायर लोग अपने जीवन के बाद के वर्षों में क्रय शक्ति को बनाए रखना है.

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