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नारायण मूर्ति ने बताया इकोनॉमी फॉर्मूला- चीन को कैसे पछाड़ेगा भारत! - Narayana Murthy Economic Formula

Narayana Murthy- इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने भारत के लिए इकोनॉमी फॉर्मूला बताया हैं. उन्होंने कहा कि इस इकोनॉमी फॉर्मूला से भारत चीन से आगे निकल सकता है. पढ़ें पूरी खबर...

Narayana Murthy
नारायण मूर्ति (फाइल फोटो) (IANS Photo)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 23, 2024, 4:34 PM IST

नई दिल्ली: चीन और भारत एक दूसरे के साथ भौगोलिक सीमा को शेयर करते है. इसके साथ ही चीन भारत का एक बड़ा आर्थिक प्रतिद्वंद्वी भी है. चीन की जीडीपी भारत से लगभग 2.5 गुना है. चूंकि चीन की अर्थव्यवस्था धीमी हो रही है और पश्चिम इसे वर्तमान में एक आर्थिक भागीदार के बजाय एक राइवल के रूप में देख रहा है. क्या भारत के पास दुनिया के अगले विकास चालक के रूप में बीजिंग की जगह लेने का मौका है? इस पर इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा कि भारत में भविष्य में चीन की अर्थव्यवस्था को पार करने की क्षमता है. नारायण मूर्ति ने एक मीडिया को दिए इंटरव्यू में इस बात को कहा हैं.

नारायण मूर्ति ने कहा कि इंडस्ट्रियल क्षेत्र में चीन से आगे निकलने के लिए भारत को उद्यमियों के लिए अनुकूल कारोबारी माहौल बनाने को प्राथमिकता देनी चाहिए. अपने नागरिकों की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. नारायण मूर्ति ने डिस्पोजेबल इनकम के साथ-साथ सालाना लाखों रोजगार के अवसर पैदा करने के महत्व पर जोर दिया.

नारायण मूर्ति ने कहा कि मेरा मानना है कि अगर हम उद्यमियों और व्यापारियों के लिए परेशानी मुक्त वातावरण दे सकते हैं, अगर हम ऐसी नीतियां बना सकते हैं जो उनके विकास को तेज और आसान बना सकें, तो मुझे लगता है कि यही एकमात्र तरीका है जिससे हम न केवल बराबरी कर सकते हैं. लेकिन चीन से आगे भी निकल सकते है.

नारायण मूर्ति मानव प्रोडक्टिविटी में क्रांति लाने के लिए जेनेरिक एआई की क्षमता को लेकर भी आशावादी हैं. वह एआई के भविष्य को लेकर आशावादी हैं और उनका मानना है कि सामान्य एआई लोगों की दक्षता बढ़ाकर हमारी जटिल चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम होगा, जिससे हमारे समाज को काफी फायदा होगा.

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नई दिल्ली: चीन और भारत एक दूसरे के साथ भौगोलिक सीमा को शेयर करते है. इसके साथ ही चीन भारत का एक बड़ा आर्थिक प्रतिद्वंद्वी भी है. चीन की जीडीपी भारत से लगभग 2.5 गुना है. चूंकि चीन की अर्थव्यवस्था धीमी हो रही है और पश्चिम इसे वर्तमान में एक आर्थिक भागीदार के बजाय एक राइवल के रूप में देख रहा है. क्या भारत के पास दुनिया के अगले विकास चालक के रूप में बीजिंग की जगह लेने का मौका है? इस पर इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा कि भारत में भविष्य में चीन की अर्थव्यवस्था को पार करने की क्षमता है. नारायण मूर्ति ने एक मीडिया को दिए इंटरव्यू में इस बात को कहा हैं.

नारायण मूर्ति ने कहा कि इंडस्ट्रियल क्षेत्र में चीन से आगे निकलने के लिए भारत को उद्यमियों के लिए अनुकूल कारोबारी माहौल बनाने को प्राथमिकता देनी चाहिए. अपने नागरिकों की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. नारायण मूर्ति ने डिस्पोजेबल इनकम के साथ-साथ सालाना लाखों रोजगार के अवसर पैदा करने के महत्व पर जोर दिया.

नारायण मूर्ति ने कहा कि मेरा मानना है कि अगर हम उद्यमियों और व्यापारियों के लिए परेशानी मुक्त वातावरण दे सकते हैं, अगर हम ऐसी नीतियां बना सकते हैं जो उनके विकास को तेज और आसान बना सकें, तो मुझे लगता है कि यही एकमात्र तरीका है जिससे हम न केवल बराबरी कर सकते हैं. लेकिन चीन से आगे भी निकल सकते है.

नारायण मूर्ति मानव प्रोडक्टिविटी में क्रांति लाने के लिए जेनेरिक एआई की क्षमता को लेकर भी आशावादी हैं. वह एआई के भविष्य को लेकर आशावादी हैं और उनका मानना है कि सामान्य एआई लोगों की दक्षता बढ़ाकर हमारी जटिल चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम होगा, जिससे हमारे समाज को काफी फायदा होगा.

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