नई दिल्ली: यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में आजीविका के अवसरों के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के स्वयं सहायता समूह की दीदियों के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय (MORD) और ईज माय ट्रिप ने मंगलवार को एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
इस संबंध ने ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन एसएचजी दीदियों को, जिन्हें 'टिकट वाली दीदी' कहा जाएगा, लगातार बढ़ते यात्रा और पर्यटन क्षेत्रों में अपनी आजीविका कमाने की सुविधा प्रदान करेगा. साथ यह उन्हें लखपति दीदी बनने में सक्षम बनाने में मदद करेगा. ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, ईएमटी मंत्रालय द्वारा पहचाने गए जिलों के 10 ब्लॉकों में पायलट प्रोजेक्ट का संचालन करेगा. इन जिलों में पटना, बेगूसराय, वडोदरा, राजकोट, सूरत, भोपाल, उज्जैन, अयोध्या और वाराणसी शामिल हैं. पायलट परियोजना उपरोक्त जिलों में 3 महीने की अवधि के लिए आयोजित की जाएगी और फिर पायलट की सीख के आधार पर अन्य जिलों में विस्तारित की जाएगी.
एमओयू के अनुसार, मंत्रालय एसएचजी सदस्यों को संगठित करेगा और इस उद्देश्य के लिए ईएमटी द्वारा प्रशिक्षण के लिए उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करेगा. वहीं दीदियों के चयन के लिए पात्रता मानदंड अंग्रेजी या हिंदी पढ़ने और लिखने का बुनियादी ज्ञान और कंप्यूटर का उपयोग करने और इंटरनेट ब्राउज़ करने का ज्ञान होगा. ईज माय ट्रिप चयनित सदस्यों के लिए अपने प्लेटफॉर्म तक पहुंच उपलब्ध कराएगा. चयनित सदस्यों को बस, ट्रेन, होटल और उड़ानों के टिकटों सहित यात्रा सेवाओं को खोजने, बुक करने और प्रिंट करने में सक्षम होने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा.
ईएमटी प्रत्येक चयनित दीदी को एक प्रिंटर के साथ इंटरनेट कनेक्टिविटी वाला एक कंप्यूटर प्रदान करेगा. मंत्रालय ने कहा कि ईएमटी यह सुनिश्चित करेगा कि पायलट के दौरान लखपति बनने के लिए टिकट बुक उद्यम (प्रशिक्षण के बाद) का प्रबंधन करने वाले एसएचजी सदस्यों की लाभ आय कम से कम 10 हजार रुपये प्रति माह हो. अतिरिक्त सचिव, एमओआरडी चरणजीत सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक में एमओआरडी और ईजी ट्रिप प्लानर्स लिमिटेड के बीच एमओयू पर एमओआरडी की संयुक्त सचिव, स्मृति शरण और ईएमटी की ओर से मुख्य परिचालन अधिकारी नूतन गुप्ता ने हस्ताक्षर किए.
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