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बैंकों पर बड़ा साइबर हमला, 300 बैंकों के पेमेंट सिस्टम बंद, देशभर में UPI, ATM सर्विस ठप - Ransomware attack on Banks - RANSOMWARE ATTACK ON BANKS

Ransomware attack on Banks- एक बड़े रैनसमवेयर हमले ने लगभग 300 छोटे भारतीय बैंकों के संचालन को बाधित कर दिया है, जिसका मुख्य असर ग्रामीण और सहकारी संस्थाओं पर पड़ा है. इससे बड़े पैमाने पर एटीएम, यूपीआई सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुए है. पढ़ें पूरी खबर...

Ransomware attack on Banks
साइबर अटैक (प्रतीकात्मक फोटो) (Canva)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 1, 2024, 9:51 AM IST

नई दिल्ली: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने कहा है कि कुछ बैंकों के UPI, IPMS और अन्य भुगतान सिस्टम अस्थायी रूप से ग्राहकों के लिए उपलब्ध नहीं होंगे. ऐसा कई बैंकों को सर्विस प्रोवाइडर करने वाली C-Edge Technologies के सिस्टम पर 'रैंसमवेयर' के हमले के कारण हुआ.

NPCI ने कहा कि पेमेंट इकोसिस्टम पर बड़े प्रभाव को रोकने के लिए, NPCI ने C-Edge Technologies को NPCI द्वारा संचालित खुदरा पेमेंट सिस्टम तक पहुंचने से अस्थायी रूप से अलग कर दिया है. अलगाव की अवधि के दौरान C-Edge द्वारा सेवा देने वाले बैंकों के ग्राहक भुगतान प्रणालियों तक नहीं पहुंच पाएंगे.

रैनसमवेयर हमले के कारण लगभग 300 छोटे भारतीय बैंकों की भुगतान सेवाएं अस्थायी रूप से रुक गई हैं.

रैंसमवेयर हमले से कौन से बैंक प्रभावित हैं?
C-Edge सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए एक प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता है. NPCI ने कहा कि यह NPCI के संज्ञान में लाया गया है कि सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सेवा देने वाली एक टेक्नोलॉजी सर्विस प्रोवाइडर C-Edge Technologies संभवतः रैंसमवेयर हमले से प्रभावित हुई है, जिससे उनके कुछ सिस्टम प्रभावित हुए हैं.

इसमें कहा गया है कि सी-एज टेक्नोलॉजीज के साथ युद्धस्तर पर बहाली का काम चल रहा है और आवश्यक सुरक्षा समीक्षा प्रक्रिया में है. प्रभावित बैंकों से कनेक्टिविटी जल्द से जल्द बहाल की जाएगी.

रैंसमवेयर हमला क्या है?
रैंसमवेयर हमला एक प्रकार का साइबर हमला है, जिसमें मैलवेयर पीड़ित के डेटा को एन्क्रिप्ट कर देता है या उन्हें उनके सिस्टम से लॉक कर देता है. इसके बाद हमलावर एक्सेस बहाल करने के बदले में फिरौती की मांग करते हैं.

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नई दिल्ली: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने कहा है कि कुछ बैंकों के UPI, IPMS और अन्य भुगतान सिस्टम अस्थायी रूप से ग्राहकों के लिए उपलब्ध नहीं होंगे. ऐसा कई बैंकों को सर्विस प्रोवाइडर करने वाली C-Edge Technologies के सिस्टम पर 'रैंसमवेयर' के हमले के कारण हुआ.

NPCI ने कहा कि पेमेंट इकोसिस्टम पर बड़े प्रभाव को रोकने के लिए, NPCI ने C-Edge Technologies को NPCI द्वारा संचालित खुदरा पेमेंट सिस्टम तक पहुंचने से अस्थायी रूप से अलग कर दिया है. अलगाव की अवधि के दौरान C-Edge द्वारा सेवा देने वाले बैंकों के ग्राहक भुगतान प्रणालियों तक नहीं पहुंच पाएंगे.

रैनसमवेयर हमले के कारण लगभग 300 छोटे भारतीय बैंकों की भुगतान सेवाएं अस्थायी रूप से रुक गई हैं.

रैंसमवेयर हमले से कौन से बैंक प्रभावित हैं?
C-Edge सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए एक प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता है. NPCI ने कहा कि यह NPCI के संज्ञान में लाया गया है कि सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सेवा देने वाली एक टेक्नोलॉजी सर्विस प्रोवाइडर C-Edge Technologies संभवतः रैंसमवेयर हमले से प्रभावित हुई है, जिससे उनके कुछ सिस्टम प्रभावित हुए हैं.

इसमें कहा गया है कि सी-एज टेक्नोलॉजीज के साथ युद्धस्तर पर बहाली का काम चल रहा है और आवश्यक सुरक्षा समीक्षा प्रक्रिया में है. प्रभावित बैंकों से कनेक्टिविटी जल्द से जल्द बहाल की जाएगी.

रैंसमवेयर हमला क्या है?
रैंसमवेयर हमला एक प्रकार का साइबर हमला है, जिसमें मैलवेयर पीड़ित के डेटा को एन्क्रिप्ट कर देता है या उन्हें उनके सिस्टम से लॉक कर देता है. इसके बाद हमलावर एक्सेस बहाल करने के बदले में फिरौती की मांग करते हैं.

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