नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार 23 जुलाई को केंद्रीय बजट 2024 पेश किया. यह पीएम मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला और निर्मला सीतारमण का सातवां बजट है. इस बजट से वेतनभोगी मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा निराश हुआ है.
- वित्त मंत्री ने नई टैक्स व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कुछ राहत उपाय पेश किए, जिसमें 3 से 7 लाख रुपये की आय पर 5 फीसदी टैक्स शामिल है. पहले 3 से 6 लाख रुपये के स्लैब पर 5 फीसदी टैक्स देना पड़ता था. इन बदलावों के साथ, टैक्सपेयर को नई टैक्स व्यवस्था में 17,500 रुपये का लाभ मिलेगा.
- हालांकि, जिन लोगों ने टैक्स बचाने के लिए पुरानी कर व्यवस्था को चुना है, उन्हें कोई लाभ नहीं दिया गया है.
- बजट में उन लोगों के लिए भी कोई राहत नहीं दी गई है, जो अपना पैसा म्यूचुअल फंड और शेयरों में लगाते हैं.
- LTCG (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स) को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी और STCG (शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स) को 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है.
वहीं, दूसरी तरफ अगर मिडिल क्लास लोगों को इनमें राहत दी गई है.
- निम्न और मध्यम आय वर्ग के लाभ के लिए, कुछ सूचीबद्ध वित्तीय परिसंपत्तियों पर पूंजीगत लाभ की छूट की सीमा को 1,00,000 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25,00,000 रुपये प्रति वर्ष करने का प्रस्ताव किया गया. हालांकि, निवेशकों को अभी भी म्यूचुअल फंड और शेयरों में अपने निवेश पर अधिक कर चुकाना होगा
- वित्त मंत्री ने अचल संपत्तियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) कर को 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी करने की भी घोषणा की.
- मुद्रास्फीति को समायोजित करने के लिए इंडेक्सेशन लाभ को हटा दिया, जो अपनी संपत्ति बेचने वाले व्यक्तियों पर महत्वपूर्ण रूप से प्रभाव डालेगा.
- हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि 2001 तक खरीदी गई संपत्तियों के लिए इंडेक्सेशन लाभ जारी रहेगा.