नई दिल्ली: नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत 1 अप्रैल 2024 से हो रही है. ऐसे में पैसे से जुड़े मामलों में कई बदलाव भी होने वाले है. जब आप अपने वित्त को कंट्रोल में रखना चाहते हैं तो नए एनपीएस नियमों से लेकर क्रेडिट कार्ड तक इन बदलावों के बारे में जानना जरुरी हो जाता है. इस खबर के माध्याम से जानते है कि 1 अप्रैल, 2024 से क्या-क्या बदलाव होने वाले है.
1 अप्रैल, 2024 से होने वाले बदलाव
- एनपीएस नया लॉगिन नियम- देश भर में हो रही ऑनलाइन धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं के जवाब में, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) खातों के लिए वर्तमान लॉगिन प्रॉसेस में सुधार की घोषणा की है. 1 अप्रैल, 2024 से प्रभावी, पीएफआरडीए एक उन्नत सुरक्षा प्रणाली पेश करेगा, जिसके लिए एनपीएस की सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसी (सीआरए) प्रणाली तक पहुंचने वाले सभी पासवर्ड-आधारित यूजर को टू फैक्टर आधार ऑथेंटिसिटी से गुजरना होगा. यह नया सुरक्षा उपाय अनिवार्य है और 15 मार्च, 2024 को पीएफआरडीए द्वारा जारी एक परिपत्र के माध्यम से सूचित किया गया था.
- एसबीआई डेबिट कार्ड- भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने घोषणा की है कि वह कुछ डेबिट कार्डों पर वार्षिक रखरखाव शुल्क 75 रुपये तक बढ़ाएगा. एसबीआई की वेबसाइट पर दिए गए विवरण के अनुसार, यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल, 2024 से लागू होगी.
- म्यूचुअल फंड्स- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एसेट मैनेजर को 1 अप्रैल से विदेशी एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश करने वाली योजनाओं में निवेश रोकने का निर्देश दिया है. माना जाता है कि यह निर्णय उद्योग द्वारा 1 बिलियन डॉलर (21 मार्च, 2024 तक लगभग 8,311 करोड़ रुपये) की सीमा से अधिक होने का परिणाम है. जवाब में, एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) ने फंड हाउसों को एक लेटर भेजकर 1 अप्रैल, 2024 से विदेशी ईटीएफ में निवेश करने वाले फंडों की सदस्यता रोकने का निर्देश दिया है.
- ओला मनी वॉलेट- OLA मनी ने घोषणा की है कि वह पूरी तरह से छोटे PPI (प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट) वॉलेट सेवाओं में स्थानांतरित हो जाएगी, जिसकी अधिकतम मासिक वॉलेट लोड सीमा 10,000 रुपये 1 अप्रैल, 2024 से लागू की जाएगी.
- इंश्योरेंस- 1 अप्रैल, 2024 से प्रभावी, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमा पॉलिसियों के डिजिटलीकरण को अनिवार्य कर दिया है. इस निर्देश के अनुसार जीवन, स्वास्थ्य और सामान्य बीमा सहित सभी बीमा पॉलिसियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से जारी किया जाना आवश्यक है.