नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग से जुड़ी आवासीय योजना की घोषणा का रियल एस्टेट क्षेत्र ने स्वागत करते हुए इसे सभी के लिए मकान सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप करार दिया. राष्ट्रीय रियल एस्टेट विकास परिषद (नारेडको) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा कि हम शासन, विकास और प्रदर्शन पर जोर देते हुए विकसित भारत के लिए एक मार्ग प्रशस्त तैयार करने में सरकार के दूरदर्शी दृष्टिकोण की सराहना करते हैं. यह बजट एक प्रगतिशील तथा समावेशी भारत को बढ़ावा देने के हमारे दृष्टिकोण के साथ पूरी तरह से मेल खाता है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) योजना के तहत दो करोड़ और मकानों के निर्माण की घोषणा नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने तथा ग्रामीण आवास चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक समर्पित प्रयास को दर्शाती है. बजट प्रस्तावों पर टिप्पणी करते हुए क्रेडाई के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा कि पहल उत्साहजनक है और आवासीय बाजार के विकास में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास पर निरंतर ध्यान से आवास क्षेत्र में विकास को और बढ़ावा मिलेगा
टाटा रियल्टी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय दत्त ने कहा कि जैसा कि कहा जाता है, कभी-कभी कोई खबर न मिलना भी अच्छा होता है. उम्मीदें हमेशा अधिक की रहती है और शायद वर्तमान सरकार का यह पहला बजट है जब रियल एस्टेट जगत के लिए विशेष रूप से कोई घोषणा नहीं की गई.
गोदरेज प्रॉपर्टीज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी गौरव पांडेय ने कहा कि मजबूत शहरी तथा सतत विकास कदम का लंबे समय में घरेलू रियल एस्टेट परिदृश्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. वहीं, गौड़ समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मनोज गौड़ ने कहा कि मध्यम वर्ग के लिए नई योजना से रियल एस्टेट क्षेत्र को फायदा होगा.
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि जैसा कि अनुमान था अंतरिम बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई, लेकिन इसने देशभर में बुनियादी ढांचे के उन्नयन तथा संपर्क के निर्माण पर अपना ध्यान जारी रखा. इससे न केवल प्रमुख शहरों में बल्कि छोटे शहरों में रियल एस्टेट क्षेत्र को फायदा होगा. वहीं, नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) शिशिर बैजल ने कहा कि मध्यम वर्ग के लिए आवास को बढ़ावा देने का प्रस्ताव एक स्वागत योग्य कदम है.
लोहिया डेवलपर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पीयूष लोहिया ने कहा कि भारत के अंतरिम बजट 2024-25 में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत दो करोड़ अतिरिक्त मकानों की घोषणा आवासीय आवश्यकताओं से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इमामी रियल्टी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. नितेश कुमार ने कहा कि विकसित भारत की परिकल्पना के तहत यह अत्यंत सकारात्मक, समावेशी और संतुलित बजट है.
वित्त मंत्री द्वारा मध्यमवर्गीय आवासीय योजना की घोषणा, जो गैर-अनुमोदित कॉलोनी, बस्तियों और किराए के मकानों में रहने वालों को अपना मकाने खरीदने या बनाने का अवसर देती है. यह रियल एस्टेट बाजार के लिए सकारात्मक कदम है.सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के संस्थापक प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि आवासीय योजना की घोषणा मध्यम वर्ग के लिए महत्वपूर्ण है. इस पहल से मध्यम और किफायती आवासीय क्षेत्र के पुन: खड़ा होने उम्मीद है.
मिगसन समूह के प्रबंध निदेशक यश मिगलानी ने कहा कि हम सरकार के अंतरिम बजट का स्वागत करते हैं और रियल एस्टेट क्षेत्र में सकारात्मक प्रतिक्रया की उम्मीद कर रहे हैं. निश्चित रूप से रियल एस्टेट निवेश में और उछाल आने की उम्मीद है. गंगा रियल्टी के संयुक्त प्रबंध निदेशक विकास गर्ग ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा मध्यम वर्ग के लिए घोषित आवासीय योजना वंचित वर्गों को मकान खरीदने और बनाने के लिए सशक्त बनाएगी. यह एक प्रशंसनीय कदम है। यह सभी के लिए आवास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाता है. वहीं, त्रेहान समूह के प्रबंध निदेशक सारांश त्रेहान ने कहा कि अंतरिम बजट की घोषणाएं सभी के लिए आवास सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप हैं. यह उन्हें (मध्यम वर्ग) आवास के बुनियादी अधिकार का आनंद लेने के लिए सशक्त बनाएगा.
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार पात्र मध्यम वर्ग को अपना घर खरीदने या बनाने के लिए एक आवासीय योजना शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार किराये के घर अथवा झुग्गी-बस्ती या चाल और अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले मध्यम वर्ग के पात्र लोगों को अपने मकान खरीदने या बनाने में सहायता करने के लिए योजना लाएगी.
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद इस योजना का कार्यान्वयन जारी रहा और सरकार तीन करोड़ मकानों का लक्ष्य प्राप्त करने के करीब है. उन्होंने कहा कि परिवारों की संख्या में वृद्धि होने से बढ़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए अगले पांच वर्षों में दो करोड़ अतिरिक्त मकानों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.