नई दिल्ली : भारत की आबादी भले ही 1.40 अरब के करीब हो, लेकिन आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या मात्र 6.68 फीसदी ही है. इनमें से भी अधिकांश लोग शून्य टैक्स भरते हैं. यह जवाब मंगलवार को वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में दिया.
वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में केवल 6.68 फीसदी आबादी ने आयकर रिटर्न दाखिल किया है, जबकि कुल 8.09 करोड़ लोगों ने आईटीआर दाखिल किया है. वित्त राज्य मंत्री ने बताया 4.90 करोड़ लोगों ने शून्य कर योग्य आय की सूचना दी है. इसका मतलब यह हुआ कि सिर्फ 3.19 करोड़ लोगों ने ही इनकम टैक्स भरा है. यानी खर्च का पूरा भार मात्र 3.19 करोड़ लोगों पर ही है.
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में कहा कि वैसे आंकड़ों की बात करें तो इनकम टैक्स दाखिल करने वालों की संख्या बढ़ी है और यह संख्या 8.09 करोड़ है. उन्होंने कहा कि पिछले वित्तीय साल यानी 2022-23 में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 7.40 करोड़ थी.
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022 में दाखिल होने वाले आयकर रिटर्न की संख्या 6.96 करोड़ से अधिक थी. उन्होंने यह भी कहा कि वित्तीय वर्ष 2021 में यह संख्या 6.72 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020 में यह संख्या 5.48 करोड़ के आसपास थी.
सरकार के अनुसार आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने अपने लिखित जवाब में यह भी कहा कि अपने आईटीआर में शून्य कर योग्य आय दर्ज करने वाले व्यक्तियों की कुल संख्या आकलन वर्ष 2023-24 में 4.90 करोड़ है, जो 2022-23 में 4.64 लाख से अधिक है.
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