DA Calculation Formula: हर साल जुलाई के महीने में ही पता चलता है कि महंगाई भत्ता कितना बढ़ने वाला है. मई 2024 तक के AICPI इंडेक्स नंबर अपडेट हो गए हैं और अभी तक महंगाई भत्ता 53 प्रतिशत पहुंच गया है. अब जून माह के आंकड़े 31 जुलाई तक आएंगे और इसके बाद डीए के फाइनल आंकड़े सामने आ जाएंगे. इसके बाद साफ हो जाएगा कि डीए में कितनी बढ़ोतरी हुई है. बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए मार्च माह में 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी की गई है. यह अब 46 से बढ़कर 50 प्रतिशत हो गई. यह बढ़ोतरी 1 जनवरी 2024 से लागू है. ऐसे में कर्मचारी अपने डीए और बढ़नी वाली सैलरी का कैलकुलेशन कर सकते हैं. मध्य प्रदेश में भी बड़ी संख्या में केन्द्रीय कर्मचारी है.
मध्य प्रदेश में हैं बड़ी संख्या में केन्द्रीय कर्मचारी
मध्य प्रदेश में लगभग 450,000 नियमित कर्मचारी हैं. इनमें केन्द्रीय कर्मचारियों की भी संख्या शामिल है. विभिन्न संस्थाओं, अर्ध-सरकारी, शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों में 300,000 कर्मचारी हैं. केन्द्रीय कर्मचारियों की एमपी में अच्छी खासी संख्या है इसके चलते इन कर्मचारियों की भी बल्ले-बल्ले होने वाली है.
जुलाई 2024 में क्या होगा डीए
जुलाई माह से केन्द्रीय कर्मचारियों के डीए में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है. वर्तमान में महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत हो चुका है और इसके 53 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है. एआईसीपीआई इंडेक्स पर नजर डालें तो मई 2024 तक यह 139.9 पहुंच चुका है और इस आधार पर महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन 52.91 प्रतिशत हो गया है. अभी इसमें जून माह का आने वाला आंकड़ा और जुड़ना बाकी है. विशेषज्ञों की मानें तो इंडेक्स कम से कम 0.5 प्रतिशत और बढ़ सकता है.
अभी कितना मिल रहा है महंगाई भत्ता
वर्तमान समय में केन्द्रीय कर्मचारियों को 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है. इसे मार्च 2024 में बढ़ाया गया था. महंगाई भत्ते की दर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर निर्भर है और यही मुद्रास्पीति की दर को बताती है. एआईसीपीआई इंडेक्स के आंकड़ों के आधार पर तय होता है कि महंगाई भत्ता कितना बढ़ेगा. महंगाई भत्ते के 5 माह के आंकड़े जारी हो चुके हैं और जून माह का आंकड़ा आना बाकी है. इसके बाद तय हो जाएगा कि कुल महंगाई भत्ता मिलेगा.
महंगाई भत्ते को निकालने का तरीका
कर्मचारियों को महंगाई भत्ता साल में दो बार दिया जाता है. इसकी काउंटिंग जनवरी और जुलाई से होती है. महंगाई भत्ता कर्मचारियों को हर साल होने वाली मूल्य वृद्धि से बचाने के लिए दिया जाता है. महंगाई भत्ते की गणना का फॉर्मूला सरकार ने 2006 में बदल दिया था. वर्तमान में डीए को कैलकुलेट करने के लिए ये फॉर्मूला है.
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए
डीए%=पिछले 12 महीनों के लिए AICPI(आधार वर्ष 2001=100) का औसत-115.76/115.76X100
सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए
डीए%=पिछले 12 महीनों के लिए AICPI(आधार वर्ष 2001=100) का औसत-126.33/126.33X100
एक उदाहरण से इसे ऐसे समझते हैं कि किसी कर्मचारी का वेतन मान लो 50000 रुपये प्रति माह है. 46% डीए की दर पर महंगाई भत्ता 23000 रुपये था अब 50 प्रतिशत के साथ महंगाई भत्ता बढ़कर 25000 रुपये हो जाएगा. इसका मतलब है कि आपकी सैलरी में (25000-23000 रुपये) में 2000 रुपये बढ़ गए.
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महंगाई भत्ता कितना जरूरी
सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए महंगाई भत्ता देती है ताकि बढ़ती महंगाई से निपटने में कर्मचारियों को मदद मिल सके. मद्रास्फीति की दर लगातार बढ़ रही है और नियंत्रित करने के लिए सरकार कई उपाय करती है लेकिन उसे उतनी सफलता नहीं मिलती कारण कीमतें बाजार के भाव के अनुसार तय होती हैं. बढ़ती महंगाई का असर हर प्रकार के कर्मचारी पर पड़ता है ऐसे में सरकार हर साल अपने कर्मचारियों को मौजूदा मुद्रस्पीति की दर से महंगाई भत्ता देती है. सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत से जब ज्यादा बढ़ जाएगा तो मूल वेतन के साथ कई भत्ते बढ़ जाएंगे. इनमें एचआरए अलाउंस, गैच्युटी, दैनिक भत्ते, बच्चों की शिक्षा का भत्ता, ट्रांसफर भत्ता, माइलेज भत्ता समेत कई दूसरे भत्ते शामिल हैं.