नई दिल्ली: दुनिया के टॉप अमीरों की लिस्ट में शामिल भारतीय अरबपति गौतम अडाणी की रैंकिंग में एक बार फिर बदलाव हुआ है. पिछले दो दिनों में अडाणी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों में गिरावट का असर नेटवर्थ पर भी पड़ा है. ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार बीते 24 घंटे में अडाणी ग्रुप के चेयरमैन को 2.04 अरब डॉलर या करीब 17,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. संपत्ति में आई कमी के कारण गौतम अडाणी का नेटवर्थ कम होकर 95.6 अरब डॉलर रह गई है.
बता दें कि नेटवर्थ में गिरावट के कारण दुनिया के टॉप अमीरों की लिस्ट में गौतम अडाणी 12वें नंबर से सीधे 15वें नंबर पर खिसक गए हैं. आपको ये भी बता दें कि बीते 24 घंटे में एलन मस्क से लेकर मार्क जुकेरबर्ग के तुलना में गौतम अडाणी को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. बता दें अडाणी ग्रुप के स्टॉक में गिरावट देखने को मिली है.
रिश्वतखोरी को लेकर अमेरिका कर रहा अडाणी ग्रुप की जांच
बता दें कि हाल ही में ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में आया है कि अमेरिकी जांचकर्ता इस बात की जांच कर रहे थे कि क्या अडाणी इकाई या कंपनी से जुड़े व्यक्ति ऊर्जा परियोजनाएं हासिल करने के लिए अधिकारियों को रिश्वत देने में शामिल थे. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की भी अमेरिकी अधिकारी जांच कर रहे हैं.
रिपोर्ट पर अडाणी ग्रीन ने क्या कहा?
अडाणी ग्रीन ने कहा कि उसे संयुक्त राज्य अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा किसी तीसरे पक्ष द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों के संभावित उल्लंघन की जांच के बारे में पता था, लेकिन उक्त तीसरे पक्ष के साथ उसका कोई संबंध नहीं है और "इसलिए वह इसके दायरे पर टिप्पणी करने में असमर्थ है. वर्तमान संयुक्त राज्य अमेरिका की जांच में कंपनी या उसके किसी भी कर्मी को तीसरे पक्ष के साथ कंपनी के कथित लेनदेन के संबंध में बताया गया है या उजागर किया गया है.
गौतम अडाणी के बारे में
गौतम शांतिलाल अडाणी, एक भारतीय अरबपति उद्योगपति, अदानी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष के रूप में प्रसिद्ध हैं, जो एक बहुराष्ट्रीय समूह है जो भारत के भीतर बंदरगाह संचालन और विकास में शामिल है. 1996 में गौतम अडाणी द्वारा स्थापित अदानी फाउंडेशन की अध्यक्ष उनकी पत्नी प्रीति अडाणी हैं. समूह के व्यावसायिक हितों में बंदरगाह, हवाई अड्डे, बिजली उत्पादन और पारेषण, और हरित ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं. अडाणी को भारत के सबसे बड़े हवाईअड्डा संचालक के रूप में पहचाना जाता है और वह देश के सबसे बड़े गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह को भी नियंत्रित करता है.