नई दिल्ली: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि लिथियम-आयन बैटरी की कीमतों में गिरावट के साथ, इलेक्ट्रिक वाहन अब बिना सब्सिडी के लागत को बनाए रख सकते हैं, लेकिन यह वित्त और भारी उद्योग मंत्रालयों को तय करना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता है या नहीं. गडकरी ने यह बातें ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरर्स (एसीएमए) के 64वें सलाना सत्र को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने आगे कहा कि देश में अगले दो साल के अंदर इलेक्ट्रिक व्हेकिल्स की कीमतें पेट्रोल और डीजल पर चलने वाले व्हीकल के बराबर हो जाएंगी.
जब उनसे पूछा गया कि क्या ईवी पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म हो जाएगी, इस पर गडकरी ने कहा कि वह ईवी पर मिलने वाली सब्सिडी के खिलाफ नहीं हैं. केंद्रीय परिवहन मंत्री ने कहा कि उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी देने पर कोई आपत्ति नहीं है.
बता दें, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की तेजी से मांग बढ़ रही है. जब से मोदी सरकार ने सत्ता संभाली है तभी से सरकार का फोकस इन वाहनों पर रहा है. 2023 के आंकड़ों के मुताबिक भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का मार्केट शेयर करीब 6 फीसदी है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि एक समय में लिथियम आयन बैटरी की कीमत 150 डॉलर प्रति किलोवाट घंटा थी. अब यह 108 से 110 डॉलर प्रति किलोवाट घंटा है. उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि आने वाले समय में यह कीमतें 100 डॉलर तक पहुंच जाएंगी. केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मैं पेट्रोल-डीजल पर चलने वाले गाड़ी के खिलाफ कतई नहीं हूं, लेकिन भारत को फॉसिल फ्यूल पर अपनी निर्भरता कम करनी हो होगी. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों और इथेनॉल को अपनाने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.
गडकरी ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत दुनिया में नंबर एक ऑटोमोटिव विनिर्माण केंद्र बन सकता है और इस उद्योग का भविष्य बहुत उज्ज्वल है.