नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत और व्हाइट हाउस में उनकी वापसी से भारत पर दूरगामी प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि चुनाव परिणाम भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए उत्प्रेरक का काम कर सकते हैं.
विशेषज्ञों का तर्क है कि भारत और अमेरिका के बीच संबंधों के मजबूत होने से व्यापार, निवेश और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो सकती है, जिससे अंततः भारत में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. चूंकि दोनों देश अपने मौजूदा संबंधों को और मजबूत कर रहे हैं, इसलिए इस घटनाक्रम को भारत के लिए वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में और अधिक अनुकूल होने के अवसर के रूप में देखा जा रहा है.
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार के अनुसार, चुनाव परिणाम न केवल भारत में नए निवेश को आकर्षित करेंगे, बल्कि अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के लिए अधिक रोजगार के अवसर भी पैदा करेंगे. चुनाव नतीजों के दिन, सेंसेक्स में 901.50 अंक (1.13 प्रतिशत) की वृद्धि हुई, जबकि निफ्टी में 273.05 अंक (1.13 प्रतिशत) की वृद्धि हुई. आर्थिक विशेषज्ञ देवेंद्र कुमार मिश्रा का कहना है कि लंबी अवधि में, मजबूत संबंधों से भारतीय बाजार और निर्यात दोनों को लाभ होगा.
भारतीय पेशेवरों की आय में वृद्धि हो सकती है...
राजीव कुमार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत का भारत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने बताया कि व्यापार नीतियों के संबंध में ट्रंप का दृष्टिकोण स्पष्ट है. ट्रंप ने चीन जैसे देशों पर उच्च टैरिफ लगाए हैं, जिससे भारत के लिए अमेरिका के साथ अपना व्यापार बढ़ाने के अवसर पैदा होते हैं. इसके अलावा, ट्रंप द्वारा अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करने पर ध्यान केंद्रित करने से, अमेरिका में वैध रूप से रहने वाले भारतीय पेशेवरों की आय में वृद्धि हो सकती है.
अमेरिका को निर्यात बढ़ाने का मौका
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष का मानना है कि भारत के लिए अमेरिका को अपना निर्यात बढ़ाने का मौका है और अगर अमेरिका को भारत के साथ व्यापार करने में फायदा होता है, तो वह देश में निवेश भी बढ़ा सकता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत से बाहर चले गए विदेशी निवेशकों को स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करने और नीतियों और शर्तों की स्पष्ट समझ होने के बाद वापस लौटने में लगभग 4-6 महीने लग सकते हैं.
शेयर बाजार पर होगा सकारात्मक प्रभाव
देवेंद्र कुमार मिश्रा का कहना है कि ट्रंप की वापसी से शेयर बाजार पर भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच मजबूत राजनीतिक संबंधों ने दोनों देशों के बीच ठोस व्यापार संबंध को बढ़ावा देने में मदद की है. ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति, जहां अमेरिकी हितों को प्राथमिकता देने पर केंद्रित है, वहीं इसने भारत को अपनी विदेश नीति में भी शामिल किया है, जो इस बात का संकेत है कि भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इससे भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अमेरिका-भारत संबंध ट्रंप की विदेश नीति के अनुरूप विकसित होते रहेंगे. देवेंद्र कुमार मिश्रा ने इस बात को समझाया कि यह उनके पहले कार्यकाल के दृष्टिकोण की निरंतरता होगी, जिसमें क्वाड जैसी पहलों के माध्यम से अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूत करना शामिल है. इससे सुरक्षा सहयोग बढ़ेगा, जिसका लाभ भारत को मिलेगा.
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