नई दिल्ली: भारतीय रेलवे मरे हुए चूहों को ढूंढने के लिए स्टेशनों की एंडोस्कोपी करेगा. ये सुनने में थोड़ा अटपटा सा लग रहा होगा, लेकिन यह सच है. रेलवे ने यात्रियो और कर्मचारियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है. बता दें कि रेलवे के इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत मुंबई से हो चुकी है.
रेलवे मरे हुए चुहे क्यों ढूंढ रही?
रेलवे स्टेशनों पर कई बार ऐसा होता है कि चूहे ऐसी जगह मर जाते हैं कि उनको वहां से ढूंढना मुश्किल हो जा जाता है. ऐसे में इन जगहों से भयानक बदबू आने लगती है. जिसके कारण पैसेंजर्स और रेलवे कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए रेलवे ने दो बोरोस्कोपिक कैमरों से मरे हुए चुहों को तलाश करने का काम शुरू किया है.
मुंबई में रेलवे का पायलट प्रोजेक्ट शुरू
मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के लॉबी और मोटरमैन तथा ट्रेन प्रबंधकों के लिए निर्धारित क्षेत्रों में मरे हुए चूहों का पता लगाने के लिए मध्य रेलवे ने अत्याधुनिक बोरस्कोप कैमरों का यूज किया जा रहा है. लॉबी का यूज करने वाले लोगों द्वारा मरे हुए चूहों के कारण होने वाली भयंकर बदबू की शिकायत के बाद यह कदम उठाया गया है.
लॉबी के छत क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए दो बोरस्कोप कैमरों का इस्तेमाल किया गया है. बता दें कि रेलवे के निरीक्षण के दौरान, कई मरे हुए चूहे पाए गए और उन्हें हटा दिया गया. मरे हुए चूहे शौचालय और वॉशरूम और छत पर पाए गए.