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UPI के बावजूद कैश की नहीं घट रही डिमांड, चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने - ATM cash withdrawals

ATM cash withdrawals- ऑफिस से लेकर चौराहों तक एटीएम मशीन कई जगह लगे हुए है, लोग इससे आसानी से पैसे निकाल लेते है. भारत में लगातार यूपीआई पेमेंट को बढ़ावा दिया जा रहा है. लेकिन फिर भी भारक में कैश ने अपनी जगह बनाई रखी है. FY24 में एटीएम से 1.4 करोड़ रुपये कैश निकाले गए है. पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 29, 2024, 5:17 PM IST

नई दिल्ली: भारत में यूपीआई पेमेंट में बढ़ोतरी के बावजूद, पिछले साल मासिक औसत एटीएम से कैश निकालने में 5.51 फीसदी की वृद्धि हुई है. लेटेस्ट सीएमएस उपभोग रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में विड्रॉल 1.35 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 1.43 करोड़ रुपये हो गई है. इसका मतलब यह है कि लोग अभी भी अधिक कैश खर्च कर रहे हैं, जो समग्र खपत में बढ़ोतरी का संकेत हो सकता है.

महीने के आधार पर, FY24 में औसत एटीएम नकद निकासी FY23 की तुलना में अधिक थी, 12 में से 10 महीनों में निकासी FY23 के मासिक औसत 7.23 फीसदी से अधिक थी.

सीएमएस रिपोर्ट के मुताबिक एटीएम निकासी के रुझान से संकेत मिलता है कि वित्त वर्ष 2024 में, महानगरों में औसत नकदी निकासी में 10.37 फीसदी की वृद्धि हुई, इसके बाद सेमी-अर्बन और ग्रामीण (एसयूआरयू) में 3.94 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, और सेमी-मेट्रो सिटी में 3.73 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

FY24 के दौरान, भारत में एटीएम से निकासी में खपत हॉटस्पॉट का नेतृत्व दो उत्तरी राज्यों - दिल्ली और उत्तर प्रदेश ने किया है. वहीं, 2 दक्षिणी राज्य - तमिलनाडु और कर्नाटक, और 1 पूर्वी राज्य - पश्चिम बंगाल शामिल है.

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मामले में, 49 फीसदी एटीएम महानगरीय और शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं जबकि 51 फीसदी एटीएम एसयूआरयू में स्थित हैं. इसके अनुरूप, निजी क्षेत्र के बैंकों के मामले में, 64 फीसदी एटीएम महानगरीय और शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं, जबकि 36 फीसदी एटीएम उपभोग व्यय को सक्षम करने के लिए एसयूआरयू में स्थित हैं.

इस राज्य के एटीएम से निकाले गए सबसे अधिक कैश
वित्त वर्ष 24 के दौरान कर्नाटक में सबसे अधिक वार्षिक औसत निकासी 1.83 करोड़ रुपये देखी गई, इसके बाद दिल्ली और पश्चिम बंगाल में क्रमश- 1.82 करोड़ रुपये और 1.62 करोड़ रुपये की निकासी हुई. FY24 में, 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 14 में वार्षिक औसत एटीएम निकासी में 6.45 फीसदी की वृद्धि देखी गई, और 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में औसतन 4.14 फीसदी की गिरावट देखी गई.

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नई दिल्ली: भारत में यूपीआई पेमेंट में बढ़ोतरी के बावजूद, पिछले साल मासिक औसत एटीएम से कैश निकालने में 5.51 फीसदी की वृद्धि हुई है. लेटेस्ट सीएमएस उपभोग रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में विड्रॉल 1.35 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 1.43 करोड़ रुपये हो गई है. इसका मतलब यह है कि लोग अभी भी अधिक कैश खर्च कर रहे हैं, जो समग्र खपत में बढ़ोतरी का संकेत हो सकता है.

महीने के आधार पर, FY24 में औसत एटीएम नकद निकासी FY23 की तुलना में अधिक थी, 12 में से 10 महीनों में निकासी FY23 के मासिक औसत 7.23 फीसदी से अधिक थी.

सीएमएस रिपोर्ट के मुताबिक एटीएम निकासी के रुझान से संकेत मिलता है कि वित्त वर्ष 2024 में, महानगरों में औसत नकदी निकासी में 10.37 फीसदी की वृद्धि हुई, इसके बाद सेमी-अर्बन और ग्रामीण (एसयूआरयू) में 3.94 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, और सेमी-मेट्रो सिटी में 3.73 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

FY24 के दौरान, भारत में एटीएम से निकासी में खपत हॉटस्पॉट का नेतृत्व दो उत्तरी राज्यों - दिल्ली और उत्तर प्रदेश ने किया है. वहीं, 2 दक्षिणी राज्य - तमिलनाडु और कर्नाटक, और 1 पूर्वी राज्य - पश्चिम बंगाल शामिल है.

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मामले में, 49 फीसदी एटीएम महानगरीय और शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं जबकि 51 फीसदी एटीएम एसयूआरयू में स्थित हैं. इसके अनुरूप, निजी क्षेत्र के बैंकों के मामले में, 64 फीसदी एटीएम महानगरीय और शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं, जबकि 36 फीसदी एटीएम उपभोग व्यय को सक्षम करने के लिए एसयूआरयू में स्थित हैं.

इस राज्य के एटीएम से निकाले गए सबसे अधिक कैश
वित्त वर्ष 24 के दौरान कर्नाटक में सबसे अधिक वार्षिक औसत निकासी 1.83 करोड़ रुपये देखी गई, इसके बाद दिल्ली और पश्चिम बंगाल में क्रमश- 1.82 करोड़ रुपये और 1.62 करोड़ रुपये की निकासी हुई. FY24 में, 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 14 में वार्षिक औसत एटीएम निकासी में 6.45 फीसदी की वृद्धि देखी गई, और 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में औसतन 4.14 फीसदी की गिरावट देखी गई.

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